स्टैण्डर्ड चार्टर्ड बैंक और डॉ श्रॉफ़ चैरिटी आई हॉस्पिटल ने आई केयर प्रोफेशनल्स के लिए लॉन्च की एजुकेशन एकेडमी

◆ यह एकेडमी चार सालों में 25,000 नेत्र चिकित्सा कर्मचारियों को कौशल प्रदान करेगी

शब्दवाणी समाचार, बुधवार 13 अक्टूबर  2021, नई दिल्ली। नेत्र चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराने वाले पेशेवरों को आई केयर एजुकेशन प्रदान करने और उनका कौशल बढ़ाने के प्रयास में डॉ श्रॉफ़ चैरिटी आई हॉस्पिटल ने स्टैण्डर्ड चार्टर्ड बैंक के साथ साझेदारी में नई दिल्ली में स्टैण्डर्ड चार्टर्ड-श्रॉफ आई केयर एजुकेशन एकेडमी का लॉन्च किया है। यह एकेडमी नेत्र चिकित्सा उपलब्ध कराने वाले सभी कर्मचारियों (जिनमें आई केयर प्रोफेशल्स, नर्सें, टेकनिशियन और छात्र शामिल हैं) को आई केयर एजुकेशन प्रदान करेगी, जिसमें खासतौर पर दूसरे एवं तीसरे स्तर के शहरों पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाएगा।

यह एकेडमी चार सालों में 25000 से अधिक नेत्र चिकित्सा कर्मचारियों का कौशल बढ़ाने में मदद करेगी, जिनमें ऑप्थेल्मोलोजिस्ट, ऑप्टोमीट्रिस्ट एवं अन्य नेत्र चिकित्सा कर्मी और आई केयर मैनेजर शामिल हैं। एक अनुमान के मुताबिक ये चिकित्साकर्मी हर साल छह मिलियन से अधिक लोगों को आई केयर सेवाएं प्रदान कर उन्हें लाभान्वित करेंगे। आई केयर एजुकेशन एवं ट्रेनिंग में सुधार लाना, नेत्र चिकित्सकों को नए तरीके से प्रशिक्षण प्रदान करना, उनकी क्षमता बढ़ाने के लिए एक रिसोर्स सेंटर बनाना तथा ऑप्थेल्मिक शिक्षकों की मौजूदा टीम की मदद से मेडिकल एवं नॉन-मेडिकल एजुकेशन को सशक्त बनाना इस एकेडमी का मुख्य उद्देश्य है।

भारत में तकरीबन 9000 ऑप्टोमीट्रिस्ट हैं, जो चार साल का ट्रेनिंग कोर्स कर चुके हैं । हालांकि, देश भर के लोगों को व्यापक नेत्र चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए तकरीबन 115,000 ऐसे ऑप्टोमीट्रिस्ट की ज़रूरत है जिन्होंने चार साल का प्रशिक्षण लिया हो। शहरी भारत की बात करें तो 25,000 की आबादी पर एक ऑप्थेल्मोलोजिस्ट है और ग्रामीण भारत में तो 219,000 की आबादी पर सिर्फ 1 ऑप्थेल्मोलोजिस्ट है। प्रशिक्षित चिकित्सकों की कमी को ध्यान में रखते हुए एकेडमी अनुभवी एवं प्रशिक्षित चिकित्सकों के द्वारा आधुनिक और व्यापक आई केयर एजुकेशन उपलब्ध कराएगी, ताकि भारत में अंधेपन की बढ़ती चुनौती को हल किया जा सके।

आई केयर  एजुकेशन के महत्व पर बात करते हुए करूणा भाटिया, हैड ऑफ सस्टेनेबिलिटी, भारत, स्टैण्डर्ड चार्टर्ड बैंक ने कहा, ‘‘अंधेपन के ज़्यादातर मामले ऐसे होते हैं, जिन्हें उचित देखभाल के द्वारा रोका जा सकता है, किंतु प्रशिक्षित नेत्र चिकित्सा कर्मियों की कमी इस दिशा में बड़ी चुनौती है। इसके अलावा महामारी के प्रभावों के चलते मेडिकल एवं सर्जिकल मेंटरिंग की चुनौतियां और अधिक बढ़ गई हैं। ऐसे में नए उम्मीदवारों को सर्जिकल कौशल प्रदान करने, उन्हें आधुनिक प्रशिक्षण देने के लिए रचनात्मक तरीके अपनाना भी ज़रूरी है। स्टैण्डर्ड चार्टर्ड बैंक- श्रॉफ आई केयर एजुकेशन एकेडमी ऐसे सशक्त आई केयर प्रोफेशनल्स का निर्माण करेगी, जो भारत की आई-केयर संबंधी ज़रूरतों को पूरा कर अंधेपन एवं अन्य नेत्र समस्याओं को रोकने में मदद कर सकें। हम अपने वादे के अनुसार हमेशा से लोगो के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रयासरत हैं और यह एकेडमी इसी दिशा में एक और पहल है।

डॉ उमंग माथुर, एक्ज़क्टिव डायरेक्टर, डॉ श्रॉफ़ चैरिटी आई हॉस्पिटल ने कहा, ‘‘यह एकेडमी नेत्र चिकित्सक समुदाय को निरंतर शिक्षा प्रदान करने और उन्हें आधुनिक ऑप्थेल्मिक टेक्नोलॉजी सीखने का मौका देने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। हम उद्योग जगत के अग्रणी शैक्षणिक स्रोतों के माध्यम से मरीज़ों को सर्वश्रेष्ठ संभव आई केयर उपलब्ध कराने के लिए आई केयर प्रोफेशनल्स को उत्कृष्ट प्रशिक्षण प्रदान करना चाहते हैं। इस प्रोजेक्ट के माध्यम से हमने 25,000 उम्मीदवारों को आई केयर में प्रशिक्षण देने की योजना बनाई है। हम स्टैण्डर्ड चार्टर्ड बैंक के प्रति आभारी हैं जिन्होंने उदारता के साथ इसके लिए सहयोग दिया है। यह साझेदारी आई केयर सेवाओं की उपलब्धता को बेहतर बनाएगी और समाज को ऐसे नेत्र चिकित्सक उपलब्ध कराएगी जो उन्हें गुणवत्तापूर्ण नेत्र चिकित्सा उपलब्ध करा सकें।

एकेडमी का लॉन्च करते हुए, डॉ श्रॉफ चैरिटी आई हॉस्पिटल ने स्टैण्डर्ड चार्टर्ड बैंक के साथ साझेदारी में, Avoidable blindness - role of human resource विषय पर एक सम्मेलन का आयोजन भी किया। इस अवसर पर श्री आर.डी. थुलासिराज, डायरेक्टर ऑफ ऑपरेशन्स, अरविंद; डॉ गुल्लापाली नागेश्वर राव, संस्थापक एलवीपीईआई; डॉ उमंग माथुर, एक्ज़क्टिव डायरेक्टर, डॉ श्रॉफ़ चैरिटी आई हॉस्पिटल; और मिस करूणा भाटिया, हैड ऑफ सस्टेनेबिलिटी, भारत, स्टैण्डर्ड चार्टर्ड बैंक पैनल पर मौजूद थे। इन सभी दिग्गजों ने आई केयर के पेशेवर विकास, इस क्षेत्र में भर्तियों में आने वाली चुनौतियों, बाधाओं और इनके समाधानों पर चर्चा की।

नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वीके पॉल इस अवसर पर मुख्य अतिथि थे। उन्होनें कहा ‘‘मैं डॉ श्रॉफ चैरिटी आई हॉस्पिटल द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना करता हूं, जो ऑप्थेल्मोलोजिस्ट्स को आई सर्जरियों के लिए प्रशिक्षण प्रदान कर रहे हैं। हमें अच्छा लगेगा अगर एकेडमी कुछ और प्रोग्राम शुरू करे। खासतौर पर डीएनबी कोर्सेज़ बेहद महत्वपूर्ण होंगे, क्योंकि इनमें मांग की दृष्टि से आज भी बड़ा अंतराल मौजूद है। अब देश की तकरीबन आधी आबादी प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत कवर्ड हैं। मैं स्वास्थ्यसेवा प्रदाताओं से अनुरोध करता हूं कि आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आयोग्य योजना का लाभ उठाएं और भारत में रोके जा सकने वाले अंधेपन की समस्या को दूर करने में योगदान दें।

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