भारत अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र बनने की दिशा में तेजी से आगे
शब्दवाणी समाचार, मंगलवार 17 मई 2022, नई दिल्ली। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा स्थापित एक निर्यात संवर्धन परिषद भारत के सेवा निर्यातकों की सुविधा के लिए शीर्ष व्यापार निकाय SEPC ने 14 मई 2022 को नई दिल्ली के विज्ञान भवन के प्लेनरी हॉल में एक दिवसीय सम्मेलन, "अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता: एक भारतीय परिप्रेक्ष्य" का आयोजन किया।सम्मेलन के हिस्से के रूप में, वैश्विक मोर्चे पर भारत से संबंधित अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता से जुड़े कई मुद्दों पर प्रकाश डाला गया और यह सम्मेलन अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता प्रक्रिया / समझौतों को संभालने, प्रबंधित करने और लागू करने में कानूनी सेवा क्षेत्र को मदद देने और सशक्त बनाने में सहायता करेगा।
सभा को संबोधित करते हुए, माननीय न्यायमूर्ति श्री एस. रवींद्र भट, सर्वोच्च न्यायालय, भारत ने दुनिया भर की उन अभिनव तकनीकों के बारे में एक समग्र प्रस्तुति दी जो मध्यस्थता समय के अनुसार को कुशल बनाने में मदद करती है। उन्होंने अपने अनुभव सांझा करते हुए कहा, "हॉट ट्यूबिंग जैसी तकनीकें, जो ऑस्ट्रेलिया में शुरू हुईं और विभिन्न मामलों के लिए भरपूर डेटा को सुव्यवस्थित करने में मदद करती हैं, से कानूनी प्रक्रियाओं को तेज गति से हल करने में मदद मिलती है। अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता का केंद्र बनने के लिए इस तरह की नवीन और कुशल तकनीकों को भारत की विधायिका में स्थान देने की आवश्यकता है।
एसईपीसी (SEPC) के महानिदेशक डॉ. अभय सिन्हा ने एक व्यवहारिकतापूर्ण जानकारी देते हुए कहा, "2018 की एक रिपोर्ट के अनुसार विवादों से संबंधित कुल वैश्विक राशि 86 बिलियन अमरीकी डालर है और यह 10% की दर से बढ़ रही है। जैसे-जैसे हमारा देश अधिक वैश्विक व्यापार के लिए खुलेगा, ऐसे मामले बढ़ते रहेंगे। विवादों के वैश्विक मूल्य के तीन मुख्य पहलू जिन पर हमें काम करने की आवश्यकता है में एक अंतरराष्ट्रीय ढांचा तैयार करना, अपनी शक्ति और अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता के बारे में वैश्विक स्तर पर जागरूकता फैलाना और निरंतर प्रयास करना शामिल हैं ताकि आंकड़े और ऊपर जा सकें।‘’ उन्होंने आपूर्ति के विभिन्न तरीकों के माध्यम से भारतीय कानूनी सेवाओं को वैश्विक स्तर पर ले जाने में एसईपीसी (SEPC) द्वारा निभाई जाने वाली महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में भी जानकारी दी।
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