शिव महापुराण कथा में चौथे दिन की कथा हुई

◆ व्यास अतुल प्रेम जी ने शिव पार्वती विवाह का रोचक वर्णन

शब्दवाणी समाचार, शुक्रवार 13 अगस्त 2021, गौतम बुध नगर। सेक्टर 135 नगली बाजिदपुर गांव स्थित प्राचीन शिव मंदिर में महंत राजू गिरी महाराज के सानिध्य में आयोजित शिव महापुराण कथा में चौथे दिन की कथा में व्यास अतुल प्रेम जी ने शिव पार्वती विवाह का रोचक वर्णन किया। हिमालय राज की कन्या पार्वती बड़ी होने लगती हैं। पार्वती ने मन में प्रण लिया की वह शिव को पति के रूप में प्राप्त करेंगी। देवता भी शिव जी को मनाते हैं कि वह पार्वती से विवाह कर लें लेकिन शिव जी इसके लिए तैयार नहीं हुए। माता पार्वती शिव जी को प्राप्त करने के लिए कठिन तपस्या करती हैं। भगवान शिव प्रसन्न हो विवाह के लिए तैयार हो जाते हैं। देवताओं , भूत ,पिशाचों को लेकर तन में भस्म लगाए शिव बारात लेकर हिमालयराज के यहां पहुंचते हैं।माता मैना दूल्हे का भेष देखकर डर जाती हैं और पार्वती का विवाह करने से मना कर देती हैं ।सभी ने समझाया कि शिव जी कोई साधरण नहीं हैं वह तो देवों के देव हैं। मां पार्वती और भगवान शिव का विवाह होता है और देवता पुष्पों की वर्षा करते हैं । उन्होंने बताया कि शिव जी पर विल्वपत्र अर्पित करने से भगवान शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं।

आयोजन समिति के प्रवक्ता राघवेंद्र दुबे ने बताया कि शिव महापुराण की कथा नित्य 11 बजे से 3 बजे तक हो रही है। सभी शिव भक्त श्रावण मास में शिव महापुराण की कथा श्रवण कर पुण्य लाभ अर्जित करें। इस अवसर पर आयोजन समिति के प्रवक्ता राघवेंद्र दुबे, पंडित लक्ष्मी नारायण शास्त्री, महंत सोमवार गिरी, पंडित महेश पाठक शास्त्री, राम अवतार , शिवव्रत तिवारी, सुशील पाल,रवि राघव,भूदेव शर्मा, सोनपाल चौहान, हीरालाल नेता जी, चौधरी श्याम सुंदर, पंडित संजय शर्मा, राजा मिश्रा, राजा ठाकुर, शुभम, मोहन सहित तमाम लोग मौजूद रहे।

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