वर्ल्ड टॉयलेट डे पर श्री एम वेंकैया नायडू ने101 प्रेरणादायी कहानियां का अनावरण किया
• वर्ल्ड टॉयलेट डे पर सभी के लिए सुरक्षित शौचालय उपलब्ध कराने की आवश्यकता को मजबूत बनाने के लिए भारत की पहली स्वच्छता प्रतिज्ञा की भी शुरुआत
• श्री वेंकैया नायडू, भारत के माननीय उप राष्ट्रपति सफाई कर्मचारियों पर एक कॉफी टैबल बुक- 101 प्रेरणादायक कहानियां का करेंगे अनवारण
• श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, केंद्रीय कैबिनेट मंत्री, जल शक्ति मंत्रालय, राष्ट्रीय स्वच्छता केंद्र में लॉन्च
शब्दवाणी समाचार, शनिवार 20 नवम्बर 2021, नई दिल्ली। हार्पिक मिशन पानी ने वर्ल्ड टॉयलेट डे पर मिशन पानी सैनीटेशन फोरम में माननीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत और पांच प्रमुख महिला लीडर्स - कौसर मुनीर (गीतकार), सविता पुनिया (भारतीय हॉकी खिलाड़ी), स्मृति मंधाना (भारतीय क्रिकेटर), भाविना पटेल (भारतीय पैरा एथलीट और टैबल टेनिस खिलाड़ी) और लवलीना बोरगोहेन (भारतीय बॉक्सर, ओलंपियन) के साथ भारत के पहले ‘सभी के लिए स्वच्छता प्रतिज्ञा और प्रस्तावना: स्वच्छ जल, सतत स्वच्छता को पेश किया।
इस कार्यक्रम में माननीय उपराष्ट्रपति श्री एम वेंकैया नायडू द्वारा अपनी तरह की पहली कॉफी टैबल बुक ‘101 प्रेरणादायी कहानियां’ का भी अनावरण किया गया। यह पुस्तक भारत में सफाई कर्मचारियों की उम्मीदों और प्रेरणा की कहानियों का प्रदर्शन करती है। इंटेग्रेटेड हेल्थ एंड वेलबीइंग काउंसिल द्वारा संकलित यह पुस्तक उन कर्मचारियों के लिए एक श्रद्धांजलि है, जिन्होंने हमारी सफाई और स्वच्छता जरूरतों का ध्यान रखते हुए एक साफ और अधिक स्वच्छ वातावरण बनाने के लिए अपनी जान को जोखिम में डाला। ये कहानियां उन लोगों की है, जिन्होंने अपने जीवन को हाथ से मैला ढोने से अधिक सम्मानजनक आजीविका में बदला है।
अक्षय कुमार, अभिनेता और मिशन पानी के लिए अभियान राजदूत, ने कहा, “पिछले कुछ वर्षों में, भारत ने स्वच्छता सुधार और देश में खुले में शौच को समाप्त करने की दिशा में तेजी से प्रगति की है। फिर भी अभी एक बड़ी आबादी के पास शौचालय और शुद्ध पेय जल की सुविधा मौजूद नहीं है। मुझे खुशी है कि मिशन पानी पहल के माध्यम से, रेकिट और नेटवर्क 18 ग्रुप हमें स्वच्छता की शपथ दिलाकर व्यवहार में बदलाव लाने की कोशिश कर रहे हैं। स्वच्छता की कमी न केवल स्वास्थ्य को प्रभावित करती है बल्कि आर्थिक विकास में भी बाधा खड़ी करती है। हम सभी के लिए इस पहल का समर्थन करना और संदेश को बड़ी संख्या में लोगों तक ले जाना, विशेषरूप से ग्रामीण भारत में, बहुत आवश्यक है।
गौरव जैन, सीनियर वाइस प्रेसिडेंट, साउथ एशिया, रेकिट ने कहा, “रेकिट की लड़ाई, उच्चतम गुणवत्ता की सफाई, स्वास्थ्य और पोषण तक आसान पहुंच को एक मूलभूत अधिकार बनाना है, न कि यह कोई विशेषाधिकार है। आज, वर्ल्ड टॉयलेट डे पर, हम जल आपूर्ति और स्वच्छता प्रावधान तक पहुंच को सक्षम बनाने के लिए ईकोसिस्टम का निर्माण करने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हैं, जो गरीबी उन्मूलन के लिए जरूरी है। हम स्वच्छ जल और स्वच्छता के लिए भारत की पहली प्रस्तावना को कायम रखने का संकल्प लेने के लिए पूरे देश को एक साथ ला रहे हैं। स्वच्छ जल और स्वच्छ शौचालय का मतलब है एक स्वस्थ राष्ट्र, इसे देश के विकास में सबसे महत्वपूर्ण मानवाधिकार घटकों में से एक के रूप में अपनाया जाना चाहिए।
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