एतिहासिक दुर्ग कालिंजर में जनपदीय जल संरक्षण गोष्ठी का हुआ आयोजन

शब्दवाणी समाचार, सोमवार 5 सितम्बर 2022, सम्पादकीय व्हाट्सप्प 8803818844, (प्रशांत त्रिपाठी) बाँदा। जनपदीय जल संरक्षण गोष्ठी’’ का आयोजन एतिहासिक दुर्ग कालिंजर में आयोजित की गई।  मुख्य अतिथि निदेशक गिरराज गोयल द्वारा कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये कहा कि आज कालिंजर के इस अजेय दुर्ग पर भगवान नीलंकण्ठ ने अपने आर्शीवाद से मुझे जनपदीय जल संरक्षण गोष्ठी में बोलने का अवसर दिया है। जब मुझे जनपद में जल संरक्षण गोष्ठी का प्रस्ताव जिलाधिकारी द्वारा भेजा गया तभी मैंने सोचा था कि मैं उक्त गोष्ठी में जरूर जाऊंगा और जल ग्राम जखनी भी देखूगां। उन्होंने कहा कि प्यासे बुन्देलखण्ड की तकदीर को बदलने के लिये जो ठानी है। वह जरूर साकार होगा। जिलाधिकारी अनुराग पटेल ने बांदा को पानीदार बनाकर सभी का दिल जीत लिया है और आने वाली पीढ़ी को बचाने के लिये जो कार्य किया जा रहा है वह इतिहास में मील का पत्थर साबित होगा। हम लोग बरसात के पानी को रोकते नहीं और वह नदी, नाले से समुद्र में चला जाता है और पेड़ काटे जा रहे है तथा भूमिगत जल का दोहन कर रहे है। इन सभी बातों को सोचना चाहिए और यह चिंता का विषय है। हमें इस परिस्थिति को बदलना पड़ेगा। 

वैसे तो बांदा में विभिन्न योजनायें चल रही है जिसमें जल जीवन मिशन, अटल भूजल योजना, कैच द रेन, वन ड्राप मोर ड्राप आदि चलायी जा रही है। मा0 प्रधानमंत्री मंत्री द्वारा जल जीवन मिशन की शुरूआत की गई। जल जीवन मिशन के अन्तर्गत एक डेढ वर्ष में सभी के घरों में पानी पहुंच जायेगा। उन्होंने कहा कि स्वतंन्त्रता के बाद से पानी सप्लाई मैंनेमेन्ट, पानी डिमाण्ड मैंनेजमेंट एवं वाटर बजट प्रणाली का अध्ययन करना चाहिए। पूरे विश्व में मात्र 2.5 प्रतिशत ही पानी पीने योग्य है और पूरे विश्व में 17 प्रतिशत आबादी भारत की है। हमारे देश में 81 प्रतिशत पानी किसानों को कृषि के लिये जरूरत पड़ती है। हम जब पैसों की चिन्ता करते हैं और सोचते है कि कितना खर्च करें। ठीक उसी प्रकार हमें पानी के लिये चिन्ता करने की जरूरत है। इसी को देखकर प्रधानमंत्री जी अटल भूजल योजना लांच की गई है। निदेशक ने कहा कि देश को पानीदार कैसे बनाया जाये। इसको देखते हुये प्रधानमंत्री ने अमृत सरोवर योजना को लांच किया। अमृत सरोवर में जब बारिश का पानी इकठ्ठा होगा। अमृत सरोवर के जल से आस-पास के क्षेत्र में भूजल स्तर बढ़ेगा तो उसके आस-पास के हैण्डपम्प, नलकूप का जल स्तर भी बढ़ेगा। अमृत सरोवर से निश्चित भूमि को पानीदार बन जायेगा और प्यासी भूमि की प्यास बुझ पायेगी। उन्होंने कहा कि बांदा में मैंने जो देखा है मेरी आंखे चौधिंया गई है। जिलाधिकारी अनुराग पटेल के कुशल नेतृत्व में जो जल संरक्षण का कार्य किया गया है, वह वास्तव में सराहनी है। इस तरह के कार्यो में एैसे जिलाधिकारी के कुशल नेतृत्व एवं जन सहयोग दोनो की जरूरत है। अन्त में निदेशक द्वारा जनपद में भ्रमण के दौरान जल संरक्षण के कार्यो को देखा गया उसकी उन्होंने कंठ मुक्त से प्रंशसा की।

विशिष्ट अतिथि उमाशंकर पाण्डेय द्वारा कार्यक्रम को सम्बोधन करते हुये कहा कि जिलाधिकारी अनुराग पटेल के पूर्व में कराये गये कार्यो की सराहना करते हुये कहा कि बांदा का सौभाग्य है कि धरातल से जुड़कर और लोगों को अपने साथ जोड़कर कार्य करने वाले एैसे जिलाधिकारी है। उन्होंने कहा कि भूजल संरक्षण-सर्वंधन के क्षेत्र में पूरे प्रदेश में एक मात्र जनपद बांदा के जिलाधिकारी अनुराग पटेल को मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित किया गया है।जिलाधिकारी अनुराग पटेल द्वारा कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये कहा कि ऐतिहासिक दुर्ग कालिंजर को विकसित करने का प्रसाय किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उरई में प्रधानमंत्री द्वारा जब बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस वे के लोकार्पण कार्यक्रम में अपने सम्बोधन में कहा गया कि बुन्देलखण्ड में जितने भी किले है उन्हें पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाये। उसी दिन रात्रि में मुख्यमंत्री योगी द्वारा सूचना चाही गई जिसमें बांदा के कालिंजर दुर्ग, भूरागढ़, रनगंवा एवं स्योढ़ा के किलों को विकसित करने के लिये सूचना भेजी गई है। कालिंजर दुर्ग को विकसित करने के लिये कैफटेरिया, लाइट एण्ड साउण्ड शो, कैमिंग ट्रैकिंग, राक क्लाइंग, नेचर ट्रेल, पैराग्लाइडिंग का प्रस्ताव भेजा गया है। 

उन्होंने कहा कि जल्द ही जल गोष्ठी की तरह कालिंजर विकास गोष्ठी करेंगे और उसमें कालिंजर को विकसित करने के लिये जन सामान्य से सुझाव प्राप्त किया जायेगा। जल्द ही कालिंजर प्रदेश ही नहीं पूरे देश में पर्यटन के क्षेत्र में उभरेगा। जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद के 58 निरक्षर ग्राम प्रधानों को साक्षर बनाने के लिये साक्षर प्रधान, गांव की शान अभियान चलाया गया। जल्द ही द्वितीय चरण में कुल 96 क्षेत्र पंचायत सदस्य व 2 जिला पंचायत सदस्य निरक्षर पाये गये उन्हें भी साक्षर बनाने का प्रयास किया जायेगा। जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद में 123 बीघे (21.498 हे0) की मृतप्राय मरौली झील को पुर्नजीवित किया गया है इसी प्रकार गहरार नदी, चन्द्रावल नदी के साथ-साथ 50 तालाबों को जलकुम्भी मुक्त किया गया है। उन्होंने कहा कि जिले की समस्याओं के लिये एक मजबूत वकील के रूप में आपके क्षेत्र के विकास के किये सरकार व शासन से मांग करता रहूंगा।

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