रीब्रांडिंग के दौरान ध्यान रखने योग्य 7 चरण

शब्दवाणी समाचार, शनिवार 31 जुलाई 2021, नई दिल्ली। कंपनी के विजन में बड़ा बदलाव, एक बड़ा डेवलपमेंट हुआ हो तो उसके तत्काल सॉल्युशन की जरूरत, जब कंपनी नए सेग्मेंट में कस्टमर का ध्यान खींचना चाहती है एवं जब अलग-अलग हितों वाली दो संस्थाओं का मर्जर हो जाता है तब कॉर्पोरेट यूनिट खुद को रीब्रांड करते है। रीब्रांडिंग एक्सरसाइज अच्छे नतीजे देती है, अगर उसका कारण सही हो। उदाहरण के लिए, जब कोई यह महसूस करता है कि वर्तमान नाम, लोगो, टैगलाइन या ओवरऑल मार्केटिंग कम्युनिकेशन एलिमेंट वह व्यक्ति नहीं कर पा रहे, जिसे कंपनी चित्रित करना चाहती है तो यह रीब्रांडिंग का सही समय है। एंजेल ब्रोकिंग लिमिटेड के चीफ ग्रोथ ऑफिसर श्री प्रभाकर तिवारी ने यहां 7 स्टेप्स दिए हैं जो एक सफल रीब्रांडिंग कोशिश की ओर ले जाते हैं।

1. आत्मावलोकन करें: ब्रांड की वर्तमान स्थिति को जानना सबसे महत्वपूर्ण काम है। जब तक आप यह नहीं कर लेते तब तक आगे की यात्रा आपको मनचाही मंजिल तक नहीं पहुंचा सकती। पैसे, समय और रिस्क के मामले में रीब्रांडिंग एक महंगी गतिविधि है, इस रास्ते पर आगे बढ़ने से पहले आत्मावलोकन (इंट्रोस्पेक्शन) बेहद जरूरी है। ब्रांड्स को इस तरह के सवालों के जवाब देने चाहिए: ब्रांड कौन है? इसका मतलब क्या है? ब्रांड क्या करता है? ब्रांड को रीब्रांड करने की आवश्यकता क्यों है? मनचाहे अंतिम नतीजे तय करना भी महत्वपूर्ण है ताकि उसके अनुसार रोडमैप बनाया जा सके।

2. मार्केट रिसर्च: ब्रांडिंग, या इस मामले में रीब्रांडिंग, हमेशा ग्राहक को ध्यान में रखकर की जाती है। इस वजह से रीब्रांडिंग से पहले पूरी चेन में सबसे महत्वपूर्ण हितधारक यानी ग्राहक के साथ बात करना हमेशा कारगर होता है। आपका उन पर क्या प्रभाव है, उनके मन में ब्रांड के बारे में अच्छी बातें, बुरी बातें, और ब्रांड से उनकी अपेक्षाओं को जानने के लिए उनसे बात करना बेहद जरूरी है। यह आपको यह बताएगा कि जो ब्रांड इस समय उनके दिमाग में क्या जगह रखता है। यह आपको आगे का रास्ता तय करने में भी मदद करेगा।

3. अपनी यूनिकनेस की पहचान: ब्रांड यूएसपी हमेशा सभी रीब्रांडिंग गतिविधियों का फोकस होना चाहिए। उदाहरण के लिए, यदि आप एक प्रीमियम ब्रांड हैं, तो एक रीब्रांडिंग एक्सरसाइज समझ में आती है, जो इसे और लोगों तक पहुंचाएगा। ब्रांड्स को एक यूनिवर्सल सॉल्युशन बनने का प्रयास नहीं करना चाहिए बल्कि अपनी ताकत पर टिके रहना चाहिए। रीब्रांडिंग ब्रांड की ताकत पर आधारित होनी चाहिए और ताकत बढ़ाने के प्रयास किए जाने चाहिए।

4. ब्रांड टच पॉइंट्स की लिस्ट बनाएं: अधिकांश ब्रांड, विशेष रूप से छोटे या नए, सोचते हैं कि लोगो ही ब्रांड है। लेकिन एक ब्रांड लोगो से बहुत बढ़कर है। लोगो निश्चित रूप से एक महत्वपूर्ण तत्व है, पर पैकेजिंग, वेबसाइट, सोशल मीडिया पेज, बिजनेस स्टेशनरी जैसे अन्य टच पॉइंट्स हैं। उदाहरण के लिए, काया स्किन क्लिनिक जैसे सर्विस ब्रांड के मामले में क्लिनिक ही कई ब्रांड टच पॉइंट्स बनाने का मौका देता है। क्लिनिक के अंदर, रिसेप्शन डेस्क, स्टाफ की वर्दी, क्लिनिक की दीवारें आदि ब्रांड टच पॉइंट बन जाते हैं

5. सभी स्टेकहोल्डर्स को अपने साथ रखना: रीब्रांडिंग एक्सरसाइज के दौरान सभी स्टेकहोल्डर्स, विशेषकर कर्मचारियों को उससे जोड़ना बेहद महत्वपूर्ण होता है। अगर कर्मचारी रीब्रांडिंग की आवश्यकता या एक्सरसाइज के परिणाम से आश्वस्त नहीं हैं, तो पूरा प्रयास विफल हो सकता है। इस वजह से यह सुनिश्चित करें कि उन्हें न केवल रीब्रांडिंग की आवश्यकता के बारे में जागरूक किया गया है, बल्कि नई पहचान और टच पॉइंट्स में बदलावों के बारे में प्रशिक्षित या जागरूक भी किया गया है।

6. जनता के सामने ब्रांड का खुलासा: जब आप रीब्रांडिंग से जुड़े एलिमेंट्स को तैयार कर लें तो उसे जल्द से जल्द जनता के सामने लेकर जाएं। यह गतिविधि चरणबद्ध तरीके से नहीं बल्कि एक बार में होनी चाहिए। लोगों को बदलाव पसंद नहीं है, लेकिन वे धीमी गति से होने बदलाव से ज्यादा नफरत करते हैं! रीब्रांडिंग को जनता के सामने लेकर जाने से पहले यह सुनिश्चित करें कि आप अपने स्टेकहोल्डर्स में टीज़र कम्युनिकेशन के साथ जिज्ञासा जगाएं। स्टेकहोल्डर्स को यह बताना महत्वपूर्ण है कि यह रीब्रांडिंग एक्टिविटी पहली क्यों की गई है। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि उन्हें बताएं कि उन्हें इस गतिविधि से किस तरह फायदा होने वाला है।

7. फीडबैक जुटाना होगा: जहाज रवाना होने के बाद यानी रीब्रांडिंग एक्सरसाइज शुरू होने के बाद उस पर सभी स्टेकहोल्डर्स से प्रतिक्रिया लेना महत्वपूर्ण है। यह आपको एक्टिविटी के प्रभाव को जानने और यह समझने में भी मदद करेगा कि क्या काम किया है और किसमें सुधार की आवश्यकता है। रीब्रांडिंग एक ब्रांड के पुनर्जन्म की तरह है। इसे अपने पिछले जीवन की कमियों को दूर करने और बेहतर, मजबूत और नया ब्रांड बनाने के अवसर के रूप में सोचें। याद रखें, आपका ब्रांड ही आपको प्रतिस्पर्धियों से अलग करता है और आपको अपने ग्राहकों से जुड़ने में मदद करता है। रीब्रांडिंग उन चीजों को सुधारने का दूसरा मौका है जो सही नहीं थीं। तो इसे सही करें और लाभ उठाएं।

Comments

Popular posts from this blog

सिंधी काउंसिल ऑफ इंडिया, दिल्ली एनसीआर रीजन ने किया लेडीज विंग की घोसणा

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ गोविंद जी द्वारा हार्ट एवं कैंसर हॉस्पिटल का शिलान्यास होगा

झूठ बोलकर न्यायालय को गुमराह करने के मामले में रिपब्लिक चैनल के एंकर सैयद सोहेल के विरुद्ध याचिका दायर