दुष्यंत चौटाला के दौरे में उमड़ी भारी भीड़ ने बदल डाले समीकरण 


शब्दवाणी समाचार, रविवार 1 नवंबर 2020, गोहाना। बरोदा के चुनावी महाभारत में डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला का दौरा भारी उलटफेर करने का काम कर गया। दुष्यंत चौटाला ने कल बरोदा हलके के गंगाना, भावड़, मदीना, रूखी और रभड़ा गांवों में जनसभाओं को संबोधित करते हुए बीजेपी-जेजेपी गठबंधन के प्रत्याशी योगेश्वर दत्त के लिए जन समर्थन मांगा। पांचों गांव में दुष्यंत चौटाला को सुनने के लिए भारी जनसमूह उमड़ पड़ा जिसके चलते कांग्रेस में खलबली मच गई और अब चुनावी नजारा पूरी तरह से बदल गया है। गंगाना, भावड़, मदीना, रुखी और रभड़ा गांवों में जेजेपी का मजबूत जनाधार माना जाता है। 2019 के चुनाव में इन गांवों में जे जे पी ने लगभग 4500 वोट हासिल किए थे। कांग्रेस ने इन गांवों में सेंध लगाने के लिए पूरी ताकत झोंकी थी और भूपेंद्र सिंह हुड्डा व दीपेंद्र हुड्डा दोनों ही दो-दो बार इन गांव में आए।



ऐसे में दुष्यंत चौटाला के लिए अपना जनाधार बचाए रखना बड़ी चुनौती थी। दुष्यंत चौटाला के दौरे के साथ ही कांग्रेस के सारी अरमानों पर पानी फिर गया क्योंकि दुष्यंत चौटाला की जनसभाओं में भारी जनसमूह उमड़ा और तालियों की गड़गड़ाहट के बीच जेजेपी-बीजेपी के वर्करों ने जीत के लिए हुंकार भरी। दुष्यंत चौटाला ने हुड्ढा परिवार को निशाने पर लेते हुए उनकी किसान विरोधी नीतियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते हुए जनता से विकास और सरकार में हिस्सेदारी लेने की अपील की। उन्होंने कहा कि योगेश्वर दत्त जैसे युवा का विधायक बनना जहां बरोदा के लिए गौरवशाली होगा वही विकास में भी पूरी हिस्सेदारी इलाके को मिलेगी। उन्होंने बरोदा के विकास के लिए गारंटी देते हुए कहा कि योगेश्वर के साथ-साथ हर काम कराना उनकी जिम्मेदारी रहेगी।  दुष्यंत चौटाला के 5  गांवों के दौरे से सारे समीकरण 24 घंटे में ही पलट गए और कांग्रेस बैकफुट पर नजर आई। दुष्यंत चौटाला का यह दौरा जहां बीजेपी प्रत्याशी के लिए जीत का बड़ा दावा पेश कर गया वहीं कांग्रेस के लिए खतरे की घंटी बजाने का काम कर गया।




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