वीमेन बाइक रैली ने स्वच्छता एवं पोषण को लेकर मातृत्व की भावना को किया मजबूत

 

◆ सात महिला मोटरसाइकिलिस्ट ने दिल्ली-एनसीआर, ग्वालियर, इंदौर, नंदरबार और अमरावती तक 1591 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए करीब 57,112 माताओं तक स्वच्छता एवं पोषण का संदेश पहुंचाया

◆ 52 हेल्थवर्कर, 14 जिला प्रशासनों, 3 एमपी-एमएलए-वाइस चांसलर, 80 माताओं एवं 53 बच्चों तक पहुंची रैली

शब्दवाणी समाचार, शुक्रवार 5 मार्च  2021, नई दिल्ली। पिछले दो साल में रीच ईच चाइल्ड कैंपेन के तहत प्रभावी तरीके से 16 हजार से ज्यादा बच्चों की जिंदगी बचाने की सफलता का उत्सव मनाते हुए सात महिला बाइकर्स के समूह ने छह दिन में पांच राज्यों में 1591 किलोमीटर की रैली सफलतापूर्वक पूरी की है। बाइक रैली का उद्देश्य महाराष्ट्र के नंदरबार एवं अमरावती जिलों की महिलाओं के साहस को प्रोत्साहित करना एवं उन्हें सम्मान देना था। रीच ईच चाइल्ड के सहयोग से इन क्षेत्रों में महिलाएं स्वच्छता, बेहतर डाइट और जनस्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच के माध्यम से अपने बच्चों के जीवन को सुरक्षित करने में सक्षम हुई हैं। रीच ईच चाइल्ड पहल का क्रियान्वयन प्लान इंटरनेशल की भारतीय इकाई प्लान इंडिया द्वारा किया जा रहा है।

लव फॉर किड्स बाइक रैली की शुरुआत गुरुग्राम से हुई थी। पूरे रास्ते में इस रैली को ग्रुरुग्राम, ग्वालियर, इंदौर, नंदरबार और अमरावती के स्थानीय प्रशासन से उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिली। रीच ईच चाइल्ड और बनेगा स्वस्थ इंडिया (बीएसआई) कैंपेन के अनूठे प्रयासों व नतीजो को देखते स्थानीय शहरी प्रशासनों ने इसे पूर्ण सहयोग का भरोसा दिलाया है। इस अनूठी पहल की सफलता पर रेकिट बेंकाइजर (आरबी) के डायरेक्टर एक्सटर्नल अफेयर्स एंड पार्टनरशिप्स- हेल्थ एएमईएसए श्री रवि भटनागर ने कहा, ‘बनेगा स्वस्थ इंडिया ने स्वच्छता एवं पोषण को लेकर जागरूकता फैलाने में अद्वितीय भूमिका निभाई है। बाइक रैली ऐसी ही एक अनूठी पहल है, जो बच्चों में कुपोषण की समस्या के खिलाफ एक अथक प्रयास का संदेश देती है। अगले पांच साल में इस पहल के तहत नौ राज्यों में कुपोषित बच्चों की 20 लाख माताओं तक पहुंचने का लक्ष्य है।

यह रैली 52 हेल्थवर्कर्स, 14 जिला प्रशासनों, 3 एमपी-एमएलए-वाइस चांसलर, 80 माताओं और 53 बच्चों तक पहुंची और स्वच्छता एवं पोषण का संदेश दिया। प्रमुख हस्तियां एवं मुख्य अतिथि भी इस अवसर पर उपलब्ध रहे। रैली का हिस्सा रही एक बाइकर मॉम ने अपने अनुभव पर कहा, ‘रीच ईच चाइल्ड कैंपेन का हिस्सा बनकर मैं खुश हूं, क्योंकि बच्चों में कुपोषण हमारे समाज की एक गंभीर समस्या है और बच्चों के जीवन की रक्षा करना हम सबकी जिम्मेदारी है। डेटॉल और बनेगा स्वस्थ इंडिया टीम को इस शानदार पहल के लिए बधाई। लोगों का जीवन यूं ही बचाते रहिए।’ प्लान इंडिया के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर श्री मुहम्मद आसिफ ने कहा, ‘रीच ईच चाइल्ड प्रोग्राम ने ग्रामीण समुदायों के बीच कुपोषण की चुनौती से सफलतापूर्वक निपटने की दिशा में सरकार, कॉरपोरेट और सिविल सोसायटी के संयुक्त प्रयास के महत्व को रेखांकित किया है। बाइक रैली ने हमारे लोगों में उत्साह का संचार किया है। आने वाले समय में हमें कुछ शानदार नतीजों की उम्मीद है।

डेटॉल बनेगा स्वस्थ इंडिया के तहत इनोवेटिव डिजिटल एवं आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस आधारित रीच ईच चाइल्ड (आरईसी) पहल के अंतर्गत बच्चे के जन्म के शुरुआती 1000 दिनों में जरूरी सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। महाराष्ट्र के नंदरबार और अमरावती जिलों में इसका व्यापक प्रभाव देखने को मिला है। इसकी शुरुआत 2018 में हुई थी और इसका लक्ष्य पांच साल से कम उम्र के बच्चों पोषण की स्थिति सुधारना और उम्र के हिसाब से बच्चों का विकास नहीं हो पाने की समस्या (स्टंटिंग) को 40 प्रतिशत तक कम करना है। इसकी अनूठी वाउचर स्कीम के तहत गंभीर रूप से कुपोषित एवं हाई रिस्क प्रेग्नेंट वुमेन के इलाज एवं अन्य संबंधित खर्च उठाए जाते हैं। पिछले दो साल में अपनी इस पहल के दम पर आरईसी ने 16,000 से ज्यादा बच्चों का जीवन बचाया है। 2020-21 में होम विजिट और मदर ग्रुप मीटिंग्स (204 मदर ग्रुप्स और 204 प्रेग्नेंट वीमेन ग्रुप) के जरिये करीब 39,800 महिलाओं तक पहुंचने में सफलता मिली है। अगले पांच साल में आरईसी का लक्ष्य नौ राज्यों में कुपोषित बच्चों की 20 लाख माताओं तक पहुंचने का है।

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