एको दिल्ली के छोटे विक्रेताओं को महामारी के प्रभावों से उबरने में मदद कर बना रहा है सक्षम
◆ अपने उपभोक्ताओं को उपलब्ध करा रहे हैं ऑनलाईन बिल भुगतान और धन प्रेषण के फायदे
◆ एको ने अपने भारत अभियान के तहत यह पहल की है, जो सही उपकरणों, अवसरों और ऋण के साथ विक्रेताओं को बनाती है सक्षम
शब्दवाणी समाचार, रविवार 1 मई 2022, नई दिल्ली। एमएसएमई एवं अन्य उद्योगों की वित्तीय ज़रूरतों को पूरा करने की प्रतिबद्धता को मजबूत बनाते हुए, भारत के सबसे तेज़ी से विकसित होते फिनटेक प्लेटफॉर्म एको ने दिल्ली के विक्रेताओं को डिजिटल रूट अपनाने तथा एको वॉलेट के ज़रिए अपने उपभोक्ताओं के लिए ऑनलाईन युटिलिटी बिलों के भुगतान एवं धनप्रेषण को आसान बनाने में सक्षम बनाया है। कोविड-19 महामारी और इसके परिणामस्वरूप बार-बार लॉकडाउन के चलते निज़ामुद्दीन खान जैसे छोटे विक्रेताओं के कारोबार पर बुरा असर पड़ा है। निज़ामुद्दीन खान की किराने की दुकान के कारोबार पर बुरा प्रभाव पड़ा, उनका जीटीवी (सकल लेनदेन मूल्य) जो कोविड से पहले 57 लाख रु था, वह कम होकर 32 लाख रु पर आ गया। उन्हें अपना भविष्य अनिश्चित दिखाई दे रहा था, उनके परिवार में पत्नी, दो बेटे और माता-पिता है, उनके लिए परिवार की देखभाल करना मुश्किल हो गया। लेकिन एको के साथ साझेदारी उनके जीवन में नया मोड़ लेकर आई। एको के साथ जुड़ने के बाद निज़ामुद्दीन खान ने 120 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की, उन्होंने नवम्बर 2021 में अपने उपभोक्ताओं के लिए 1.5 लाख रु के डिजिटल बिल भुगतान किए और 67 लाख रु का कुल जीटीवी हासिल किया। जो महामारी से पहले के आंकड़ों की तुलना में बेहद अधिक था।
शिव कुमार भी दिल्ली से एक और विक्रेता है, उनका स्टेशनरी का काम पूरी तरह से खत्म हो गया था, लेकिन एको के साथ जुड़ने के बाद उनके जीवन में नया बदलाव आया। महामारी के दौरान लोगों ने उनकी दुकान से स्टेशनरी खरीदना बंद कर दिया। उनका जीटीवी जो मार्च 2020 से पहले 65 लाख रु था, वह कम होकर 8 लाख रु पर आ गया। एको के साथ जुड़ने के बाद शिव कुमार ने अपने कारोबार को पैमाना बढ़ाया और 1 करोड़ का जीटवी हासिल किया। इस तरह उन्हें 1150 फीसदी की ज़बरदस्त बढ़ोतरी की। उन्होंने असंख्य उपभोक्ताओं का भरोसा जीत लिया, जो डिजिटल भुगतान के चलते उनके साथ जुड़ने लगे। तो यह कहना गलत नहीं होगा कि एको ऐसे विक्रेताओं के लिए मसीहा बनकर आया और उनके कारोबार को डिजिटल रूप से सशक्त बना कर उन्हें आगे बढ़ने में मदद की।
इस मौके पर अभिनव सिन्हा, सह-संस्थापक, एको ने कहा, ‘‘देश की राजधानी होने के बावजूद दिल्ली के कुछ इलाके आज भी भारत के डिजिटल मानचित्र से बाहर हैं। ज़्यादातर छोटे कारोबार मालिक ऑफलाईन ही अपना कारोबार चलाते हैं, वे कम आय, दस्तावेजों पर आधारित असुरक्षित रिकॉर्ड्स की समस्या से जूझ रहे हैं। महामारी के चलते उनके काम में रूकावटें और अधिक बढ़ गईं, उनके लिए रोज़ाना का खर्च चलाना भी मुश्किल हो गया। हमें खुशी है कि अब उनके कारोबार में सुधार हो रहा है और एको के साथ उनकी कमाई बढ़ गई है। हम ऐसे ही छोटे कारोबार मालिकों की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए प्रयासरत हैं जिनमें घर से काम करने वाली महिलाएं, ऑटो चालक, सिक्योरिट गार्ड्स, बीमा एजेन्ट, नौकरी ढूंढने वाले ग्रेजुएट्स भी शामिल हैं।
यह देखकर अच्छा लगता है कि विक्रेता और छोटे कारोबारी विभिन्न चुनौतियों का सामना कर आज आत्मनिर्भर बन रहे हैं। वे ऑफलाईन, दस्तावेजों के रिकॉर्ड को छोड़ एको के साथ साझेदारी में डिजिटल तरीके अपना रहे हैं। वे अपने उपभोक्ताओं को बैंकिंग एवं वित्तीय सेवाओं से लाभान्वित कर अतिरिक्त आय कमा रहे हैं। एको के साथ जुड़ने से उन्हें आय के लुभावने अवसर मिले हैं। आने वाले समय में भी घर से काम करने वाली महिलओं, ऑटो चालकों, सिक्योरिटी गार्ड, बीमा एजेंट, ग्रेजुएट्स आदि को सशक्त बनाने के प्रयास जारी रखेंगे। एको लाखों विक्रेताओं के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव उत्पन्न समाज कल्याण में योगदान देने के लिए निरंतर प्रयासरत है। कंपनी की ये सेवाएं इसके नेटवर्क के छोटे विक्रेताओं को महामारी के प्रभाव से उबरने में मदद कर लगातार सशक्त बना रही हैं।
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