8 साल बेमिसाल ,देश सेवा के लिए छोड़ा अपना घर परिवार

शब्दवाणी समाचार, रविवार 8 मई 2022, नई दिल्ली। गब्बर पिछले 8 सालो से अपना घर परिवार अपनी जॉब सब कुछ छोड़कर देश सेवा में लगा हुआ है। अपना घर छोड़ने के बाद गरीब बच्चो की शिक्षा के लिए काम करना स्टार्ट किया। सुरूआती समय में मेरे पास खुद के रहने के लिए कोई जगह नही थी , इसलिए मैने रोड, पुल , पार्क , समशान घाट में बैठकर पढ़ाना स्टार्ट किया। शुरुआत में मैने एक दो बच्चो से पढ़ाना स्टार्ट किया और आज कम से कम 2000 बच्चो को फ्री पढ़ाते है। शुरू के 4 साल मेरे काफी मुश्किल में रहे। 4 साल मैने गर्मी हो या सर्दी हो रोड पर काटे रोड पर खाना खाया, रोड पर ही सोया पर देश सेवा में बच्चो को पढ़ाना नही छोड़ा खाना भी दो दिन में एक समय होता था वो भी जब किसी बच्चे के घर से आ जाता था । धीरे धीरे मेरे साथ पूजा गौतम , आशुतोष आर्यन , अंकित लाल श्रीवास्तव, कृष्णा आए और इन सब ने एक टीम बनकर देश सेवा में मेरा योगदान दिया।

बच्चो की शिक्षा का स्तर ओर बड़ाना चाहता हु जिसके लिए मेरे पास संसाधनों की कमी है बच्चो के प्रोत्साहन के लिए बच्चो को समय समय पर कॉपी किताब बैग और ऑनलाइन क्लास हेतु मोबाइल और राशन भी बच्चो को दिया है हम इस्माइलपुर मैं पढ़ाने के साथ साथ फरीदाबाद की दोनो पुलिस लाइन में भी हमारी क्लास लगती है । बच्चो की सेवा और जनसेवा में समर्पित मैं गब्बर को समाज और सरकार द्वारा आर्थिक सहयोग और सम्मान ,समर्थन की जरूरत है। 

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