ड्यूरेक्स बर्ड्स एंड बीईईएस टॉक प्रोग्राम ने गुजरात और दिल्ली में किया विस्तार
• उत्तर पूर्वी राज्यों में ड्यूरेक्स बर्ड्स एंड बीईईएस टॉक प्रोग्राम में निवेश किए गए हर 1 रु. से 24.40 रु. के सामाजिक मूल्य का उत्पादन
• दोनों राज्यों में जीवन के कौशल की शिक्षा पर केंद्रित पाठ्यक्रम के साथ एसोचैम फाउंडेशन फॉर कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (एएफसीएसआर) के साथ गठबंधन किया
शब्दवाणी समाचार, बुधवार 29 मार्च 2023, सम्पादकीय व्हाट्सप्प 8803818844, नई दिल्ली। कंज़्यूमर हैल्थकेयर में ग्लोबल लीडर, रैकिट ने आज ड्यूरेक्स बर्ड्स एंड बीईईएस टॉक प्रोग्राम (टीबीबीटी) के विस्तार की घोषणा की। यह कार्यक्रम गुजरात और नई दिल्ली में 10 से 19 साल के किशोर बच्चों पर केंद्रित है।एसोचैम फाउंडेशन फॉर कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (एएफसीएसआर) के साथ गठबंधन में इस कार्यक्रम का उद्देश्य इस साल इन दोनों राज्यों में 15 मिलियन किशोर बच्चों को लाभान्वित करना है। इस विस्तार के साथ कार्यक्रम के अंतर्गत थीम गान ‘प्रोटेक्टेड’लॉन्च किया गया है, जो इस पाठ्यक्रम के अंतर्गत पाँच मुख्य स्तंभों - कंसेंट, ईक्विटी, समावेशन, जागरुकता और सुरक्षा पर केंद्रित है।
रैकिट साउथ एशिया के एग्ज़िक्यूटिव वाईस प्रेसिडेंट, गौरव जैन ने कहा ड्यूरेक्स बर्ड्स एंड बीईईएस टॉक प्रोग्राम उत्तर पूर्वी राज्यों में प्लान इंडिया के साथ साझेदारी में क्रियान्वित किया गया है। यह किशोर बच्चों और युवाओं को बड़े होने से जुड़े अनुभव और कौशल सिखाने पर केंद्रित
दीपक सूद, सेक्रेटरी जनरल, एसोचैम एंड ट्रस्टी, एसोचैम फाउंडेशन फॉर कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (एएफसीएसआर) ने कहा, ‘‘ हम इसे गुजरात और नई दिल्ली के विभिन्न जिलों में ले जाएंगे। यह कार्यक्रम पॉप-सांस्कृतिक संदर्भों, इन्फ्लुएंसर्स के साथ संलग्नता और संचार के लिए टेक्नॉलॉजी के उपयोग की मदद से विद्यार्थियों के बीच स्वस्थ व्यवहार, विश्वास के साथ निर्णय लेने, सहमति के बारे में ज्ञान, और समानता एवं समावेशन निर्माण की जागरुकता बढ़ाएगा।
प्लान इंडिया के एग्ज़िक्यूटिव डायरेक्टर, मोहम्मद आसिफ ने कहा प्लान इंडिया भारत के अलग-अलग हिस्सों में दो दशकों से ज्यादा समय से सभी बच्चों, किशोरियों, युवा महिलाओं और पुरुषों के लिए यौन और प्रजनन स्वास्थ्य सेवाओं एवं अधिकारों में सुधार के लिए काम कर रहा
इस रिपोर्ट के मुख्य पहलू :
• ड्यूरेक्स बर्ड्स एंड बीईईएस टॉक प्रोग्राम में निवेश किए गए हर 1 रु. के लिए 24.40 रु. के सामाजिक मूल्य का निर्माण होता है।
• ऑफलाईन एवं डिजिटल प्लेटफॉर्म्स द्वारा टीबीबीटी आज तक 4 मिलियन युवाओं, 4000 टीचर्स और 2000 से ज्यादा स्कूलों तक पहुँच चुका है।
• डिजिटल एक्टिवेशन की मदद से यह कार्यक्रम देश में 320 मिलियन से ज्यादा लोगों को लाभ पहुँचा चुका है।
• 83.85 प्रतिशत ने विद्यार्थियों के बीच लैंगिक भूमिकाओं और रूढ़ियों को पहचानने और संबोधित करने की क्षमता बढ़ाई।
• 44.41 प्रतिशत ने विद्यार्थियों के बीच नशावृत्ति के नुकसानदायक प्रभावों और परिणामों की जागरुकता बढ़ाई।
• 84.38 प्रतिशत ने टीचर्स के बीच जीवन के कौशल के पाठ्यक्रम बढ़ाने के मामले में टेक्निकल ज्ञान बढ़ाया।
• 57.03 प्रतिशत विद्यार्थियों में अन्य यौन विन्यास और लैंगिक पहचान के लोगों के प्रति स्वीकार्यता बढ़ी।
• नई दिल्ली और गुवाहाटी कार्यक्रम के बारे में वार्ताओं के सर्वोच्च स्रोत बने।
• टीबीबीटी कार्यक्रम ने एक मजबूत ऑनलाईन एवं ऑफलाईन उपस्थिति स्थापित की। इसके प्रयासों के फलस्वरूप कार्यक्रम ने पिछले एक साल में अपनी पहुँच 87प्रतिशत बढ़ाई और 50 प्रतिशत में सकारात्मक भावना बढ़ी।
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