अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में व्यवसाय और कार्यबल की रोचक सूझबूझ साझा किया
शब्दवाणी समाचार, रविवार 14 फरवरी 2021, गाजियाबाद। गाजियाबाद में शनिवार 13 फरवरी 2021 को आयोजित जयपुरिया स्कूल ऑफ़ बिजनेस के अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में व्यसाय प्रमुखों और शिक्षा जगत के प्रमुख विचारकों ने डिजिटल युग में व्यवसाय और कार्यबल को लेकर रोचक सूझबूझ साझा की।‘री-इमैजिनिंग बिजनेस एण्ड री-स्किलिंग वर्कफोर्स फाॅर इमर्जिंग डिजिटल ईकोसिस्टम’ विषय पर इस वर्चुअल कान्फ्रेंस में मुख्य वक्तव्य श्री सौरभ गोयल ने दिया जो हैवेल्स इंडिया लि. के प्रेजिडेंट हैं। इस अवसर पर अतिथि संबोधन रवीचंद्रण वेंकटरमन का था जो एलाइव कंसल्टिंग और स्मृति एकेडमी के फाउंडर सीईओ हैं। सम्मेलन के मुख्य अतिथि डाॅ. उतियो रायचैधरी थे जो डेनवर युनिवर्सीटी, अमेरिका में अंतर्राष्ट्रीयकरण के वाइस-प्रोवोस्ट हैं। आयोजन का आरंभ प्रातः 9.30 बजे सरस्वती वंदना से हुआ और इसके बाद सेठ आनंदराम जयपुरिया ग्रुप ऑफ़ एडुकेशनल इंस्टीट्यूशंस के अध्यक्ष श्री शिशिर जयपुरिया ने स्वागत् संबोधन दिया।
सभी क्षेत्रों के व्यवसायों को प्रौद्योगिकी विकास को लेकर आंखें खोल कर रखना आवश्यक है क्योंकि ये कार्पोरेट परिदृश्य बदल देते हैं। साथ ही, कार्यबल को डिजिटल युग के बदलते व्यवसाय परिवेश के अनुसार दुबारा कौशल प्रदान करना जरूरी है। सही अर्थों में इसके बाद ही समाज का विकास और सच्ची प्रगति होगी श्री शिशिर जयपुरिया ने अपने संबोधन में कहा। सौरभ गोयल का संबोधन मुख्यतः डिजिटल क्रांति पर केंद्रित था जो कोविड-19 के परिणामस्वरूप चारों ओर दिख रही है। हम जिस डिजिटल क्रांति की उम्मीद सीईओ या सटीओ से करते थे वह वस्तुतः कोविड की वजह से आ गई है। आज के व्यवसाय प्रमुख यह मानते हैं कि आमदनी बढ़ाने में मुख्य भूमिका डिजिटल तकनीक की होगी। आज 80 फीसद से अधिक व्यवसाय प्रमुख डिजिटल तकनीक अपना रहे हैं और 65 फीसद उनके बजट में डिजिटल तकनीक पर खर्च बढ़ाने के लिए तैयार हैं।
रवीचंद्रण वेंकटरमन ने विमर्श को बढ़ाते हुए साइबर-फिजिकल युग पर अपनी बात रखी जो तेजी से उभर रहा है। उन्होंने बताया यह दुनिया मशीन युग से आगे बढ़ कर पहले सूचना युग और अब साइबर फिजिकल युग में पहुंच गई है। इस बदलाव को बढ़ावा देते हैं: मोबिलीटी, डाटा, इंटरनेट आॅफ थिंग्स और कंटेंट का विकास। फ्यूचर-रेडी संगठनों को आगे ले जाने में स्पीड-टू-वैल्यू और रेडिकल कोलेबरेशन अहम होंगे। इन संगठनों के लिए पूरे इकोसिस्टम में उद्देश्य की स्पष्टता और रेडिकल कोलैबरेशन; सक्रिय प्रतिभा प्रबंधन, डाटा के अनुसार निर्णय लेना, नई संगठनात्मक संरचना और नई उद्यमिता संस्कृति का विकास करना आवश्यक होगा ताकि वे डिजिटल युग में आगे रहें।
मुख्य अतिथि डाॅ. उतियो रायचैधरी ने इस विषय पर वैश्विक दृष्टिकोण से अपनी बात रखी। उन्होंने कहा, ‘‘डिजिटल इकोसिस्टम ने उस मोनोलिथिक चेन को तोड़ दिया है जिसके हमें आदत पड़ी थी। हम अब सूचना युग से बड़े बदलाव के बाद कोलेबरेशन के युग में जा रहे हैं। तकनीक की तेज प्रगति से इतनी सूचना प्राप्त है ताकि हम डाटा के आधार पर व्यवसाय का निर्णय लेने लगे हैं। इससे मौजूद व्यवस्था में बड़े बदलाव आए हैं। आज सबसे जरूरी यह है कि हम डाटा को पूरी तरह खंगालें और इसे सक्षमता के साथ प्राॅसेस करें। विश्व आर्थिक मंच ने अपनी रिपोर्ट में अगले कुछ वर्षों में मशीनों की वजह से अर्थात् एआई-चालित आॅटोमेशन से लगभग 75 मिलियन जाॅब में बाधा आने का अनुमान दिया है। इस रिपोर्ट में मनुष्य, मशीन और अल्गोरिद्म के बीच श्रम विभाजन की बात है। हालांकि रोजगार में बड़ी बाधा होने के साथ 133 मिलियन नए रोजगार पैदा होने का भी जिक्र किया गया है।
अतिथियों के मुख्य संबोधन के बाद अन्य अतिथियों के शानदार पैनल ने ‘री-इमैजिनिंग बिजनेस फाॅर इमर्जिंग डिजिटल ईकोसिस्टम’ और ‘री-स्किलिंग वर्कफोर्स फाॅर इमर्जिंग डिजिटल ईकोसिस्टम’ विषय पर विमर्श किया। जयपुरिया स्कूल आॅफ बिजनेस के निदेशक डाॅ. जीतेंद्र कुमार मिश्रा ने इस अवसर पर सभी का धन्यवाद ज्ञापन किया और कहा कि इस सम्मेलन से कई रोचक दृष्टिकोण मिले जो डिजिटल युग में नए व्यवसाय माॅडल की नई परिकल्पना करने में मदद करेंगे और तदनुसार ऐसे व्यवसायों को दिशा देने के लिए कार्यबलों का दुबारा कौशल विकास और कौशल प्रोन्नयन करना होगा। हमें गर्व है कि इस वर्चुअल अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में उद्योग, शिक्षा जगत और गैर-लाभ संगठनों के वक्ताआंे के शानदार पैनल ने गहन विमर्श किया और डिजिटल बदलावों की बारीकियां सामने रखी और साथ ही, व्यवसाय जगत और समाज पर इसके परिणाम बताए। अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में उद्यमी, काॅर्पोरेट प्रमुख और जयपुरिया स्कूल आॅफ बिजनेस के शिक्षक और विद्यार्थी सभी वर्चुअली शामिल हुए। जयपुरिया स्कूल आॅफ बिजनेस दिल्ली एनसीआर का अग्रगण्य व्यवसाय अध्ययन संस्थान है। सौरभ गोयल और उतियो रायचैधरी दोनों सेठ आनंदराम जयपुरिया ग्रुप आॅफ एडुकेशनल इंस्टीट्यूशंस के पूर्व छात्र रहे हैं।
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