भारत में हर 20 सेकंड में एक व्यक्ति स्ट्रोक से प्रभावित : डॉ ज्योति बाला शर्मा
शब्दवाणी समाचार, शनिवार 30 अक्टूबर 2021, (ऐ के लाल) गौतम बुध नगर। डॉ ज्योति बाला शर्मा, डायरेक्टर न्यूरोलॉजी, फोर्टिस अस्पताल, नोएडा ने कहा भारत में हर 20 सेकंड में एक व्यक्ति स्ट्रोक से प्रभावित होता है। हर साल भारत में करीब 1.9 लोग स्ट्रोक से प्रभावित होते हैं और इनमें से करीब 19000 से 21000 ही विंडो पीरियड में अस्पताल पहुंच पाते हैं जो कि कुल स्ट्रोक मरीज़ों का 1% है। भारत में, स्ट्रोक के बारे में लोगों को जागरूक बनाने की जरूरत है क्योंकि उन्हें इस बारे में कम जानकारी है। स्ट्रोक होने पर, हर मिनट में 2 मिलियन न्यूरॉन्स क्षतिग्रस्त होते हैं। यह 3.6 वर्षों में नष्ट होने वाले न्यूरॉन्स के बराबर है, लिहाज़ा यह जरूरी है कि हम तेजी से कार्रवाई कर जीवन बचाएं क्योंकि स्ट्रोक के दौरान समय नष्ट होने का मतलब है मस्तिष्क का नष्ट होना।
मस्तिष्क को रक्तापूर्ति बाधित होने पर स्ट्रोक होता है, जिससे मस्तिष्क के ऊतकों को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल पाती, परिणामस्वरूप मस्तिष्क की कोशिकाएं मृत होने लगती हैं। स्ट्रोक मेडिकल इमरजेंसी होती है और इस मामले में तत्काल इलाज लेना आवश्यक है। इस मामले में तत्काल उपचार मिलने से मस्तिष्क को नुकसान कम होता है और अन्य जटिलताएं भी घट जाती हैं। भारत में स्ट्रोक मौत का दूसरा प्रमुख और विकलांगता का अग्रणी कारण है। स्ट्रोक के लक्षणों की जानकारी होना महत्वपूर्ण है, इनमें बोलने में परेशानी, देखने में परेशानी, सिरदर्द, चलने में मुश्किल, शामिल हैं और यह जानना भी जरूरी है कि स्ट्रोक से निपटने में समय बेहद मूल्यवान होता है।
स्ट्रोक होने पर तत्काल ध्यान दना जरूरी है और मरीज़ को 4.5 घंटे के भीतर दवाई उपलब्ध कराने पर जीवन को बचाया जा सकता है और किसी भी प्रकार की जटिलता से बचाव होता है। स्ट्रोक होने पर इसकी पहचान के लिए B.E.F.A.S.T. का इस्तेमाल करें जिसमें B का मतलब है बैलेंस (संतुलन): अचानक संतुलन ह्रास होने का ध्यान दें, E – आइज़ (आंखें): दृष्टि खराब होने की जांच करें, F – फेस: चेहरे पर मुस्कुराने पर आने वाले बदलाव पर गौर करें, A – आर्म: देखें कि एक बाजू कमजोर तो नहीं है, S – स्पीच: लड़खड़ाती ज़ुबान को देखें और T – अस्पताल तत्काल समय पर पहुंचे। इसलिए, इस साल स्ट्रोक दिवस का थीम है ‘प्रेशस टाइम’ जो कि स्ट्रोक के दौरान समय के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाता है।
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