फिल्म समीक्षा : मेजर

शब्दवाणी समाचार, शुक्रवार 3 जून 2022(फिल्म समीक्षक रेहाना परवीन) नई दिल्ली। 2008 को मुंबई के ताज होटल को आतंकियों से मुक्त कराने वाले राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड के कमांडोज जिनमें से मेजर संदीप उन्नीकृष्णन ने सर्वोच्च बलिदान देकर शहीद हुए थे। यह फिल्म उन्हीं मेजर संदीप के जीवन पर आधारित फिल्म है। यह फिल्म उनके बचपन से वीरता की कहानी को लेकर उनके बचपन, जवानी, पारिवारिक ज़िंदगी, सोच और साहस को करीब से दिखाती है। किसी बायोपिक के पैटर्न पर चलती हुई यह फिल्म दिखाती है कि संदीप बचपन से ही कुछ अलग थे, दूसरों की मदद करने को तत्पर रहते थे, जीवन में कुछ साबित करना चाहते थे। फिल्म उनके गुणों को स्थापित करते हुए उनकी जवानी के दिनों, उनके रोमांस, फौज की ट्रेनिंग आदि को दिखाते हुए धीरे-धीरे हमें नवंबर, 2008 के उन दो दिनों तक ले जाती है जब मेजर संदीप अपने पराक्रम की पराकाष्ठा दिखाते हुए देश पर शहीद हुए थे। अदीवी सेष की परफोर्मेंस ने जीत लिया दिल, रगो में दौडे़गा देशभक्ति का जज्बा दिखेगा। अदीवी सेष और सई मांजरेकर की फिल्म मेजर 3 जून को रिलीज हो रही है। इसलिए इस फिल्म को परिवार के साथ देखा जा सकता है। में फिल्म को पांच में से चार नंबर देती हूँ।

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