बैंकिट ने ग्रामीण आबादी को सशक्त बनाने के लिए लॉन्च की आधार-पे सर्विस

● नई सेवा का उद्देश्य सरल भुगतान प्रक्रिया को सक्षम करना[MM1]  है, जिसके लिए सिर्फ आधार नंबर और आधार-लिंक्ड बैंक का नाम चाहिए होगा और पेमेंट को बायोमेट्रिक स्कैनर का इस्तेमाल करते हुए सर्टिफाई किया जाएगा

● एजेंटो/ किराना स्टोर/ दुकान मालिकों के लिए यह सेवा शुरू की गई है जो बैंकिट वेब पोर्टल या मोबाइल ऐप के जरिए सबसे आसान तरीके से पेमेंट स्वीकार कर सकेंगे

● इस सेवा का उद्देश्य बैंकिट एजेंट्स को ऐसे ग्राहकों से पेमेंट स्वीकार करने के लिए सशक्त बनाना है जो बहुत ज्यादा टेक-सेवी नहीं है या स्मार्टफोन नहीं चलाते हैं

शब्दवाणी समाचार, मंगलवार 9 फरवरी  2021, नई दिल्ली। डिजिटल पेमेंट के तरीकों ने देश में क्रांति ला दी है और खासकर महामारी की शुरुआत के बाद से फिन-टेक सेग्मेंट[MM2]  में बहुत बड़े बदलाव आए हैं। भारत भी धीरे-धीरे ई-पेमेंट के तरीकों को अपना रहा है और इसकी गति बढ़ रही है। इस पृष्ठभूमि में नोएडा के फिन-टेक स्टार्टअप बैंकिट ने अपने वेबपोर्टल और मोबाइल ऐप पर एन.पी.सी.आई. की आधार-इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम (AePS) तकनीक का उपयोग कर आधार-पे सर्विस लॉन्च की है। इसके[MM3]   रजिस्टर्ड व्यापारी और दुकान मालिक इस तकनीक के जरिए अपने ग्राहकों से भुगतान आसानी से प्राप्त करने में सक्षम होंगे।

यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए है जो देश के ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं और टेक-सैवी नहीं हैं। नई सेवा में प्रोसेस करने के लिए बायोमेट्रिक जरूरतें पूरी करनी होंगी और ग्राहकों का आधार नंबर, आधार-लिंक्ड बैंक का नाम और दुकान पर ग्राहक की उपस्थिति जरूरी होगी। बैंकिट इस समय 23 राज्यों में 50,000+ आउटलेट्स और 10,000+ किराना स्टोर्स में उपलब्ध है। यह सेवा ट्रांजेक्शन को सर्टिफाई करने के लिए रिटेल सेलर्स के फोन/ Computer पर बायोमेट्रिक फिंगरप्रिंट स्कैनर का इस्तेमाल करती है, इसलिए डिजिटल भुगतान के लिए ग्राहक का[MM4]  डेबिट कार्ड वाले[MM5]  स्मार्टफोन की आवश्यकता नहीं पड़ती।

इसके अलावा, तेजी से बढ़ रहा फिन-टेक स्टार्टअप आधार-पे सर्विस के लिए एमडीआर के रूप में व्यापारियों से मात्र 0.30% + जीएसटी वसूलता है। डेबिट/ क्रेडिट कार्ड भुगतानों की तुलना में यह बहुत कम है क्योंकि अगर आप डेबिट/ क्रेडिट कार्ड से पेमेंट स्वीकार करते हैं तो मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) 1% - 1.5% है। इस सिस्टम को इस तरह डिजाइन किया है कि यह ग्राहक के आधार नंबर से जुड़े बैंक खाते की जानकारी खुद-ब-खुद खींचता[MM6]  है और ग्राहक के बैंक खाते को डेबिट करता है और व्यापारी का बैंकिट वॉलेट बैलेंस रियल-टाइम में जमा[MM7]  होता है।

इस डेवलपमेंट पर बैंकिट के कार्यकारी निदेशक और सीओओ श्री अमित निगम ने कहा, “आज भी, देश की ग्रामीण आबादी ई-पेमेंट के तरीकों की अभ्यस्त नहीं है। वह उसमें बदलाव चाहती है। वह भी डिजिटल पेमेंट करना चाहती है, पर वह टेक-सैवी नहीं है और उनके पास अक्सर तकनीकी जानकारी भी नहीं होती, जो डिजिटल पेमेंट के लिए आवश्यक है। बैंकिट की आधार-पे सर्विस के साथ अब देश भर में किसी भी बैंकिट आउटलेट / किराने की दुकानों आदि पर आधार-पे डिजिटल पेमेंट कर सकते हैं। इस सर्विस का उद्देश्य स्थानीय व्यापारियों को डिजिटल पेमेंट के लिए डिजिटाइजेशन सुविधा प्रदान करना है। यह सर्विस वर्तमान में 50,000+ बैंकिट आउटलेट्स के बीच 10,000+ किराना स्टोर में उपलब्ध है, जो अपने ग्राहकों को बैंकिट सेवाएं प्रदान करते हैं। कोई भी व्यापारी या किराना स्टोर का मालिक गूगल प्ले स्टोर से बैंकिट एजेंट ऐप डाउनलोड कर सकता है और वह अपने ग्राहकों से विभिन्न बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं की पेशकश के साथ ग्राहकों से पेमेंट[MM8]  हासिल कर सकते हैं और आसपास के क्षेत्र में बैंकिंग हब बना सकते हैं। बैंकिट की आधार-पे सर्विस पेमेंट प्रोसेस को सरल बनाएगी और कैशलेस लेनदेन को सक्षम बनाएगी। हम जल्द ही इस तरह की और सेवाएं शुरू करेंगे।

Comments

Popular posts from this blog

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ गोविंद जी द्वारा हार्ट एवं कैंसर हॉस्पिटल का शिलान्यास होगा

झूठ बोलकर न्यायालय को गुमराह करने के मामले में रिपब्लिक चैनल के एंकर सैयद सोहेल के विरुद्ध याचिका दायर

22 वें ऑल इंडिया होम्योपैथिक कांग्रेस का हुआ आयोजन