म्यूचुअल फंड एसआईपी का एयूएम 4.67 लाख करोड़ रूपये के उच्चतम स्तर पर

 

शब्दवाणी समाचार, शुक्रवार 18 जून  2021, नई दिल्ली। व्यक्तिगत निवेशकों की दीर्घकालिक संपत्ति सृजन के ज़रिये के तौर पर भारतीय म्युचुअल फंड उद्योग में रूचि साल-दर-साल बढ़ती जा रही है जो पिछले पांच वर्षों में एसआईपी फोलियो, एसआईपी योगदान और एसआईपी एयूएम में बढ़ोतरी से स्पष्ट है। एएमएफआई के आंकड़ों के मुताबिक, 31 मई, 2021  तक म्यूचुअल फंड एसआईपी एयूएम चार गुना बढ़कर 4,67,366.13 करोड़ रुपये हो गया, जो 31 अगस्त 2016 को 1,25,394 करोड़ रुपये था।

सालाना म्यूचुअल फंड एसआईपी योगदान भी पिछले पांच साल के दौरान दो गुना से अधिक बढ़कर 96,080 करोड़ रुपये हो गया है और यह अप्रैल 2020 से 31 मार्च, 2021 के दौरान महामारी के संकट वाले दौर में हुआ जो अप्रैल 2016 से मार्च 2017 के बीच 43,921 करोड़ रुपये से प्रभावित किया। पिछले पांच साल में, एसआईपी एयूएम में सालाना 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज़ हुई है, जो म्यूचुअल फंड उद्योग के एयूएम के मुकाबले दोगुनी वृद्धि है। म्यूचुअल फंड मासिक एसआईपी योगदान 31 मई, 2021  तक 2.52 गुना बढ़कर 8,818.9 करोड़ रुपये हो गया, जो 31 अगस्त 2016  तक 3,497 करोड़ रुपये था। वित्त वर्ष 2021 के सिर्फ पहले पांच महीनों में ही एसआईपी  ने 42,148 करोड़ रूपये का योगदान किया। 

म्यूचुअल फंड परिसंपत्ति वर्ग के प्रति खुदरा निवेशक के रुझान में बेहद तेज़ी से बढ़ा है जो पिछले पांच साल के दौरान म्यूचुअल फंड एसआईपी खातों की संख्या में बढ़ोतरी से स्पष्ट है। इन खातों की संख्या 30 अप्रैल  2016 तक एक  करोड़ थी जो 31 मई  2021 तक लगभग चार गुना बढ़कर 3.88 करोड़ हो गई। महीने-दर-महीने के आधार पर पंजीकृत नए एसआईपी की संख्या 31 मई, 2021  तक लगभग तीन गुना बढ़कर 15.48 लाख हो गई, जो 30 अप्रैल, 2016  तक 5.88 लाख थी। एएमएफआई के मुख्य कार्यकारी श्री एनएस वेंकटेश ने कहा: "छोटे बचतकर्ताओं महसूस कर रहे हैं कि पिछले कुछ साल से बैंक ब्याज दरों में गिरावट के बीच  दीर्घकालिक स्तर पर मुद्रास्फीति-समायोजन के बाद बेहतर गुणात्मक मुनाफा सिर्फ म्यूचुअल फंड परिसंपत्ति वर्ग से आ सकता है। इसलिए एमएफ परिसंपत्ति वर्ग के प्रति रुझान बढ़ रहा है। अपने जीवन-स्तर के लक्ष्य और जोखिम उठाने की क्षमता के आधार पर, छोटे बचतकर्ता अपनी बचत को बैंक में जमा करने के बजाय म्यूचुअल फंड एसआईपी में लगा रहे हैं क्योंकि बैंक दरों में गिरावट का रुझान बरकरार है।

म्यूचुअल फंड सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान जो एसआईपी के तौर पर  लोकप्रिय है, म्यूचुअल फंड की एक निवेश प्रक्रिया है जिसके तहत कोई बचतकर्ता निश्चित अंतराल पर समय-समय पर किसी निश्चित म्यूचुअल फंड योजना में एक निश्चित राशि का निवेश कर सकता है – मसलन, महीने में एक क़िस्त बजाय एकमुश्त निवेश के। एसआईपी किस्त की राशि 500 प्रति माह जितनी मामूली भी हो सकती है। म्यूचुअल फंड एसआईपी आवर्ती बैंक जमा की तरह हैं जिसके तहत आप हर महीने थोड़ी / निश्चित राशि जमा करते हैं। म्यूचुअल फंड एसआईपी निवेश का बेहद सुविधाजनक तरीका है जिसके तहत हर बार चेक पर साइन करने की परेशानी के बजाय आप अपने बैंक खाते से हर महीने डेबिट करने के लिए स्थायी निर्देशों दे सकते हैं। म्यूचुअल फंड एसआईपी भारतीय बचतकर्ताओं के बीच लोकप्रिय हो रहे हैं, क्योंकि यह रूपी कॉस्ट एवेरेजिंग में मदद करता है और बाजार में उतार-चढ़ाव तथा बाजार की टाइमिंग की चिंता किए बगैर अनुशासित तरीके से निवेश करने में मदद करता है।

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