सीके बिरला हॉस्पिटल में सर्वाइकल स्पाईनल स्टेनोसिस की एडवांस्ड मिनिमली इन्वेसिव रोबोटिक सर्जरी की गई

◆ पीड़ित 175 किलोग्राम के ऑस्ट्रेलियन मरीज की 

◆ ऑस्ट्रेलिया का यह 33 वर्षीय मरीज सर्वाइकल स्पाईन स्टेनोसिस से पीड़ित था, जिसका सफल इलाज एडवांस्ड रोबोटिक टेक्नॉलॉजी के साथ मिनिमली इन्वेसिव सर्जिकल (एमआईएस) तकनीक द्वारा किया गया

शब्दवाणी समाचार, सोमवार 17 अप्रैल 2023, सम्पादकीय व्हाट्सप्प 8803818844, नई दिल्ली। वैश्विक गुणवत्ता की क्लिनिकल उत्कृष्टता प्रदान करने की अपनी प्रतिबद्धता के साथ सीके बिरला हॉस्पिटल में एक 33 वर्षीय ऑस्ट्रेलियन मरीज का सफल इलाज किया गया है। यह मरीज पिछले दो सालों से सर्वाइकल स्पाईनल स्टेनोसिस से पीड़ित था। बिगड़े संतुलन की वजह से वह बैसाखी के बिना 50 कदम भी नहीं चल पाता था। मरीज दाहिने पैर में अत्यधिक दर्द और दोनों पैरों के सुन्न पड़ जाने की शिकायत लेकर अस्पताल आया था। ऑस्ट्रेलिया में उसके इलाज के इतिहास में उसका निदान त्रुटिपूर्ण हुआ था, जिसमें उसे निचली स्पाईन में नसें दब जाने के कारण लंबर स्पाईन सर्जरी (पीठ के निचले हिस्से की सर्जरी) कराने का परामर्श दिया गया था। लेकिन सीके बिरला हॉस्पिटल में परीक्षण करने के बाद डॉ. अश्वनी मैचंद, डायरेक्टर - ऑर्थोपीडिक्स विभाग ने मरीज में सर्वाइकल स्पाईनल स्टेनोसिस का सही-सही निदान कर लिया। यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब रीढ़ की हड्डी के अंदर का स्थान बहुत छोटा होता है। मरीज को एडवांस्ड रोबोटिक टेक्नॉलॉजी के साथ एमआईएस द्वारा सर्वाइकल स्पाईन सर्जरी कराने का परामर्श दिया गया। इस सर्जरी के लिए हीरे की नोंक वाले न्यूरोसर्जिकल बर का उपयोग किया गया ताकि सर्जरी बिल्कुल शुद्ध और सटीक रहे।

डॉ. अश्वनी मैचंद ने कहा, ‘‘मरीज का वजन ज्यादा होने के कारण यह अत्यधिक जोखिमपूर्ण सर्जरी थी जिसमें लकवा, आँतों और ब्लैडर पर नियंत्रण खोने और खड़े होने या चलने में असमर्थ होने का खतरा था। सीके बिरला हॉस्पिटल में हमने सबसे आधुनिक रोबोटिक टेक्नॉलॉजी और एमआईएस तकनीक का इस्तेमाल किया और हमें इलाज का बेहतरीन परिणाम मिला। मरीज को खून चढ़ाए जाने या फिर आईसीयू में रखे जाने की भी जरूरत नहीं पड़ी। सर्जरी के दो दिन बाद ही मरीज सीढ़ियों पर चढ़ सकता था और उसे न्यूरो कमजोरी की कोई शिकायत नहीं थी। पैरों के सुन्न होने में भी 50 प्रतिशत की कमी आ गई।

मरीज ने कहा मैं बहुत चिंतित था क्योंकि मैं 30-40 कदम से ज्यादा नहीं चल पाता था। ऑस्ट्रेलिया में मुझे लंबर स्पाईन सर्जरी कराने का परामर्श दिया गया था और इस सर्जरी के लिए मुझे 2 साल और इंतजार करना था। लेकिन सीके बिरला हॉस्पिटल में डॉ. अश्वनी मैचंद से मिलने पर उन्होंने मुझे आश्वासन दिया कि मेरा इलाज एडवांस्ड रोबोटिक टेक्नॉलॉजी द्वारा किया जा सकता है यह सुन कर मुझे एक आत्मविश्वास जागा और मैं मिनिमली इन्वेसिव सर्जरी कराने के लिए अपने आपको तैयार कर लिया। मैं सर्जरी के 2 दिन बाद चलने लगा और अब एक दर्दरहित एवं स्वस्थ जिंदगी जी रहा हूँ। इस विषय में श्री विपुल जैन, चीफ बिज़नेस ऑफिसर, सीके बिरला हॉस्पिटल ने कहा, ‘‘हम अपने मरीजों को एमआईएस के साथ एडवांस्ड रोबेटिक सर्जरी जैसी आधुनिक मेडिकल तकनीकों द्वारा विश्वस्तर की स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। अन्य मामलों की तरह ही यह मामला भी उच्च गुणवत्ता की स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने की हमारी विरासत का एक प्रमाण बन जाएगा।

श्री अमित शर्मा, यूनिट हेड, सीके बिरला हॉस्पिटल, दिल्ली ने कहा पंजाबी बाग में हमारे हॉस्पिटल का उद्देश्य मरीज पर केंद्रित और क्लिनिकली भरोसेमंद इलाज की हमारी विरासत को आगे ले जाना है। इस इलाज की सफलता जटिल से जटिल मामलों में भी हमारी क्लिनिकल उत्कृष्टता को प्रमाणित करती है। हम अपने मरीजों को अत्याधुनिक चिकित्सा सेवाएं प्रदान करते रहेंगे।

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