कारदेखो ग्रुप के सस्‍टेनेबिलिटी कार्निवल में1000 से ज्‍यादा लोगों को सकारात्‍मक रूप से प्रभावित किया

• कारदेखो ग्रुप की सीएसआर शाखा गिरनार फाउंडेशन ने ग्रुप के स्‍थापना दिवस पर एक सप्‍ताह के सस्‍टेनेबिलिटी कार्निवल का आयोजन किया

• फाउंडेशन ऐसे संपूर्ण समाधान विकसित करने पर काम कर रहा है, जोकि कारदेखो ग्रुप द्वारा अपनाये गये यूएनएसडीजी के मुताबिक सामाजिक और पर्यावरणीय, दोनों चुनौतियों को सम्‍बोधित करें

• कार्निवल में कारदेखो ग्रुप से 50+वालंटीयर्स ने भाग लिया और इसने 1000 से ज्‍यादा लोगों के जीवन को सकारात्‍मक रूप से प्रभावित किया 

• फाउंडेशन कारदेखो ग्रुप द्वारा अपनाये गये ईएसजी चार्टर की रूपरेखा के तहत परिचालन करता है

कारदेखो ग्रुप की कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्‍मेदारी (सीएसआर) शाखा गिरनार फाउंडेशन ने ग्रुप के स्‍थापना दिवस का उत्‍सव मनाने और स्‍थायी विकास को बढ़ावा देने के लिये सस्‍टेनेबिलिटी-थीम वाले एक सप्‍ताह के कार्निवल का आयोजन किया। इस कार्निवल का लक्ष्‍य संयुक्‍त राष्‍ट्र के उन पाँच सतत् विकास लक्ष्‍यों (यूएनएसडीजी) में सहयोग देना था, जिन्‍हें कंपनी ने अपनाया है; यह हैं अच्‍छे स्‍वास्‍थ्‍य एवं सेहत के लिये यूएनएसडीजी 3, गुणवत्‍तापूर्ण शिक्षा के लिये यूएनएसडीजी 4, लैंगिक समानता के लिये यूएनएसडीजी 5, स्‍थायी शहरों और समुदायों के लिये यूएनएसडीजी 11, और जलवायु परिवर्तन पर कार्यवाही के लिये यूएनएसडीजी 13। फाउंडेशन भारत को विकसित, स्‍थायी और समावेशी बनाने की दिशा में प्रयासरत है। 

शब्दवाणी समाचार, शुक्रवार 21 अप्रैल 2023, सम्पादकीय व्हाट्सप्प 8803818844,  नई दिल्लीसस्‍टेने‍बिलिटी कार्निवल के तहत,गिरनार फाउंडेशन ने कई गतिविधियों का आयोजन किया, ताकि संयुक्‍त राष्‍ट्र सतत् विकास लक्ष्‍यों (यूएनएसडीजी) को अपनाने के लिये अपनी प्रतिबद्धताएं दिखा सके। एक गतिविधि गुणवत्‍तापूर्ण शिक्षा के लिये यूएनएसडीजी 4 पर केन्द्रित थी, जिसमें फाउंडेशन ने सुविधाओं से वंचित 120 से ज्‍यादा बच्‍चों का एक कॉर्पोरेट दौरा करवाया। इसके पीछे शिक्षा के महत्‍व पर जागरूकता निर्मित करना और कॅरियर के लक्ष्‍य निर्धारित करने में बच्‍चों की मदद करने का मकसद था। जलवायु परिवर्तन पर फाउंडेशन ने 300 पेड़ों के लिये ‘एडॉप्‍ट अ प्‍लांट’ अभियान चलाया और प्रकृति पर आधारित एक प्रश्‍नोत्‍तरी का संचालन किया, ताकि पर्यावरण और उसकी सुरक्षा की जरूरत पर जागरूकता बढ़ाई जा सके। 

दूसरी गतिविधियों में शामिल था एक योगा सेशन, फूड ट्रक, राशन एवं किताबें दान करने का अभियान और एक पोषण विशेषज्ञ के साथ बातचीत, ताकि अच्‍छी गुणवत्‍ता के स्‍वास्‍थ्‍य तक पहुँच सुनिश्चित हो और मानसिक तथा शारीरिक सेहत को बढ़ावा मिले। दो दिन के लिये ट्रीट शॉप भी लगाई गई थी, ताकि स्‍थायी शहरों और समुदायों के निर्माण का विचार प्रोत्‍साहित हो सके। कार्निवल में 50 से ज्‍यादा वालंटीयर्स ने भाग लिया और इसका 1000 से ज्‍यादा लोगों पर सकारात्‍मक असर पड़ा। व्‍यवसाय एवं सतत् विकास आयोग (बिजनेस एंड सस्‍टेने‍बल डेवलपमेंट कमीशन) ने ‘बेटर बिजनेस, बेटर वर्ल्‍ड’ नामक एक रिपोर्ट साझा की है, जो दिखाती है कि एसडीजी के अनुसार चलने वाले बिजनेस मॉडल चार आर्थिक प्रणालियों - खाद्य एवं कृषि, शहर, ऊर्जा एवं सामग्री और स्‍वास्‍थ्‍य एवं तंदुरुस्‍ती में 12 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर  की बाजारगत संभावनाएं बना सकते हैं। इन एसडीजी का पालन करते हुए और बदलाव लाने की उनकी क्षमता को खोलकर कारदेखो ग्रुप एक स्‍थायी तरीके से विकास की‍ दिशा में बड़ा प्रभाव कर सकता है, जिससे कि आने वाली पीढ़ियों को फायदा होगा। 

अपने विचार साझा करते हुए, कारदेखो ग्रुप के सीईओ एवं सह-संस्‍थापक अमित जैन ने कहा, “सस्‍टेनेबिलिटी अब एक आवश्‍यकता बन चुकी है। कारदेखो ग्रुप में हमारा मानना है कि समाज और देश के भविष्‍य के प्रति हमारी भी जिम्‍मेदारी है। कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्‍मेदारी के लिये पूर्वसक्रिय दृष्टिकोण के साथ गिरनार फाउंडेशन का लक्ष्‍य है सकारात्‍मक बदलाव को प्रेरित करना, कसरगर समाधान तैयार करना और स्‍थायी प्रभाव निर्मित करना। बेहतर कल का निर्माण तभी संभव है, जब सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय कारकों के एक-दूसरे से जुड़ाव पर ध्‍यान दिया जाए। अपना दृष्टिकोण रखते हुए, गिरनार फाउंडेशन की प्रमुख पिहू जैन ने कहा, “संयुक्‍त राष्‍ट्र सतत् विकास लक्ष्‍यों को हमारे द्वारा अपनाया जाना पर्यावरणीय और सामाजिक चुनौतियों को कम करने की दिशा में एक महत्‍वपूर्ण कदम है। अपनी विभिन्‍न पहलों, जैसे कि फूड ट्रक, प्‍लांट एडॉप्‍टेशन और कॉर्पोरेट विजिट के माध्‍यम से हमारा लक्ष्‍य है एक स्‍थायी भविष्‍य के निर्माण हेतु अपनी अटूट प्रतिबद्धता दिखाना। आइये, हम सभी के लिये एक ज्‍यादा हरी-भरी और बराबरी वाली दुनिया की दिशा में मिलकर काम करें। इसके अलावा, गिरनार फाउंडेशन ऐसा प्‍लेटफॉर्म बनना चाहता है, जिसके माध्‍यम से व्‍यवसाय का योगदान समाज में मिले, समावेश को बढ़ावा मिले और कर्मचारी जिम्‍मेदार नागरिक बनने के लिये सशक्‍त हों, ताकि वालंटीयर गतिविधियों में सक्रिता से जुड़ें।

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