इस विश्‍व महासागर दिवस पर सोनी बीबीसी अर्थ पर देखिए ओशन रेस्क्यू

शब्दवाणी समाचार, वीरवार 9 जून 2022, नई दिल्ली। धरती की सतह का लगभग 75 प्रतिशत हिस्सा महासागरों से आच्छादित है और इन महासागरों में समस्त प्राणी जगत का 50 से 80 प्रतिशत का वास है। दुनिया की एक-तिहाई से अधिक आबादी सामुद्रिक जैव-विविधता पर आश्रित है और इन विशाल जलागार मानव गतिविधियों द्वारा उत्पन्न कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित कर लेते हैं। महासागरों के महत्व को उजागर करते और जलीय जीवन पर मानव गतिविधियों के प्रभाव को दर्शाते हुए सोनी बीबीसी अर्थ इस विश्व महासागर दिवस (वर्ल्ड ओशन डे) पर ‘ओशन रेस्क्यू’ का प्रीमियर करने जा रहा है।

ओशन रेस्क्यू दर्शकों को जलागारों को मैला करने वाली गतिविधियों का पर्दाफ़ाश करने की चाहत में पूरी धरती की सैर कराएगा। हर साल समुद्रीय उद्योगों द्वारा उत्पन्न लाखों टन प्लास्टिक के अपशिष्ट से समुद्री जीवन और संसाधनों पर ख़तरा पैदा हो रहा है। यह शो जलीय प्रजातियों पर रोशनी डालता है जिनका भविष्य प्रदूषित जल द्वारा निर्धारित किया गया है। जलागारों में भारी मात्रा में पाए गए प्लास्टिक को अक्सर मछलियों और अन्य समुद्री जानवरों द्वारा निगल लिया जाता है और कभी-कभी ये उन सीफूड में मिलते हैं जिन्हें हम खाते हैं। 6 एपिसोड की इस सीरीज में आर्कटिक पेरिल, जमते जा रहे उत्तरी भूभाग को बचाने के लिए जिन्दगी को दाँव पर लगाने के लिए तत्पर एक आदमी की कहानी शामिल है। इसके अलावा लूयिस पुघ की जीवन यात्रा को दर्शाया गया है जो महासागर प्रचारक हैं और लोगों में जागरूकता बढ़ाने और प्रेरणा का भाव जगाने के लिए बहते बर्फ की चट्टानों के साथ-साथ तैरते हैं। 

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