मोबाईल टॉवर से निकलने वाले ईएमएफ विकरण पर वेबिनार

शब्दवाणी समाचार, वीरवार 21 अक्टूबर  2021, नई दिल्ली। भारत आजादी के 75 साल पूरे होने पर आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। इस यादगार अवसर पर और नया आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए, दूरसंचार विभाग (डीओटी)अत्याधुनिक टेक्नॉलॉजी एवं सर्वश्रेष्ठ गुणवत्ता की सेवा द्वारा एक मजबूत टेलीकॉम नेटवर्क सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। दूरसंचार नागरिकों के सशक्तीकरण का मुख्य स्रोत और देश के सामाजिक-आर्थिक विकास का एक प्रभावशाली साधन है। यह अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों की तीव्र वृद्धि और आधुनिकीकरण के लिए एक मुख्य ढांचा बन गया है। ग्राहकों को सर्वश्रेष्ठ गुणवत्ता की दूरसंचार सेवाएं प्रदान करने के लिए मोबाईल नेटवर्क और टॉवर इन्फ्रास्ट्रक्चर का विस्तार बहुत आवश्यक है। कोविड-19 महामारी के इस दौर में, घर से काम करने, ऑनलाईन क्लास लेने, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स का उपयोग करने, ई-गवर्नेंस आदि के लिए टेलीकॉम एवं मोबाईल संचार की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण हो गई है। 

दूरसंचार विभाग (डीओटी), दिल्ली एलएसए ने एक वेबिनार के माध्यम से ईएमएफ अवेयरनेस कार्यक्रम का आयोजन किया है। इस कार्यक्रम के दौरान डीओटी, दिल्ली एलएसए के अधिकारी एवं मेडिकल विशेषज्ञ प्रतिभागियों को ईएमएफ विकरण एवं स्वास्थ्य पर इसके प्रभावों के बारे में बताया तथा इससे जुड़ी भ्रांतियों व मिथकों को दूर करने का प्रयास किया। मोबाईल टॉवर एंटीना और मोबाईल हैंडसेट से निकलने वाला ईएमएफ विकरण एक नॉन-आयोनाईज़िंग आरएफ/इलेक्ट्रोमैग्नेटिक ऊर्जा है, जिनमें बहुत कम ऊर्जा होती है। वैज्ञानिक प्रमाणों, अध्ययनों और उपलब्ध रिपोर्टों के आधार पर मोबाईल टॉवर से निकलने वाले ईएमएफ विकरण से स्वास्थ्य को जोखिम होने का कोई प्रमाण नहीं मिलता है। इसके अलावा, मोबाईल टॉवर से निकलने वाले ईएमएफ विकरण विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के मानकों के अनुसार इंटरनेशनल कमिशन ऑन नॉन-आयोनाइज़िंग रेडियेशन प्रोटेक्शन (आईसीएनआईआरपी) द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा के अंदर होते हैं। इनसे मानव स्वास्थ्य को किसी भी नुकसानदायक प्रभाव का कोई प्रमाण मौजूद नहीं है।

मोबाईल टॉवर से निकलने वाले विकरण के मामले में भारत में हाई कोर्ट के विभिन्न निर्णयों में कहा गया है कि मोबाईल टॉवर से निकलने वाले विकरण का नागरिकों के स्वास्थ्य पर होने वाले किसी भी नुकसान या खतरे के बारे में कोई भी डेटा नहीं है।दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने मोबाईल टॉवर से निकलने वाले ईएमएफ विकरण से सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कठोर नियम अपनाए हैं व अपनी फील्ड यूनिट्स के माध्यम से आवश्यक उपाय किए हैं। डीओटी ने जो विकरण नियम अपनाए हैं, वो इंटरनेशनल कमीशन ऑन नॉन-आयोनाइज़िंग रेडिएशन प्रोटेक्शन (आईसीएनआईआरपी) द्वारा निर्धारित सीमा से 10 गुना ज्यादा कठोर हैं और ये विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के मानकों का पालन करते हैं। मोबाईल टॉवर रेडिएशन की संपूर्ण जानकारी डीओटी की वेबसाईट https://dot.gov.in/journey-emf पर उपलब्ध है।  डीओटी और टेलीकॉम सेवा प्रदाता (टीएसपी) मोबाईल टॉवर/बेस ट्रांसरिसीवर स्टेशंस (बीटीएस) से सुरक्षित सीमा में ईएमएफ अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न उपाय करते हैं।

      I. सभी टेलीकॉम सेवा प्रदाता सुनिश्चित करते हैं कि मोबाईल टॉवर (बीटीएस) से निकलने वाला विकरण डीओटी द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा में हो और इस मामले में सेल्फ-सर्टिफिकेशन लॉन्च के वक्त संबंधित डीओटी, फील्ड यूनिट में जमा कराया जाता है। जब भी कोई परिवर्तन हो और दो साल/तीन साल में यह सर्टिफिकेशन पुनः दिया जाए। सभी मोबाईल टॉवर व्यवसायिक रूप से तभी काम करना शुरू करें, जब सेल्फ सर्टिफिकेशन दे दिया जाता है।

     II. काम कर रहे मोबाईल टॉवर के विकरण की जाँच डीओटी, दिल्ली की फील्ड यूनिट द्वारा नमूने के आधार पर नियमित तौर से किया जाता है। इसकी संख्या प्रतिवर्ष काम करने वाले कुल मोबाईल टॉवर्स (बीटीएस) की संख्या की 10 प्रतिशत तक हो। 

   III. दूरसंचार विभाग (डीओटी), दूरसंचार मंत्रालय ने तरंग संचार का लॉन्च किया है। यह वेब पोर्टल मोबाईल टॉवर एवं ईएमएफ उत्सर्जन के अनुपालनों की जानकारी साझा करता है। इसका उद्देश्य मोबाईल टॉवर के सुरक्षित एवं नुकसानरहित होने के मामले में आत्मविश्वास एवं दृढ़ता बढ़ाना तथा मिथकों एवं भ्रांतियों को दूर करना है। 

यह पोर्टल www.tarangsanchar.gov.in पर मिलेगी। यह ईएमएफ पोर्टल सार्वजनिक इंटरफेस प्रदान करता है, जिसके द्वारा एक आसान मैप-आधारित सर्च फीचर के माध्यम से आस-पास के एवं किसी भी स्थान के मोबाईल टॉवर देखे जा सकते हैं। एक बटन क्लिक करके, मोबाईल टॉवर द्वारा  ईएमएफ के अनुपालन की स्थिति की जानकारी प्राप्त की जा सकती है। इसके अलावा, कोई भी व्यक्ति 4000 रु. का ऑनलाईन शुल्क देकर अपने परिसर में ईएमएफ उत्सर्जन मापे जाने का निवेदन कर सकता है। 

   IV. आज तक 43,000 मोबाईल बेस ट्रांसरिसीवर स्टेशनों (बीटीएस) की जाँच डीओटी, दिल्ली एलएसए द्वारा दिल्ली, गाज़ियाबाद, नोएडा, गुरुग्राम और फरीदाबाद में की जा चुकी है। इसमें सभी बीटीएस, डीओटी नियमों के अनुसार ईएमएफ सीमा का अनुपालन करते पाए गए।

इस वेबिनार को श्री अरुण कुमार, डीडीजी, डीओटी, दिल्ली एलएसए ने संबोधित किया। ईएमएफ के विभिन्न पहलुओं और डीओटी द्वारा इस मामले में किए गए उपायों पर श्री विजय प्रकाश, डायरेक्टर एवं श्री कमल त्रिपाठी, एडीजी, डीओटी, दिल्ली एलएसए ने प्रेज़ेंटेशन दिया। मेडिकल विशेषज्ञ, डॉ. विवेक टंडन, असिस्टैंट प्रोफेसर (न्यूरोसर्जरी), ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साईंसेस, नई दिल्ली ने स्वास्थ्य संबंधी शंकाओं एवं मोबाईल टॉवर से निकलने वाले ईएमएफ विकरण के नुकसानदायक प्रभावों से जुड़ी शंकाओं और मिथकों को दूर करने का प्रयास किया। यह वेबिनार विभिन्न अंशधारकों, जन प्रतिनिधियों, सरकारी विभागों/एजेंसियों, आरडब्लूए, सीएसओ, शहरी स्थानीय इकाईयों/मुनिसिपलिटीज़ एवं आम जनता के बीच ईएमएफ विकरण एवं स्वास्थ्य पर इसके प्रभावों के बारे में शंकाओं को दूर करने पर केंद्रित रहा, ताकि मोबाईल टॉवर एवं दूरसंचार के ढांचे के विकास में कोई बाधा न आए और सभी को सर्वश्रेष्ठ गुणवत्ता की सेवा व नेटवर्क कवरेज मिल सके।

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