यूनाइटेड हेल्थ ग्रुप ने कोविड-19 के लिये 1 मिलियन डॉलर का योगदान दिया
◆ यूनाइटेड हेल्थ फाउंडेशन के माध्यम से 2500 से ज्यादा ऑक्सीजन कंसेन्ट्रेटर्स की फंडिंग होगी, ताकि अनिवार्य चिकित्सा उपकरणों की जरूरत पूरी हो सके
◆ यह योगदान कोविड-19 से लड़ने और प्रभावित समुदायों की सहायता करने में कंपनी के 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर से ज्यादा के निवेशों पर आधारित है, जिनमें साल 2020 में भारत को दिये गये 1.5 मिलियन डॉलर शामिल हैं
शब्दवाणी समाचार, शनिवार 8 मई 2021, गुरूग्राम। यूनाइटेडहेल्थ ग्रुप (NYSE: UNH) भारत में कोरोनावायरस के बढ़ते संकट को देखते हुये यूनाइटेड हेल्थ फाउंडेशन के माध्यम से 1 मिलियन डॉलर (7.4 करोड़ रूपये) दान कर रहा है। भारत में कोविड-19 के मामले और उससे होने वाली मौतें रोजाना रिकॉर्ड तोड़ रही हैं और सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिये अभूतपूर्व आपातकाल की स्थिति बनी हुई है। यह दान कोविड-19 से लड़ने के लिये कंपनी की वैश्विक प्रतिबद्धता का विस्तार है, जिसमें भारत को 1.5 मिलियन डॉलर (11 करोड़ रूपये) का पिछला दान शामिल है।
इस योगदान से 2500 ऑक्सीजन कंसेन्ट्रेटर्स की प्राप्ति होगी, ताकि भारत में ऑक्सीजन और उन अन्य महत्वपूर्ण मेडिकल उपकरणों की कमी दूर हो सके, जो कोविड-19 का गंभीर संक्रमण होने पर इलाज के लिये जरूरी हैं। यह अनुदान यूएस-इंडिया स्ट्रेटजिक पार्टनरशिप फोरम और उससे जुड़े फाउंडेशन, द यूएस-इंडिया फ्रैंडशिप अलाइंस के माध्यम से दिया जाएगा। ऑक्सीजन कंसेन्ट्रेटर्स नीति आयोग को सौंपे जाएंगे, जो भारत सरकार की योजना शाखा है, ताकि उन्हें ऐसे स्टेट हॉस्पिटल्स में लगाया जा सके, जहां उनकी बड़ी जरूरत है।
यूनाइटेडहेल्थ ग्रुप के एक बिजनेस, ऑप्टम ग्लोबल सॉल्यूशंस की प्रेसिडेंट लौरा सियावोला ने कहा, ‘’कोविड-19 की शुरूआत से ही यूनाइटेडहेल्थ ग्रुप उन समुदायों पर महामारी के प्रभाव से लड़ने के लिये प्रतिबद्ध है, जहां हम रहते और काम करते हैं। इसके साथ ही हम अपने टीम मेम्बर्स की सुरक्षा और सेहत सुनिश्चित करने के लिये संसाधन और सहयोग प्रदान कर रहे हैं। यह अतिरिक्त योगदान मूलभूत चिकित्सा उपकरण और आपूर्तियों के साथ जरूरी राहत देगा, ताकि भारत के स्वास्थ्यरक्षा पेशेवरों को कोविड-19 के विनाशकारी प्रभाव से लड़ने में मदद मिल सके।
योगदान कोविड-19 से लड़ने और पूरी दुनिया में प्रभावित समुदायों को सहयोग देने की यूनाइटेडहेल्थ ग्रुप की 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर की प्रतिबद्धता में नवीनतम प्रयास है। कंपनी द्वारा भारत को इससे पहले दिए गए 1.5 मिलियन डॉलर के योगदान से देश में सबसे ज्यादा प्रभावित समुदायों को अत्यावश्यक सहायता मिली है, जैसे स्वास्थ्यकर्मी, बुरी तरह प्रभावित और कम सहायता प्राप्त नागरिक, वरिष्ठजन और बेघर तथा भोजन से वंचित लोग, साथ ही सरकारी लैब्स, जहां उपकरणों की कमी थी।
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