अहिल्या उद्धार आदि कथाओं का किया वर्णन

शब्दवाणी समाचार, मंगलवार 11 अप्रैल 2023, सम्पादकीय व्हाट्सप्प 8803818844, नई दिल्ली। सोमवार को सेक्टर 82 स्थित पॉकेट 7 में आयोजित श्रीराम कथा के चौथे दिन कथा व्यास महामंडलेश्वर स्वामी पंचमानंद जी महाराज ने भगवान राम की बाल लीलाओं , विश्वामित्र यज्ञ रक्षा, अहिल्या उद्धार  आदि प्रसंगों का सुंदर वर्णन किया। विश्वामित्र जी वन में यज्ञ करते हैं लेकिन राक्षस उनके यज्ञ में बाधा डालकर उसको पूर्ण नहीं होने देते हैं । विश्वामित्र जी ध्यानस्थ होकर देखते है तो उन्हें पता चलता है कि दशरथ पुत्र राम स्वयं विष्णु अवतार हैं और उनके बिना राक्षसों का संघार नहीं हो सकता है। दशरथ जी से राम ,लक्ष्मण को यज्ञ की रक्षा के लिए मांगते है। भगवान राम रास्ते में तड़का जैसी भयंकर राक्षसी का वध कर देते हैं साथ ही अन्य राक्षसों का वध कर यज्ञ को पूर्ण करवाते हैं। 

मुनि विश्वामित्र के साथ जाते समय रास्ते में गौतम ऋषि के श्रापवश पाषाण शिला बनी अहिल्या का अपनी चरण रज से उद्धार करते हैं। जनकपुरी पहुंचने पर मुनि विश्वामित्र सहित दोनों भाइयों राम लखन का जनक जी द्वारा स्वागत किया जाता है। आयोजन समिति के प्रवक्ता राघवेंद्र दुबे ने बताया कि 11 को धनुष यज्ञ, राम जानकी विवाह आदि प्रसंगों का सुंदर वर्णन कथा व्यास द्वारा किया जाएगा। इस अवसर पर देवमणि शुक्ल, रवि राघव, अंगद तोमर, संजय पांडे, अजय श्रीवास्तव, एन के सोलंकी, संजय शुक्ल, हरि शंकर सिंह, बृज किशोर,  गोरेलाल, उत्तम चंद्रा, देवेंद्र गुप्ता, सुशील पाल , अमितेश सिंह, संगम प्रसाद मिश्र, राजेश गुप्ता, गुरुमेल सिंह, रमेश चंद्र शर्मा, पंकज झा, सियाराम ,शिववृत तिवारी , विकास शर्मा सहित तमाम सेक्टरवासी भक्त मौजूद रहे।

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