आने वाले समय में कच्चे तेल की मांग बढ़ेगी

शब्दवाणी समाचार, शुक्रवार 18 जून  2021, नई दिल्ली। 14 जून 2021 को जो तेल की कीमतें ब्रेंट और डब्ल्यूटीआई (सीएमपी: $73.07 और 71.08/बीबीएल) थी वह हाल के सप्ताह में दोहरे अंकों (ब्रेंट में 9.7% और डब्ल्यूटीआई में 11.5 प्रतिशत) के लाभ के साथ उच्च स्तर पर कारोबार कर रही हैं, जैसा कि 14 जून 2021 से 21 मई 2021 की समयावधि तक के ग्राफ में दिखाया गया है। एमसीएक्स फ्यूचर्स पर इसी समयावधि में तेल की कीमतों में 11.5 फीसदी की तेजी आई। एंजेल ब्रोकिंग लिमिटेड के नॉन एग्री कमोडिटी एंड करेंसी रिसर्च एवीपी श्री प्रथमेश माल्या ने बताया किइंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी का वैश्विक मांग के महामारी के पूर्व के स्तर पर लौटने के अनुमान, अमेरिका में लॉकडाउन में छूट के कारण अधिक वाहनों का परिवहन और हवाई यातायात बढ़ने से तेल की मांग में वृद्धि, उत्तरी कनाडा और उत्तरी सागर में मेंटेनेंस का मौसम, तेल बाजार में संतुलन के लिए ओपेक का कम्प्लायंस, संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ तेहरान के परमाणु समझौते में शामिल होने पर बातचीत खींचने से ईरान से जल्द ही बाजार में अतिरिक्त आपूर्ति आने की संभावना धूमिल होने से तेल की कीमतों में आशावाद को बढ़ गया है। तेल की मांग बढ़ेगी: मार्च-2020 की तुलना में वैश्विक अर्थव्यवस्था स्थिर है और पिछले वर्ष की तुलना में निचले स्तरों से तेल की कीमतों में सुधार इस तथ्य का एक सबूत है। मोटर वाहन यातायात उत्तरी अमेरिका और यूरोप के अधिकांश हिस्सों में पूर्व-महामारी के स्तर पर लौट रहा है, और अधिक विमान हवा में हैं क्योंकि कोरोनावायरस को रोकने के लिए लगे लॉकडाउन और अन्य प्रतिबंधों में ढील दी जा रही है।

इसके अलावा, इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी ने अपनी मासिक रिपोर्ट में कहा है कि पेट्रोलियम निर्यातक देशों और सहयोगियों के संगठन, जिन्हें ओपेक+ के रूप में जाना जाता है, को 2022 के अंत तक महामारी के पहले के स्तर पर पहुंचने के लिए निर्धारित मांग को पूरा करने के लिए उत्पादन को बढ़ावा देने की जरूरत होगी। पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) ने भी स्वस्थ मांग के आउटलुक को मजबूत किया है। वह अपने पूर्वानुमान पर कायम है कि 2021 में मांग 5.95 मिलियन बैरल प्रति दिन बढ़ेगी, जो एक साल पहले की तुलना में 6.6% अधिक है। एनर्जी इंफॉर्मेशन एडमिनिस्ट्रेशन ने यह भी अनुमान लगाया है कि 2021 में अमेरिकी ईंधन की खपत में 1.48 मिलियन बीपीडी की वृद्धि होगी, जो 1.39 मिलियन बीपीडी के पिछले पूर्वानुमान से भी अधिक है और इन सभी कारणों से हाल के हफ्तों में तेल की कीमतों में रैली को बढ़ावा मिला है।

महंगाई की चिंता बढ़ रही है: तेल की कीमतें बढ़ रही हैं जिसके कारण अमेरिका में मुद्रास्फीति संबंधी चिंताएं बढ़ गई हैं। केंद्रीय बैंकर भारी मात्रा में तरलता डालकर वैश्विक बाजारों में विकास को संतुलित करने के लिए सामने आए हैं और इसका प्रभाव अमेरिका में बढ़ती मुद्रास्फीति के तौर पर स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। हालांकि, मुद्रास्फीति अर्थव्यवस्था में वृद्धि का अच्छा संकेत है, यह ऐसे समय में आया है जब वैश्विक विकास अभी भी महामारी से प्रेरित अनिश्चितता से बाधित है। अमेरिकी उपभोक्ता कीमतें मई में 5% (साल-दर-साल) पर ठोस रूप से बढ़ीं, जिससे लगभग 13 वर्षों में सबसे बड़ी वार्षिक वृद्धि हुई, क्योंकि अर्थव्यवस्था को फिर से खोलने से यात्रा-संबंधित सेवाओं की मांग बढ़ी।

तेल के लिए आगे क्या?: अमेरिका में बढ़ती मुद्रास्फीति ने फेड में पहले ही इस बात पर बहस शुरू कर दी है कि कैसे और कब बड़े पैमाने पर संपत्ति-खरीद कार्यक्रम का लाभ उठाना शुरू किया जाए जिसने महामारी में अमेरिकी अर्थव्यवस्था को सपोर्ट किया था। श्रम बाजार से मुद्रास्फीति को बढ़ावा मिल सकता है, जहां छंटनी कम हो रही है। नियोक्ता मजदूरी में वृद्धि कर रहे हैं क्योंकि वे श्रमिकों की कमी का सामना कर रहे हैं और उनके लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं। इसके बाद भी लाखों बेरोजगार अमेरिकी बच्चों की देखभाल, उदार बेरोजगारी लाभ और वायरस की भयावह आशंकाओं के कारण घर में ही हैं भले ही वैक्सीन अब व्यापक रूप से उपलब्ध हैं।

श्रम विभाग ने कहा कि बेरोजगारी लाभ के लिए शुरुआती दावे 6 जून को समाप्त सप्ताह के लिए 9,000 कम होकर सीजनल तौर पर 376,000 तक गिर गए। मार्च 2020 के मध्य के बाद से यह सबसे कम था जब देश में कोविड-19 संक्रमण की पहली लहर ने देशभर में व्यापक तालाबंदी की थी। इससे गैर-जरूरी व्यवसाय बंद हो गए थे। लगातार छह हफ़्तों से दावों में कमी आई है। वयस्क अमेरिकी आबादी के कम से कम आधे लोगों को पूरी तरह से कोविड-19 के खिलाफ टीका लगाया गया है, अब अमेरिकी यात्रा कर रहे हैं। अमेरिका और यूरोप और चीन में बढ़ते टीकाकरण अभियान तेल की मांग में तेजी लाने का एक प्रमुख कारक है और रॉयटर्स के हालिया सर्वेक्षण के अनुसार 2021 में तेल की मांग 5.5 मिलियन बैरल प्रति दिन बढ़कर 6.5 एमबीपीडी हो जाने की उम्मीद है। यह अप्रैल में पहले इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी द्वारा तैयार की गई सावधानीपूर्वक आशावादी तस्वीर के अनुरूप था कि उत्पादकों को अपेक्षित मांग को पूरा करने के लिए 2 मिलियन बीपीडी अधिक पंप करने की आवश्यकता हो सकती है।

हेज फंड ने तेल पर अपना दांव बढ़ाया: मनी मैनेजर्स पहली तिमाही के लिए तेल पर अपना दांव बढ़ा रहे हैं जैसा कि साथ में दिए ग्राफ में देखा जा सकता है। 11 मई 2021 को 3,81,947 अनुबंधों की तुलना में 8 जून को नेट लॉन्ग 4,24,476 अनुबंधों पर था। यह स्पष्ट रूप से कमोडिटी में वैश्विक फंड प्रबंधकों के आशावाद को दर्शाता है जिसे वैश्विक अर्थव्यवस्था का एक बेंचमार्क माना जाता है। वैश्विक बाजारों में आशावाद तेल की कीमतों को और अधिक बढ़ने के लिए आधार बना सकता है। हम उम्मीद करते हैं कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में डब्ल्यूटीआई तेल की कीमतें (सीएमपी: $71/बीबीएल) एक महीने के नजरिए से $77/बीबीएल की ओर बढ़ेंगी, जबकि एक ही समयसीमा में एमसीएक्स ऑयल फ्यूचर्स (सीएमपी: 5214 रुपये/बीबीएल) अगले महीने में 5600 रुपये/बीबीएल मार्क की ओर बढ़ सकता है।

Comments

Popular posts from this blog

सिंधी काउंसिल ऑफ इंडिया, दिल्ली एनसीआर रीजन ने किया लेडीज विंग की घोसणा

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ गोविंद जी द्वारा हार्ट एवं कैंसर हॉस्पिटल का शिलान्यास होगा

झूठ बोलकर न्यायालय को गुमराह करने के मामले में रिपब्लिक चैनल के एंकर सैयद सोहेल के विरुद्ध याचिका दायर