दिल्ली की तीसरे रिंग रोड के निर्माण में बाधा डाला : मांगे राम

◆ भूमाफिया, पूर्व पार्षद और डीडीए के भ्रष्ट अधिकारियों पर मिलीभगत का आरोप 

◆ पूर्व पार्षद मेमवती बरवाला ने तीसरे रिंग रोड पर कब्जा कर बनाया मकान 

शब्दवाणी समाचार, मंगलवार 8 फरवरी  2022, नई दिल्ली। दिल्ली की तीसरे रिंग रोड के निर्माण में भूमाफिया, पूर्व पार्षद और डीडीए के भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत से बाधा डालने का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। इस मामले में पूर्व कांग्रेस पार्षद मेमवती बरवाला व उनके पति कांग्रेस नेता बल्देव सिंह, डीडीए के कार्यकारी अभियंता चंद्रभान सिंह और जेई नीतिश कुमार RMD 5 को आरोपी बनाया गया है। इस संबंध में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता एवं डीडीए उपाध्यक्ष मनीष कुमार गुप्ता से भी हस्तक्षेप करने की गुहार लगाई गई है।

उत्तरी बाहरी दिल्ली की आनंद विहार कालोनी (पूठ खुर्द) आरडब्ल्यूए के प्रधान मांगे राम, स्थानीय पार्षद अंजू अमन, दिल्ली सरकार से सेवानिवृत्त चौधरी रणधीर सिंह और मास्टर शिवनारायण ने आरोप लगाया है कि 100 मीटर चौड़ी अर्बन एक्सटेंशन रोड (यूईआर 2) को गांव बरवाला के पास सीधे निकालने के बजाए मोड़ देने का प्रयास किया जा रहा है। इन सभी का कहना है कि 100 मीटर चौड़ी अर्बन एक्सटेंशन रोड (यूईआर-2) सन 2004 में सीधी थी और डीडीए ने इसका नक्शा भी बनाया था। लेकिन भूमाफिया पूर्व कांग्रेस पार्षद मेमवती बरवाला व उनके पति कांग्रेस नेता बल्देव सिंह ने डीडीए के भ्रष्ट अधिकारियों के साथ मिलकर अपने राजनीतिक प्रभाव से सन 2007 में डीडीए को जाली कागजात देकर इस रोड में एक मोड़ डलवा दिया। यही नहीं, 1984- 85 में बसी आनंद विहार कालोनी, जो प्रधानमंत्री योजना के तहत पक्की होने की लिस्ट में है, में 28 गरीब लोगों के मकान भी तुड़वा दिए। दुखद यह कि इस प्रकरण में एक व्यक्ति की मौत भी हो गई लेकिन यह मामला भी दबा दिया गया।

इन सभी महानुभावों ने आगे बताया कि बार बार गुहार लगाने के बाद सन 2020 में जब डीडीए ने गांव बरवाला के नजदीक टीएसएम मशीन से अधिग्रहित जमीन की पैमाइश कराई तो सारा कच्चा चिट्ठा सामने आ गया। पता चला कि अधिग्रहित की गई जमीन खसरा नं. 65 / 4, 8, 9 और 12 गांव पूठ खुद की जमीन पर 2007 में बने बैंक, गोदाम, फैक्ट्री इत्यादि, जिनसे हर माह चार से पांच लाख रुपये की  कमाई की जा रही है, सभी पूरी तरह से अवैध हैं। इन सभी महानुभावों ने यह भी खुलासा किया है कि भूमाफिया ने जो कागजात डीडीए में लमा कराए थे मसलन- लालडोरा सर्टिफिकेट, सेल डीड, कारपोरेशन बैंक के साथ हुआ एग्रीमेंट एवं बिजली के बिल आदि  सभी खसरा नं. 87 / 1 के बने हुए हैं जबकि कब्जा डीडीए अधिग्रहित जमीन खसरा नं. 65 / 4, 8, 9 और 12 गांव पूठ खुद व ग्रामसभा की जमीन 87 / 77 गांव बरवाला में किया हुआ। इस कारण सभी कागज जाली हैं।

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