कॉन्वेजीनियस ने टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर टियर-3 शहरों और ग्रामीण भारत के 1.5 करोड़ विद्यार्थियों तक ऑनलाइन शिक्षा पहुंचाया
◆ कॉन्वेजीनियस ने हासिल की नई उपलब्धि; टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर टियर-3 शहरों और ग्रामीण भारत के 1.5 करोड़ विद्यार्थियों तक ऑनलाइन शिक्षा को पहुंचाया
◆ कॉन्वेजीनियस का चैट-बेस्ड लर्निंग प्लेटफॉर्म मई 2020 से भारत में मध्यम और निम्न-आय वाले परिवारों के 1.5 करोड़ विद्यार्थियों को जोड़ चुका है
◆ 10 भाषाओं में उपलब्ध व्हाट्सएप लर्निंग सत्रों से प्रति सप्ताह 80 लाख विद्यार्थी 98% पूर्णता दर के साथ लाभान्वित हो रहे हैं
शब्दवाणी समाचार, मंगलवार 6 अप्रैल 2021, नई दिल्ली। अपनी शानदार विकास यात्रा में एक और बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए एडटेक सोशल एंटरप्राइज कॉन्वेजीनियस पिछले 11 महीनों में 1.5 करोड़ नए विद्यार्थियों तक पहुंच गया है। महामारी के कारण होने वाले टेक्नोलॉजिकल शिफ्ट की पृष्ठभूमि में सोशल एंटरप्राइज टेबलेट-आधारित अडाप्टिव लर्निंग से चैटबॉट-असिस्टेड टीचिंग और लर्निंग की ओर गया है और इसने एडटेक प्लेटफॉर्म के आउटरीच को बढ़ावा दिया है।
कॉन्वेजीनियस में वीपी-ऑपरेशंस विप्रव चौधरी ने पाया था कि कोविड-19 के दौरान, डिजिटल उपकरणों की उपलब्धिता भारत में ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों के छात्रों के लिए शिक्षा में एक बड़ी अड़चन थी। उन्होंने कहा, "जब महामारी की वजह से शिक्षा ऑनलाइन माध्यम में शिफ्ट हो गई, तो डिवाइस असमानता देश भर में टियर -1 और टियर -2 क्षेत्रों से परे अधिकांश छात्रों के सामने बड़ी समस्या के रूप में सामने आई। हमने महसूस किया कि प्रतिकूल परिस्थितियों की चुनौती को एक अवसर मानकर देखने की जरूरत है और हम हालात बदल सकते हैं। हमने अपने मौजूदा सॉल्युशन को पैरेंट-बेस्ड ऑफरिंग में बदलने का फैसला किया, जिससे टैबलेट-बेस्ड लर्निंग को हम व्हाट्सएप पर ले गए। माता-पिता और उनके बच्चे घर पर ही मौजूद थे, और बच्चे वायरस के फैलने के दौरान भी घर से फोन पर सीख सकते थे।
कॉन्वेजीनियस टीम ने अपने सॉल्युशन में व्हाट्सएप एपीआई को एकीकृत कर और घर से पढ़ाई करने वाले छात्रों को सूचना और सामग्री की छोटी-छोटी जानकारी देने के लिए मैसेंजर फ़ंक्शन का उपयोग करके लर्निंग के चैटबॉट-बेस्ड मॉडल को अपनाया। यह मॉडल वायरस के प्रकोप से सामने आई डिवाइस (टैबलेट / पीसी) असमानता से प्रेरित था, साथ ही सभी सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि के भारतीय घरों में व्हाट्सएप की आश्चर्यजनक सर्वव्यापकता थी। इस ऐप के सुपर-फ्रेंडली इंटरफेस ने आगे चलकर छात्रों को क्वारेंटाइन रहकर पढ़ाई करने और उनके अभिभावकों को अपने बच्चों की लर्निंग प्रोग्रेस पर नजर रखने और उसमें भाग लेने के लिए आदर्श सॉल्युशन बनाया।
मई 2020 में चैट-बेस्ड टीचिंग और लर्निंग प्लेटफॉर्म के लॉन्च के बाद से कॉन्वेजीनियस अब 10 भाषाओं के साथ 1.5 करोड़ छात्रों तक पहुंच गया है, जिसमें व्हाट्सएप प्लेटफॉर्म के माध्यम से लर्निंग सत्र 98% पूरा होने की साप्ताहिक दर तक पहुंच रहे हैं। विप्रव कहते हैं, “हमारे एडटेक सॉल्युशन में व्हाट्सएप को इंटीग्रेट करने से न केवल छात्रों को, बल्कि टीचर्स और अभिभावकों को भी कई लाभ हुए हैं। जब अपनी गति से सीखने का मौका मिलता है तो छात्र सशक्त होते हैं और वे बेहतर तरीके से जानकारी रख सकते हैं। प्लेटफ़ॉर्म में निर्मित संवाद बढ़ाने वाला एआई हमें प्रत्येक छात्र को लर्निंग के पर्सनलाइज्ड तरीकों के साथ आगे बढ़ने की अनुमति देता है। शिक्षकों ने लॉकडाउन में मौखिक भाषाओं में कई शैक्षणिक वीडियो बनाए हैं। एआई टेक्नोलॉजी द्वारा छात्रों को सबसे अधिक प्रासंगिक सामग्री से जोड़ने का प्रयास किया गया है। इसके अलावा, शिक्षकों के पास चैटबॉट का अपना वर्जन है जो उन्हें स्टूडेंट डेटा प्रदान करता है। इससे उन्हें सशक्तिकरण मिलता है कि वे लर्निंग नतीजों का आकलन करते हुए छात्रों की लर्निंग को मैप करते हैं और आकार देते हैं।
2014 में अपनी स्थापना के बाद से स्टार्टअप ने माइकल और सुसान डेल फाउंडेशन (MSDF), बेनोरी वेंचर्स, इनेबलर्स, और आशीष गुप्ता, संस्थापक और ट्रस्टी, अशोका विश्वविद्यालय जैसे अन्य लोगों और संस्थागत निवेशकों से 20 करोड़ रुपए की फंडिंग जुटाई है। वित्त वर्ष 2019-20 में इसका वार्षिक राजस्व 18.4 करोड़ रुपए था। शिक्षा क्षेत्र में महामारी से होने वाले परिवर्तनों के बावजूद कॉन्वेजीनियस 2021 में मध्यम और निम्न-आय वाले परिवारों के 4-5 करोड़ छात्रों तक पहुंचने का विकल्प देख रही है, जो कंपनी के 'एडटेक फॉर नया भारत (ईटीएनबी)' मिशन का हिस्सा है।
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