सभी चिकित्साओं का जन्म आयुर्वेद के बाद : डा चंचल शर्मा
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गुलाबी आंदोलन भीख मांगने के विरुद्ध जन-जन को जागृत करने वाला राष्ट्रीय अभियान है इसलिए किसी अनजान भीख मांगने वाले को भीख न दें ऐसा करने से फिर वो भीख नही ज्ञान मांगेगा
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शब्दवाणी समाचार, रविवार 20 दिसंबर 2020, नई दिल्ली। डाक्टर चंचल शर्मा दुनिया की सबसे प्राचीनतम आयुर्वेदिक चिकित्सा के द्वारा इनफर्टिलिटी को दूर करने के लिए संकल्पित है। आयुर्वेदिक चिकित्सा का प्राचीन चिकित्सा इसलिए कहा जाता है क्योंकि बाकी चिकित्साओं का जन्म आयुर्वेद के बाद में हुआ है इस लिए इस चिकित्सा को सभी चिकित्साओं की माँ कहा जाता है। डॉ चंचल शर्मा ने निःसंतान महिलाओं को मातृत्व सुख प्रदान करने के लिए एक अभियान की शुरु की है, जिसका नाम है “निःसंतानता भारत छोड़ो”।
डॉक्टर चंचल शर्मा ने मेडिसिन एंड सर्जरी (BAMS), DGO,MD-AM तथा गुरु शिष्य परंपरा के आधार पर उन्होंने D-Certified in Panchakarma (पचंकर्म) से प्राप्त किया है। डॉक्टर चंचल का मुख्य उद्देश्य चरक संहिता,सुश्रुत संहिता एवं अष्टांग ह्रदय जैसे महान ग्रंथों के आधार पर संपूर्ण समाज को निरोगी रखना है।
1. फैलोपियन ट्यूब ब्लॉकेज
2. हाइड्रोसालपिनक्स
3. पॉलीसिस्टिक डिम्बग्रंथि सिंड्रोम
4. गर्भाशय फाइब्रॉएड
5. एंडोमेट्रियम
डॉक्टर चंचल शर्मा ने गहन अध्ययन से पंचमहाभूतों के सिद्धांत को जाना है और उसी के सिद्धांत का पालन करते हुए शरीर के विकार तथा दोषों का संतुलन करने की पूरी कोशिश की है। आशा आयुर्वेदा केन्द्र में डॉ चंचल शर्मा नियमित रुप से महिला निःसंतानता के उपचार की संपूर्ण आयुर्वेदिक सेवाएं प्रदान कर रही है। डॉ चंचल शर्मा करीब एक दशक से भी ज्यादा समय से आशा आयुर्वेदा में मरीजों की सेवा करती आ रही है। महिलाओं में होनी वाली इनफर्टिलिटी की समस्या को ध्यान में ऱखते हुए डाक्टर चंचल शर्मा ने कुछ ऐसी निःसंतानता से संबंधित बिमारियों का निदान आयुर्वेद से कर दिखाया है जिसे ऐलौपैथी से दूर नही किया जा सकता था। आशा आयुर्वेदा में महिलाओं की समस्याओं से जुड़े कुछ ऐसी बीमारियाँ जिनके उपचार में डॉक्टर चंचल शर्मा शत-प्रतिशत परिणाम देती है। यही इसके कौशल एवं दक्षता को प्रदर्शित करता है।
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