जेनवर्क्स ने नवजात शिशुओं की देखभाल के लिये बेहतरीन टेक्नोलॉजी वाली मशीनों और उपकरणों को किया लॉन्च
शब्दवाणी समाचार, शनिवार 19 नवम्बर 2022, सम्पादकीय व्हाट्सप्प 8803818844, नई दिल्ली। 2022 भारत में नवजात शिशुओं में हाइपोथर्मिया की समस्या को हल करने के इरादे से, देश की प्रमुख डिजिटल मेडिकल एवं स्वास्थ्यरक्षा समाधान प्रदाता जेनवर्क्स ने नवजात शिशुओं की देखभाल के लिये बेहतरीन टेक्नोलॉजी से युक्त उपकरणों की एक श्रृंखला विकसित की है। यह उपकरण हैं- ललेबी वार्मर, ललेबी रेसस प्राइम, बिलिकेयर और ब्रेन्ज़ मॉनिटर। यह उपकरण सुनिश्चित करेंगे कि एक शिशु, खासकर जो प्रिमैच्योर पैदा हुआ है, दुनिया में अपने एक सुरक्षित सफर की शुरूआत कर सके। सभी नवजात शिशुओं को हाइपोथर्मिया होने का जोखिम रहता है, जिसमें शरीर का तापमान असामान्य ढंग से कम हो जाता है। अगर इस पर तुरंत ध्यान न दिया जाए, तो स्वास्थ्य के लिये गंभीर परेशानियाँ पैदा हो सकती हैं। प्रीमैच्योर शिशुओं (गर्भावस्था के 37 हफ्तों से पहले जन्मे शिशु) में यह जोखिम ज्यादा होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, भारत में समय से पहले जन्म लेने वाले शिशुओं की संख्या विश्व में सबसे ज्यादा है और हर साल ऐसे लगभग 3.5 मिलियन बच्चे जन्म लेते हैं। कुछ को विभिन्न प्रकार की अक्षमताएं होती हैं, जैसे सेरीब्रल पाल्सी, सेंसरी से संबंधित कमियाँ और लर्निंग डिसैबिलिटीज।
अपोलो क्रैडल हॉस्पिटल, बेंगलुरु के कंसल्टेन्ट, नियोनेटोलॉजिस्ट डॉ. दीपक के. वासुदेव ने कहा, “शिशु को गर्म रखना उसकी देखभाल के सबसे महत्वपूर्ण चरणों में से एक है। हम एम्नियोटिक फ्लूड को पोंछते हैं, सुखाते हैं और शिशु को पहले से गर्म टॉवेल से ढंकते हैं। समय से पहले जन्मे (प्रिमैच्योर) शिशुओं के सिर पर हम एक टोपी भी रखते हैं। जन्म के तुरंत बाद सिर को टोपी से ढंकने से शरीर की सतह से गर्मी का जाना कम होता है। प्रिमैच्योर शिशुओं को कंबल से ज्यादा की जरूरत होती है और माँ से मिलने वाली कंगारू या स्किन-टू-स्किन केयर गर्मी का जाना कम करती है। तापमान में गिरावट से शिशु की मौत की संभावना बढ़ती है। ललेबी वार्मर एक उपकरण है, जो कमजोर शिशुओं के सही तापमान को नियंत्रित और उस पर नजर रखने के लिये डिजाइन किया गया है। इसके साथ ही, सांस लेने में दिक्कत वाले शिशुओं को ललेबी रेसस प्राइम से सहायता मिल सकती है और ज्यादा गंभीर मामलों को अत्याधुनिक वेंटिलेशन से संभाला जाता है।
डॉ. वासुदेव ने आगे कहा, “ललेबी वार्मर शिशु के लिये लगातार गर्म रहने वाला एक बिस्तर बनाता है और उसमें बिल्ट–इन मॉनिटर्स होते हैं, जो तापमान में उतार-चढ़ाव होने पर केयरगिवर्स को अलर्ट करते हैं। जिस शिशु को जन्म के समय सहायता और बाद में भी इंटेंसिव केयर में देखभाल चाहिये होती है, उसे वार्मर या इंक्युबेटर में नर्स किया जाता है। दूसरी ओर, लुलाबाय रेसस प्राइम कृत्रिम सांस देता है और शरीर को दी जाने वाली ऑक्सीजन की मात्रा नियमित करने में सहायक होता है। बिलिकेयर ऐसा उपकरण है, जो शिशु के खून में बिलिरूबिन के स्तर को तुरंत माप सकता है। शिशुओं में बिलिरूबिन के बनने से पीलिया होता है। बिलिरूबिन के उच्च स्तर दिमाग के विकास और सुनने की क्षमता को भी प्रभावित कर सकते हैं। समय से पहले जन्मने वाले शिशुओं को सही न्यूरोप्रोटेक्शन और न्यूरो-मॉनिटरिंग की जरूरत भी होती है। इसके लिये ब्रेन्ज़ मॉनिटर एक जरूरी उपकरण है। यह उपकरण शिशु के दिमाग को छोटे इलेक्ट्रोड्स से मापता है, ताकि दिमाग के काम पर नजर रखी जा सके,इसमें सीजर्स भी शामिल हैं। दिमाग के काम की निगरानी का इस्तेमाल कूलिंग ट्रीटमेंट कराने वाले या नियोनेटल इंटेंसिव केयर में दौरा पड़ने वाले बीमार बच्चों की निगरानी में भी होता है।
जेनवर्क्स के संस्थापक, एमडी एवं सीईओ श्री एस. गणेश प्रसाद ने कहा, “हम बाजार के सर्वश्रेष्ठ ब्राण्ड्स के साथ सबसे बढ़िया टेक्नोलॉजी का संयोजन करने में विश्वास करते हैं।नवजात शिशुओं की देखभाल के लिये हमारा पोर्टफोलियो पूरा है, शुरूआती जाँच और निदान से लेकर शुरूआती और ज्यादा प्रभावी उपचार तक। हमारे पास एक कनेक्टेड केयर प्लेटफॉर्म भी है, जो विशेषज्ञों को देश में कहीं भी, किसी भी समय उपलब्ध करा सकता है। हमने एक मिलियन से ज्यादा नवजात शिशुओं की जिन्दगी पर असर डाला है और यह केवल यूजर्स के हम पर भरोसे से संभव हुआ है। हम इस गति को बनाये रखना चाहते हैं और जितनी संभव हो, जानें बचाना चाहते हैं और इसके लिये अपने यूजर्स को सर्वश्रेष्ठ टेक्नोलॉजी देने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
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