स्टॉक मार्केट में मंदी के दौरान फंड्स को मैनेज करने के 5 तरीके

शब्दवाणी समाचार, वीरवार 31 दिसंबर 2020, नई दिल्लीशेयर बाजार में समय के साथ बार-बार साबित हुआ है कि निवेश करते समय भावनाओं का कोई मोल नहीं होना चाहिए। 2020 में, हमने बस यह देखा कि बाजार ने एक बार फिर इसे दोहराया है। फरवरी और मार्च के बीच बेंचमार्क सूचकांकों में लगभग 40% का करेक्शन आया। कई निवेशक और ट्रेडर घबरा गए और उन्होंने तो अपने निवेश को बाहर निकाल लिया था। कुछ लोग लालच में फंस गए और उन्होंने अस्थिर बाजार में भारी कारोबार किया। सिर्फ वे लोग बच गए थे, जो अपने निवेश को लेकर कायम रहे। भावनाओं के बहाव में आकर फैसले नहीं लिए और वह ही सही मायनों में लाभ कमाने में सक्षम थे।

आज संबंधित सूचकांक अपने सर्वकालिक सर्वोच्च स्तर पर कारोबार कर रहे हैं - या बाजार की मंदी तस्वीर में आई भी नहीं थी तब वे जिस स्थिति में थे, वहां से भी 10% ऊपर है। यह बाजार की खूबसूरती है। सभी शेयर बाजारों के इतिहास में, जब भी प्रतिकूलता का सामना करना पड़ा, बाजार केवल मजबूत हुए हैं। फिर भी, आपको शेयर बाजार के मंदी के प्रबंधन के दौरान इन बातों को हमेशा ध्यान में रखना चाहिए।

एकमुश्त राशि का निवेश न करें :

आपको कभी भी बाजार के भीतर एकमुश्त निवेश नहीं करना चाहिए। बल्कि, आपका निवेश एक एसआईपी प्रारूप में होना चाहिए। इस दृष्टिकोण का सबसे बड़ा लाभ यह है कि भले ही बाजार में फ्री-फ्लो चल रहा हो, तब आप अपनी खऱीद के साथ एवरेज बना रहे होते हैं। चूंकि, बाजार को अंततः ऊपर ही जाना है, इसलिए आपको बाद में सुंदर रिटर्न प्राप्त होने की संभावना बनी रहती है।

उदाहरण के लिए, 1 जनवरी 2020 को सभी निफ्टी-50 शेयरों की 12 यूनिट्स में एकमुश्त निवेश करते तो आपको आज तक 17,000 रुपए का लाभ मिलता। दूसरी ओर, अगर आपने हर महीने प्रत्येक स्टॉक का एक यूनिट खरीदा होता तो आपका लाभ 35,000 रुपए से अधिक हो गया होगा। यह अपने निवेश को एकमुश्त न करते हुए मौका देखकर करने का लाभ है।

लंबी अवधि के लिए निवेश :

लंबी अवधि के निवेश बाजार की निराशाओं को दूर करने का एक और शानदार तरीका है। मंदी के दौरान, बाजार अपनी सबसे अस्थिर स्थिति में रहे। कुछ निवेशकों का मानना है कि बाजार ने तल को छू लिया है और तेजी की स्थिति ले रहा है। दूसरों का मानना है कि यह आगे डूब जाएगा और मंदी की स्थिति बनाएगा। कीमतें काफी हद तक इस बात का प्रतिबिंब हैं कि ये दोनों विरोधी बल एक-दूसरे के साथ क्या व्यवहार करते हैं। जमीनी हकीकत के साथ उनकी प्रासंगिकता सीमित है क्योंकि सट्टेबाजी काफी हद तक बाजार को नियंत्रित करती है। आपको सभी अटकलों को परिप्रेक्ष्य से हटाना होगा। बस अल्पकालिक संकेतकों का उपयोग करने से बचें और लंबी अवधि के रिटर्न पर अपना ध्यान केंद्रित रखें।

विविधता :

कभी-कभी, भले ही किसी सेक्टर या स्टॉक का समूह अच्छा कर रहा हो, हो सकता है कि संबंधित स्टॉक शानदार प्रदर्शन नहीं कर पा रहा हो। यह टैंक भी हो सकता है। मंदी आए या न आए, एक निवेशक के रूप में आपको हमेशा अपने पोर्टफोलियो में विविधता लानी चाहिए। सुनिश्चित करें कि आप कम से कम दो से तीन असंबंधित क्षेत्रों में निवेश करें। साथ ही, आपके जोखिम उठाने की क्षमता के अनुसार लार्ज-कैप, मिड-कैप और स्मॉल-कैप शेयरों को पर्याप्त वेटेज दिया जाना चाहिए। उदाहरण के लिए, अगर आप हाई रिटर्न्स चाहते हैं, तो स्मॉल-कैप कंपनियों में 60% निवेश करें और बाकी जो बच जाए, उसे बड़े समकक्षों में निवेश करें। अगर आप जोखिम नहीं लेना चाहते हैं तो लार्ज-कैप शेयरों में 70% और स्मॉल-कैप व मिड-कैप वाले शेयरों में 30% निवेश करें।

गुणवत्ता वाले शेयरों में निवेश करें :

आप उन शेयरों की पहचान करें और उनमें ही निवेश करें जो बाजार में अनिश्चितताओं के बावजूद अच्छा ट्रैक रिकॉर्ड रखते हैं। बाजार के उतार-चढ़ाव  के दौरान भी वे अपनी जमीन पकड़े रखते हैं। सुनिश्चित करें कि आरआईएल, मैरिको, टाइटन, केईआई उद्योग और रेडिकोखेतान जैसे क्वालिटी शेयरों को चुने जिनका मजबूत रेवेन्यू सिस्टम है और कुछ ऐसे स्टॉक्स को भी रखें, जिनका राजस्व फ्लो अच्छा हो और उन्हें अच्छे प्रमोटरों का समर्थन मिल रहा हो।  

वैल्युएशन पर नजर रखें :

कोशिश करें और समझें क्योंकि स्टॉक वैल्युएशन बहुत खास मायने रखता है। वे वास्तविक इंडस्ट्री मैट्रिक्स के साथ स्टॉक की कीमतों को सह-संबंधित करते हैं और इस बारे में एक उचित विचार देते हैं कि व्यवसाय कैसे चल रहा है। ओवरवैल्यूड स्टॉक से बचें जो सुरक्षा का कोई मार्जिन प्रदान नहीं करते हैं। उन शेयरों में निवेश करें जिनमें तार्किक  मूल्यांकन और विकास की अद्भुत कहानी है। हालांकि, हम नई मंदी की निकट भविष्य में कोई उम्मीद नहीं कर रहे, लेकिन यह बाजार के विकास का एक हिस्सा है। इसलिए, इन बिंदुओं को अपने दिमाग में रखें और उन्हें अपनी ट्रेडिंग स्ट्रैटेजी का एक अभिन्न हिस्सा बनाएं, खासकर जब समय अनिश्चित हो।

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