सिरसा पर कानूनी शिकंजा, डीएसजीएमसी खातो के ऑडिट को लेकर हाई कोर्ट से मिला नोटिस
◆ डिलॉयट कम्पनी की ऑडिट रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की माँग की
◆ सरना ने गुरूद्वारा संपत्ति के दुष्प्रयोग पर नकेल कसने की माँग
शब्दवाणी समाचार, शुक्रवार 13 अगस्त 2021, नई दिल्ली। दिल्ली गुरुद्वारा कमिटी के अंदर भृष्टाचार के मामले में दिल्ली पुलिस की तरफ से देश छोड़ने के पाबंदी की नोटिस का सामना कर रहे, डीएसजीएमसी प्रधान मनजिंदर सिंह सिरसा को एक और हाई कोर्ट से नोटिस मिली है। मामला गुरूद्वरा कमिटी के खातों के ऑडिट रिपोर्ट को छुपाने से लेकर बताया जा रहा है। कोर्ट ने पूर्व विधायक से इस पूरे मामले में स्पस्टीकरण माँगा है। केस की याचिकर्ता शिरोमणि अकाली दल दिल्ली ,सरना ने प्रेस वार्ता के जरिए जानकारी दी। सिरसा किन कारणों से डिलॉयट कंपनी की ऑडिट रिपोर्ट को छुपा रहे है ? संगत को इसका जवाब चाहिए। ऑडिट कंपनी ने अपने जवाब में इस तथ्य को खुद स्वीकार किया है कि उनके द्वारा ऑडिट की ग़यी सम्पत्ति किसी व्यक्ति या संस्थान से जुड़ी नही है। यह एक सार्वजनिक ऑडिट है । लेकिन बादल के आदमियों ने पंजाब के बाद अब दिल्ली की धर्मिक व्यवस्था को भी जड़ तक बर्बाद करने का बीड़ा उठा लिया है। " शिअदद पार्टी प्रधान परमजीत सिंह सरना।
डीएसजीएमसी के पूर्व प्रधान ने यह दावा किया है की गुरुद्वारों के बहुमूल्य सम्पत्ति को बादल और सिरसा अपने राजनतिक कार्यो के लिए दुष्प्रयोग कर रहे है । जिस पर जल्द लगाम लगाने की जरूरत है। दिल्ली की माननीय हाई कोर्ट ने डीएसजीएमसी के अंदर हो रहे गलत कार्यों को संज्ञान में लेते हुए आदेश जारी किया है। बादल के व्यक्ति गुरुद्वारा कमिटी के स्टॉफ पर दबाव डालकर क्रूरता भरा अमानवीय कार्य करवा रहे है। वोटरों के खरीद- फरोख्तके साथ, चुनाव के समय लोक-लुभावने वादों की आड़ में संगत को बरगलाया जा रहा है। माननीय कोर्ट ने इसका भी संज्ञान लेते हुए इनको फटकार लगायी है।
डीएसजीएमसी के पूर्व प्रधान हरविंदर सिंह सरना ने बताया कि ,"हम 120 करोड़ का रिजर्व छोड़ कर गए थे। और पिछले 8 वर्षों में 250 करोड़ से ज्यादे का रिजर्व आना चाहिए था। अपरिपक्व और अनुभवहीन प्रबधंन की वजह से, आज गुरु की गोलक खाली हो चुकी है। कर्मचारियों को तनख्वाह नही मिल रहा। डीएसजीएमसी के अधीन चल रहे संस्थानों की हालात जर्जर है। भृष्टाचार के दीमक ने हमारे ऐतिहासिक धरहरो को खोखला कर दिया है। माननीय कोर्ट और दिल्ली पुलिस ने दोषियों के देश छोड़ने पर पाबंदी लगा दी है। इससे बड़ी शर्मनाक बात और क्या हो सकती है ? सिरसा जी , पहले इन सवालों के जवाब दें। और ऑडिट रिपोर्ट दिखाए।
प्रेस वार्ता में शिअदद महसचिव गुरमीत सिंह शंटी भी मौजूद थे "सेवा के नाम पर सिर्फ खोखला दिखावा हो रहा है। हमारे बेकसूर कर्मचारी और स्टॉफ गरीबी और भुखमरी से दम तोड़ रहे है। मेडिकल, शिक्षा, खेल-कूद इत्यादि क्षेत्रो में न्यूनतम विकास भी नही हुआ है। कोविड काल मे कंस्ट्रेटर सेवा के नाम पर, दिल्ली से बाहर अपने हुक्मरानों को भेजा गया। यह रंगे हाथ पकड़े गए । 1984 के दोषियों से मदद ली गयी। गुरु के दसवंध की बेअदबी हो रही है। शिअदद ने पूर्व विधायक सिरसा से डिलायट कंपनी की ऑडिट रिपोर्ट को तुरंत सार्वजनिक करने की माँग की साथ ही कोर्ट, सरकार और जाँच एजेंसियों से प्रक्रिया तेज करने की माँग की जिससे दोषियों को जल्द सजा दिलायी जा सके। प्रेस वार्ता में शिअदद के सीनियर सदस्य मौजूद थे।
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