वर्षा जल संचयन के लिए सामुदायिक पहल

शब्दवाणी समाचार शुक्रवार 3 फरवरी 2023, सम्पादकीय व्हाट्सप्प 8803818844, नई दिल्ली। जल राज्य का विषय है और केंद्र सरकार वर्षा जल संरक्षण और इसके संचयन सहित जल संरक्षण और पुनर्भरण पर राज्यों के प्रयासों में सहयोग करती है। तकनीकी और वित्तीय सहायता के माध्यम से। हालाँकि, भारत सरकार वर्षा जल संरक्षण और इसके संचयन अभिसरण के लिए राज्य सरकारों की योजनाओं और लोगों की भागीदारी के साथ विभिन्न योजनाओं को लागू कर रही है। जुलाई से नवंबर 2019 के दौरान देश के 256 जल-तनावग्रस्त जिलों के 1,592 ब्लॉक जल संरक्षण और वर्षा जल संचयन, पारंपरिक और अन्य जल निकायों/टैंकों के नवीकरण, बोरवेल, वाटरशेड के पुन: उपयोग और पुनर्भरण पर ध्यान केंद्रित करके जल संरक्षण और जल संसाधन प्रबंधन को बढ़ावा देने के लिए विकास और गहन वनीकरण। जेएसए की श्रृंखला में तीसरा जल शक्ति अभियान: कैच द रेन'- 2022 को 29 मार्च, 2022 को देश के सभी जिलों (ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों) में कैच द रेन, व्हेयर इट फॉल्स, व्हेन थीम के साथ लॉन्च किया गया था। 

यह गिर जाता है। जल संरक्षण और वर्षा जल संचयन अभियान के केंद्रित हस्तक्षेपों में से एक है। राष्ट्रीय जल नीति, अन्य बातों के साथ-साथ, जल संरक्षण और वर्षा जल संचयन की वकालत करती है। कायाकल्प और शहरी परिवर्तन के लिए अटल मिशन (AMRUT), (AMRUT-II), अटल भुजल योजना, आदि में वर्षा जल संचयन भी शामिल है। JSA-2019 के तहत हस्तक्षेप की प्रगति निम्नानुसार थी: -7 जल संरक्षण और वर्षा जल संचयन2,73,256 पारंपरिक और अन्य जल निकायों का नवीनीकरण /टैंक44,497 पुन: उपयोग और पुनर्भरण संरचनाएं1,42,740वाटरशेड विकास1,59,354गहन वनीकरण (पौधे लगाए गए)12,35,99,566ब्लॉक जलसंरक्षण योजना1,372जल शक्ति अभियान की प्रगति: 2021 का वर्षा अभियान पकड़ें जैसा कि जेएसए:सीटीआर पर अपलोड किया गया है पोर्टल (jsactr.mowr.gov.in) दिनांक 22.3.2021 से 28.03.2022 तक इस प्रकार है:-

(i) जल संरक्षण और वर्षा जल संचयन संरचनाएं: 16,22,957; (ii) पारंपरिक जल निकायों का नवीनीकरण: 2,96,958; (iii) पुन: उपयोग और पुनर्भरण संरचना: 8,31,961; (iv) वाटरशेड विकास: 19,18,395; (v) सघन वनीकरण:  36,75,68,460; और प्रशिक्षण कार्यक्रम/किसान मेला: 43,631। उपरोक्त विवरण में पूरे हो चुके कार्यों के साथ-साथ चल रहे कार्य भी शामिल हैं। मनरेगा निधि से वास्तविक व्यय लगभग रु. 65,666 करोड़। राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से भी अपने स्वयं के संसाधनों का उपयोग करने का अनुरोध किया गया है। वर्षा जल संचयन संरचनाएं: 11,94,676; (ii) पारंपरिक जल निकायों का नवीनीकरण: 2,61,097; (iii) पुन: उपयोग और पुनर्भरण संरचना: 8,58,091; (iv) वाटरशेड विकास: 15,87,268; (v) सघन वनीकरण:  78,37,97,693; (vi) 607 तक स्थापित कुल जल शक्ति केंद्र; (viii) प्रशिक्षण कार्यक्रम/किसान मेलाः 55,271; और (viii) वैज्ञानिक जल संरक्षण योजना 264 तैयार की गई। उपरोक्त विवरण में पूर्ण के साथ-साथ चल रहे कार्य शामिल हैं। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) निधि से वास्तविक व्यय रुपये है। 22,666 करोड़। कोई विशिष्ट अध्ययन उपलब्ध नहीं है। यह जानकारी जल शक्ति राज्य मंत्री श्री बिश्वेश्वर टुडू ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

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