फिल्म जवान की समीक्षा, फिल्म में शाहरुख खान ने जनसभा संसद का किया पुरजोर समर्थन
शब्दवाणी समाचार, शुक्रवार 8 सितम्बर 2023, (फिल्म समीक्षा : रेहाना परवीन) सम्पादकीय व्हाट्सप्प 8803818844, नई दिल्ली। फिल्म जवान वीरवार 7 सितम्बर 2023 को प्रदर्शित होने वाली फिल्म है। इसके मुख्य कलाकार शाहरुख खान, दीपिका पादुकोण, नयनतारा, प्रियामणि, विजय सेतुपति और सान्या मल्होत्रा, लेखक एटली और एस रामानागिरिवासन, निर्देशक एटली कुमार, निर्माता गौरी खान है। फिल्म में शाहरुख खान ने आम आदमी के बाप-बेटे का किरदार निभाया है। फिल्म में शाहरुख खान, दीपिका पादुकोण सहित सभी कलाकारों ने अच्छा अभिनय किया है। फिल्म की कहानी भारतीय राजनीति में धन-बल आने के कारण राजनीति और उसके मताहत आने वाले लोग आम आदमी के बारे में नहीं धन-बल वाले लोगों के पक्ष में निति बनाने लगे हैं। जैसे जब कोई धन-बल वाला बैंक से हजारो करोड़ रूपये लोन लेता है और जब वो दे नहीं पाता है तो सरकार आराम से उसका माफ़ कर देती है। और वहीं पर आम आदमी या किसान मात्र 40 हजार रूपये लेता है तो उसको इतना परेशान किया जाता है की अंत में उसे आत्महत्या तक करनी पड़ जाती है। उसी प्रकार उत्तर प्रदेश के एक हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की कमी के कारण 97 बच्चे की मोत हो जाती है पर सजा बच्चों को बचाने वाले डॉक्टर को मिलती है। उसी प्रकार सरहद पर तैनात जवानो को हथियार बेचने वाले सौदागरों ने खराब हथियार बेचकर
उसके कारण 27 जवानो को मरकर शहीद होना पड़ा उसमें भी हथियार बेचने वाले सौदागरों को नहीं हमारे वीर जवानो को सज़ा मिली। फिल्म जवान में इन जैसे मुद्दों को उठाकर फ़िल्मी अंदाज़ में उसका समाधान किया। पर अंत में फिल्म के हीरो शाहरुख खान ने भारतीय मतदाता को सन्देश दिया अब राजनितिक लोगों से लूटो मत सोचो तुम्हे क्या चाहिए, कैसा चाहिए और कौन देगा और बस यह सब लेने के लिए मतदाता संगठित होकर वोट करे। तब आम आदमी को किसी फ़िल्मी राठौर की जरूरत नहीं पड़ेगी। शाहरुख खान ने फिल्म जवान के माध्यम से सीधे-सीधे शब्दवाणी समाचार के स्थाई पाठकों की संस्था शब्दवाणी समाचार पाठक संघ द्वारा संचालित जनसभा संसद का पुरजोर समर्थन करते हुए इशारा किया अब भारतीय मतदाता अपने क्षेत्र में संगठित होकर केवल अपने लिए वोट करे। यह फिल्म बेहद अच्छी है पुरे परिवार व् दोस्तों के साथ सिनेमाघरों में जाकर देखा जा सकता है। में इस फिल्म को पांच में से चार नंबर देती हूँ पर जो दर्शक आम आदमी के बारें में सोचता है और उसके लिए कुछ करना चाहता है तो ऐसे दर्शकों के लिए फिल्म को पांच में से पांच नंबर देती हूँ। हाँ अगर इस फिल्म का कोई विरोध करता नज़र आ जाए तो बस समझ लें वो आम आदमी को लूटने वाला है कोई सौदागर है।
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