फुटवियर एवं सम्बद्ध उद्योगों ने राष्ट्रव्यापी विरोध दिवस मनाया
◆ भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा फुटवियर उद्योगों पर BIS मानको की बाध्यता के विरोध में
शब्दवाणी समाचार, बुधवार 27 सितम्बर 2023, सम्पादकीय व्हाट्सप्प 8803818844, नई दिल्ली। केंद्र सरकार के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्रालय के अधीन उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी), द्वारा सभी प्रकार के फुटवियर्स पर बीआईएस गुणवत्ता मानको की बाध्यता को अव्यवहारिक तरीके से लागू करने के विरोध में असहमति जताते हुए 13 राज्यों के फुटवियर निर्माताओं, और उनसे सम्बद्ध उद्योगों ने दिनांक 25 सितम्बर 2023 को विरोध दिवस मनाया I राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन अखिल भारतीय एमएसएमई फुटवियर कौन्सिल द्वारा किया गया था I फुटवियर उधोगों से सम्बंधित संगठनो के पदाधिकारियों एवं एमएसएमई मालिकों ने बताया कि कम मूल्य वर्ग के फुटवियर उत्पादों पर BIS मानदंड लागू करना न तो आर्थिक दृष्टि से एवं न तकनीकी दृष्टि से व्यावहारिक है। इस अवसर पर आल इंडिया एमएसएमई फुटवियर कौन्सिल के राष्टीय चेयरमैन श्री VKC रज्जाक ने बताया कि बीआईएस गुणवत्ता मानक फुटवियर के विनिर्माण, उत्पादन प्रक्रिया, उपयोग किये जाने वाले कच्चे माल के प्रकार और फुटवियर उत्पादों की श्रेणियों पर विचार किये बिना निर्धारित किये गये हैं जो कि अव्यवहारिकहैं I
श्री धर्मेन्द्र नरूला, आल इंडिया एमएसएमई फुटवियर कौन्सिल के संयोजक ने बताया कि केन्द्रीय वाणिज्य एवं उधोग मंत्री श्री पीयूष गोयल द्वारा 5 अगस्त को बुलाई गई बैठक में अनिवार्य बीआईएस मानदंडो के लागू करने में तकनीकी और व्यावहारिक बाधाओं को हल करने के लिये कई निर्णय लिये गये थे मंत्रीजी ने उठाये गये मुद्दों पर बीआईएस मानदंडो को सरल, व्यावहारिक व वैज्ञानिक बनाने के लिये अनेक सकारात्मक निर्णय लेने का आश्वासन दिया था I इसमें एक फैक्ट्री एक लाइसेंस, कम परीक्षण केवल तैयार माल पर, परीक्षणों में लम्बा अन्तराल, वर्तमान परिद्रश्य में रासायनिक परीक्षणों की व्यवहारिता, 31 दिसम्बर से पहले निर्मित स्टॉक को बेचने का समय और दोबारा प्रसंस्कृत की हुई सामग्री का उपयोग करने के विकल्प शामिल हैं I विभागीय अधिकारियों की और से उपयुक्त संशोधन के सुझाव न आने के कारण इनमे से कोई भी कार्य अभी तक अमल में नहीं आया है यह स्थिति गतिरोध उत्पन्न कर रही है I
हालाँकि उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी), ने कहा है कि सूक्ष्म और लघु उधोग इकाईयां अनिवार्य बीआईएस मानदंडो के दायरे में नहीं आती हैं, लेकिन फुटवियर निर्माताओं के अनुसार बीआईएस के विभिन्न परिपत्र इस बात को स्वीकार नहीं करते हैं I फुटवियर निर्माता और उनसे सम्बद्ध उद्योगों के संगठनो के पदाधिकारी सरकार से एक निर्णायक आदेश की मांग कर रहे हैं जो एमएसएमई इकाईयों को अनिवार्य बीआईएस मानदंडो की बाध्यता से मुक्त कर राहत दे I फुटवियर निर्माताओं ने सरकार से फुटवियर, फैशन फुटवियर, स्कूल शूज व आम उपयोग के अन्य सभी प्रकार के चप्पल जूतों पर मैंडेटरी BIS की जगह इसे ऑप्शनल करने की मांग की I फुटवियर निर्माताओं एवं कर्मचारियों ने विभिन्न राज्यों में अपने कारखानों के सामने बैनर उठाकर विरोध दिवस में भाग लिया I
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