योगा से जीवन में सकारात्मक परिवर्तन : राजीव रंजन प्रसाद

 

शब्दवाणी समाचार, मंगलवार 4 मई  2021, नई दिल्ली। ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस (जीकेसी), अयूरयोगा लाइफ इंस्टीच्यूट और धृति योगा के सौजन्य से वर्चुअल एक दिवसीय योगा वर्कशॉप में लोगों को योग प्रशिक्षण दिया गया। वैश्विक कोरोना महामारी संकट के समय योगा का महत्व और भी बढ़ गया है। योगा के महत्व एवं इसकी उपयोगिता को देखते हुए देश ही नहीं विदेशों में भी लोग योगा को अपनी दिनचर्या में शामिल कर रहे हैं। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा दिये गये दिशा निर्देशों में अनुसार योगा एक अचूक निवारक उपायों में से है जो आज के काल में एक बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। जीकेसी, अयूरयोगा लाइफ इंस्टीच्यूट और धृति योग के संयुक्त तत्वाधान में योगा वर्कशॉप का वर्चुअल आयोजन किया गया, जिसमें जीवन में योगा की उपयोगिता को दर्शाया गया। योगा वर्कशॉप में जाने माने योग प्रशिक्षक गुरू मनुतत्त्वा और गुरू मां ब्रह्मध्यानम ने लोगों को प्रशिक्षित किया, इस अवसर पर उन्होंने योगा के लाभ बताए। योगा सेशन में शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने वाले विभिन्न आसनों के बारे में जानकारी दी गई और बताया गया कि किसी भी प्रकार के संक्रमण से बचाव के लिए जरूरी है कि शरीर की इम्यूनिटी मजबूत हो, इम्यूनिटी को बेहतर बनाए रखने के लिए पौष्टिक आहार के साथ भी नियमित तौर पर योगाभ्‍यास भी करना चाहिए।

 वर्चुअल योगा वर्कशॉप में जीकेसी इंडिया एंड ओवरसीज इकाई के अलग-अलग प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष ,प्रदेश अध्यक्ष और पदाधिकारियों ने शिरकत की।गुरू मनुतत्त्वा ने बताया कि योग को एक श्रेष्ठ साधना के रूप में प्रशिक्षित करें और मन को अपने सबसे अच्छे दोस्त के रूप में ढ़ालने के लिए अनुशासन में रखें जिससे आप जीवन की स्थितियों को आसानी से और प्रभावी ढंग से आगे बढ़ाकर चुनौतियों और बाधाओं से गुजर सकें और जीवन शक्ति और प्रतिरक्षा का विस्तार करते हुए धीरज की शक्ति और शक्ति बढ़ा सकें जीवन के चार सिरों को सफलतापूर्वक प्राप्त करने के लिए आवश्यक है पुरुषार्थ। गुरू मां ब्रह्मध्यानम ने बताया कि योगाभ्यास के साथ-साथ, खुशहाल योग यात्रा के लिए आहार, विचार और व्यवाहर में संतुलन का ध्यान रखें।

इस अवसर पर जीकेसी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि योग करने से जीवन में सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिल रहे हैं। कोरोना काल में योग के जरिए इम्युनिटी बढ़ाने के साथ ही शरीर को निरोग और मन को शांत रखा जा सकता है। अपने परिवार के साथ योगाभ्यास कर हम अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकते हैं। बार-बार सिर्फ कोरोना के बारे में सुनने से हमारे मन में कहीं-न-कहीं नकारात्मकता पैदा हो रही है। हमें सकारात्मक रहने की जरूरत है जिससे कोरोना से लड़ाई की ये जंग आसान बन सके। यदि हमारी सोच सकारात्मक है तो हम इस संकट के दौर पर भी जल्द ही विजय पा लेंगे। हमे अपने दिन की शुरुआत योगा से करनी चाहिये। जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करने के लिए योगा सबसे अच्छा माध्यम है।कोरोना को हराना है तो योग ही करना होगा।

जीकेसी डिजिटल-संचार प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कर्नाटक के प्रभारी आनंद कुमार सिन्हा ने कहा कि योग हमें एक मजबूत शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य प्रणाली बनाने में मदद करता है। श्वास और ध्यान के साथ संयुक्त होने पर, यह हमारे मन, शरीर और आत्मा की देखभाल करने के लिए सबसे अच्छे तत्व के रूप में कार्य करता है। योग के विभिन्न रूप हैं जो हमें शारीरिक रूप से मजबूत और मानसिक रूप से संतुलित रहने में मदद कर सकते हैं।

 जीकेसी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं ओवरसीज विंग के प्रभारी अखिलेश कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि योग से हम स्वस्थ्य रहते हैं, योग प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाकर जीवन में नव-ऊर्जा का संचार करती है। योगा शरीर को शक्तिशाली एवं लचीला बनाए रखता है साथ ही तनाव से भी छुटकारा दिलाता है, जो रोजमर्रा की जि़न्दगी के लिए आवश्यक है। योग आसन और मुद्राएं तन और मन दोनों को क्रियाशील बनाए रखती हैं। योग वर्कशॉप के समापन में गुरुजी एवं गुरु माँ ने सकारात्मक दिन की शुरुआत के लिए गायत्री मंत्र ॐ भूर् भुवः स्वः। तत् सवितुर्वरेण्यं। भर्गो देवस्य धीमहि। धियो यो नः प्रचोदयात् ॥ और महा मृत्युंजय मंत्र ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्‌। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्।।एवं दुर्गाबत्तीसा के उच्चारण की सलाह दी।

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