आंगनबाड़ी अध्यक्ष के आवाहन पर पूरे उत्तर प्रदेश में आंदोलन

 

आंगनबाड़ियों की 11सूत्रीय मांगे

1.आंगनवाडी कार्यकत्री, मिनी आंगनवाड़ी,  सहायिका को राज्य कर्मचारी का दर्जा दिया जाए और इतनी भीषण महंगाई को देखते हुए कम से कम ₹25000 मानदेय दिया जाए जब तक यह मांग पूरी नहीं होती है आंगनवाड़ी की मानदेय वृद्धि  हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, मध्य प्रदेश , तेलंगाना  आदि प्रदेशों की तर्ज पर होनी चाहिए इन प्रदेशों में 8000 से लेकर 13000 हजार  तक मानदेय है ।

2.आंगनवाड़ियों को नियमित राज्य कर्मचारी बनाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार को विकल्प तलाशना होगा।

 3.आंगनबाड़ियों के लिए सरकार तत्काल न्यूनतम वेतन की व्यवस्था करें, जो न्यूनतम मजदूरी से कम ना हो।

3.आंगनबाड़ी के मानदेय को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक से जोड़ा जाए जो न्यूनतम मजदूरी से कम ना हो।

4.आंगनवाड़ी कर्मियों की सामाजिक सुरक्षा के लिए 300 करोड़ का आंगनवाड़ी कल्याण कोष बनाया जाए

5 लिपिक,एनम एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के लिए आंगनबाड़ियों के लिए 25% कोटा होना चाहिए।

6.राज्य कर्मचारियों की तरह ही सभी स्वास्थ्य सुविधाएं दी जाएं

7.सेवानिवृत्त आंगनबाड़ियों को एकमुश्त ₹1000000 का वजीफा दिया जाए जो कि बुढ़ापे का सहारा हो

8.प्री प्राइमरी नई शिक्षा नीति लागू होने पर प्राथमिक शिक्षकों के बराबर वेतनमान दिया जाए तथा आईसीडीएस विभाग में बाहरी व्यक्ति व संस्थाओं का हस्तक्षेप बिल्कुल बंद किया जाए

9.मुख्य सेविका के रिक्त पड़े पदों पर वरिष्ठता के आधार पर पूर्ण रूप से  आंगनबाड़ी का प्रमोशन किया जाना चाहिए।

10 आंगनबाड़ियों के लिए भयमुक्त और शोषण मुक्त नीति बनाई जाए

11. देश में सारी समस्याओं की जड़ बढ़ती आबादी पर भी सरकार नीति बनाएं जो आंगनबाड़ियों का मूल कर्तव्य भी है।

शब्दवाणी समाचार, शुक्रवार 29 अक्टूबर 2021, ( के लाल) गौतम बुध नगर। इसी महीने की 20 से पूरे उत्तर प्रदेश के हर जिले में सावित्री चौधरी JSF राष्ट्रीय अध्यक्ष / आंगनबाड़ी अध्यक्ष के आवाहन पर पूरे उत्तर प्रदेश में आंदोलन जारी है, क्योंकि 2 अक्टूबर से अधिकार यात्रा शुरू हुई थी और 4 अक्टूबर को लखनऊ इको गार्डन शासन प्रशासन की तरफ से आश्वासन दिया गया था। कि 15 दिन के अंदर आप लोगों की मांगों पर विचार करके मांगों को पूर्ण किया जाएगा, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं आया इसलिए 20 अक्टूबर से आंगनबाड़ियों का आंदोलन दोबारा शुरू हो गया है जिसमे सरकार से नाराज आंगनवाड़ीया काली पट्टी बांधकर काम कर रही  हैं गौतमबुद्धनगर जिले में आंगनवाड़ीओं ने jsf व आंगनवाड़ी संगठन की प्रदेश/ मंडल /जिला/ब्लॉक अध्यक्ष ने प्रदेश उपाध्यक्ष के नेतृत्व में आज आठवें दिन भी आंदोलन जारी रहा।  आंगनवाड़ी  काली पट्टी बांधकर काम कर रही हैं। सरकार का विरोध करते हुए आंदोलन जारी है और जब तक जारी रहेगा तब तक आंगनबाड़ियों की मांगे पूरी नहीं हो जाती।

वर्षों से महंगाई और काम का पैमाना आंगनवाड़ी समाज पर पड़ रहा है, काम आंगनवाड़ी  के लिए और महंगाई सरकारी कर्मचारियों के लिए आंगनवाड़ी दूसरों की सेवा संक्रमण में बीमार लोगों के पास जाना और इन सब की मेहनत के बदले परिवार की जरूरत भी पूरी न करने के ताने सहना, आंगनबाड़ी को राज्य कर्मचारी का दर्जा देना देश की पहली आवश्यकता है।  जिस देश में महिला सशक्तिकरण की बात की जाती हो , देश की आधी आबादी (महिलाओं) आंगनवाड़ियों के साथ अन्याय क्यों? सभी आँगनवाड़ी बहनों को उनके मौलिक अधिकार मिलने चाहिये। ये कर्मचारी, सरकार की नीतियों को सजग प्रहरी की तरह ग्राउंड लेवल तक पहुंचाती है ये बहने  रास्ट्र की रीढ़ है ,छोटे  बच्चों को प्राथमिक टीचर की तरह बच्चों का जीवन सॅवारती हैं। आंगनवाडी सरकार  के  अभिन्न अंग की तरह कार्य करती हैं। सरकार आंगनबाड़ी की मांगो को स्वीकृति प्रदान करें ताकि उत्तर प्रदेश  विशाल राज्य की रीढ़ जीवन की मुख्य धारा से जुड़ सकें। 

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