बिजनेस को आगे लेकर जाने में मदद करती है रीब्रांडिंग
शब्दवाणी समाचार, सोमवार 2 अगस्त 2021, नई दिल्ली। कई लोगों की रीब्रांडिंग पर अपनी सोच है, पर उनकी सोच के विपरीत किसी के बिजनेस ट्रेडमार्क और ब्रांड पहचान को नया नाम देना या रीमॉडेलिंग नहीं है। यह एक गहराई में समाया हुआ मौलिक परिवर्तन है जो किसी कंपनी के पावरहाउस को नई बिजनेस स्ट्रैटेजी और कॉर्पोरेट व्यक्तित्व की सहायता से नया आकार देने में मदद करता है। यह ग्राहकों, निवेशकों, कर्मचारियों, प्रतिस्पर्धियों और बड़े पैमाने पर जनता को बताता है कि कंपनी और उसके ब्रांड ने प्रमुख लक्ष्यों को हासिल कर लिया है और आगे जाकर, एक बदलाव जरूरी है, शायद अपरिहार्य है, अगर उसे अपना माल या सेवाएं आगे भी देते रहना है। एंजेल ब्रोकिंग लिमिटेड के चीफ ग्रोथ ऑफिसर श्री प्रभाकर तिवारी बताते हैं कि अपने पूरे ऑपरेशंस के दौरान किसी ब्रांड की पहचान ग्राहक के अनुभव और बाजार में कंपनी के बारे में धारणा का पूरा भार अपने पर लेती है। भले ही यह वास्तव में फायदेमंद है क्योंकि यह फर्म के लिए विश्वसनीयता और ब्रांड वैल्यू स्थापित करने में मदद करता है, यह भविष्य के विकास में बाधा भी बन सकता है।
किसी कंपनी को रीब्रांड कब करना चाहिए?
रीब्रांडिंग एक मुश्किल काम है और इसे बहुत सोच-समझकर और दूरदृष्टि के साथ क्रियान्वित करने की आवश्यकता है। रीब्रांडिंग में जरूरी नहीं कि ब्रांड लोगो, पहचान के साथ-साथ कंपनी के मूल्यों को पूरी तरह से बदलना शामिल हो। कंपनी के भविष्य के विकास के अनुकूल विचारों और वैल्यू सिस्टम को बनाए रखा जाना चाहिए और, यदि संभव हो तो, कंपनी लिटेरचर में भी उस पर जोर दिया जाना चाहिए। आदर्श रूप से प्रबंधकीय नेतृत्व को रीब्रांडिंग के लिए तभी जाना चाहिए जब पुरानी ब्रांड पहचान कंपनी के री-एनर्जाइज्ड लोकाचार पर पूरी तरह से कब्जा न करे। इसके अलावा ब्रांड इमेज को जोश और ऊर्जा की आवश्यकता होती है जिसे ब्रांड लोगो से खींचा जा सकता है। अंत में, कंपनी की बिजनेस स्ट्रैटेजी और मार्केटिंग कैम्पेन को नई ब्रांड पहचान के साथ तालमेल बिठाना चाहिए। रीब्रांडिंग और मार्केटिंग स्ट्रैटेजी के बीच धारणाओं में सबसे छोटा अंतर या संघर्ष विनाशकारी परिणाम दे सकता है, यह बताना जरूरी नहीं है कि ग्राहक घट जाएंगे।
एक नए युग के लिए रीब्रांडिंग:
डिजिटल युग एक नई भाषा बोलता है। यह तेज-तर्रार, नई टेक्नोलॉजी से जुड़ा हुआ और तत्काल परिणामों को प्राथमिकता देता है। इन सुविधाओं को प्राथमिकता देने से मिलेनियल्स को अपडेटेड और आउटमोडेड के बीच अंतर करने में मदद मिलती है। वे बिजनेस जो इन मांगों को पूरा करने के लिए बहुत अधिक रुक गए हैं, वे समय के साथ बेकार हो जाएंगे। जैसे-जैसे साल बीतते हैं, ग्राहकों की डेमोग्राफी और प्रोफाइल भी बड़े पैमाने पर मंथन से गुजरते हैं। एक कंपनी के लिए यह और भी महत्वपूर्ण हो जाता है कि वह खुद को ऐसे तरीके से पेश करे जिसे उसके लक्षित उपभोक्ता आधार द्वारा आसानी से समझा जा सके।
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