रेबीज़ प्रोफिलैक्सिस और पशुओं का टीकाकरण शिविर

◆ दिल्ली में पशु चिकित्सकों और कुत्तों की सुरक्षा के लिए     ◆ स्वास्थ्य और पशु चिकित्सा संगठनों का सहयोगात्मक प्रयास

शब्दवाणी समाचार, रविवार 1 अक्टूबर 2023, सम्पादकीय व्हाट्सप्प 8803818844, नई दिल्ली। रेबीज एक घातक ज़ूनोटिक बीमारी है और इसके खिलाफ लड़ाई को मजबूत देने राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी), भारतीय पशु चिकित्सा संघ (आईवीए), सामुदायिक चिकित्सा विभाग, सफदरजंग अस्पताल, स्मॉल एनिमल वेटरनरी एसोसिएशन ऑफ दिल्ली (SAVA) और दिल्ली पशु चिकित्सा संघ और पेट प्रैक्टिशनर एसोसिएशन दिल्ली में दो महत्वपूर्ण कार्यक्रम आयोजित किए। सफदरजंग अस्पताल में 26 सितंबर को प्रोफिलैक्सिस रेबीज टीकाकरण शिविर (पशु चिकित्सकों और पैरा-पशुचिकित्सकों के लिए) आयोजित किया गया। सफदरजंग अस्पताल के सामुदायिक चिकित्सा विभाग में आयोजित पहला कार्यक्रम प्री-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस रेबीज टीकाकरण शिविर था। इस शिविर में लगभग 50 पशु चिकित्सकों और पैरा-वेट्स के स्वास्थ्य और सुरक्षा को सुनिश्चित करने का प्रयास किया गया। उन्हें संभावित रेबीज वाहक सहित अन्य जानवरों से उनके करीबी संपर्क के कारण हाई रिस्क वाले समूह के तौर पर में मान्यता दी गई।

इस आयोजन के मुख्य बिंदू इस प्रकार है :

रोगनिरोधी टीकाकरण: शिविर का पहला फोकस पशु चिकित्सकों और पैरा-पशु चिकित्सकों को प्री-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस रेबीज टीकाकरण प्रदान करना था। ये टीकाकरण रेबीज़ को रोकने में महत्वपूर्ण हैं। यह एक ऐसी बीमारी है जो जानवरों के साथ काम करने वालों के लिए महत्वपूर्ण खतरा पैदा करती है।

विशेषज्ञ मार्गदर्शन: स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों और पशु चिकित्सकों की एक टीम ने टीकाकरण किया और रेबीज की रोकथाम पर मार्गदर्शन प्रदान किया गया। इसमें संभावित रूप से पागल जानवरों से निपटने के बेस्ट प्रैक्टिसेस भी शामिल थे।

जागरूकता अभियान: टीकाकरण शिविर के बाद प्रतिभागियों को रेबीज की रोकथाम, बीमारी के शुरुआती लक्षणों को पहचानने और संभावित जोखिम के मामले में तत्काल चिकित्सा सहायता लेने के महत्व के बारे में शिक्षित करने के लिए एक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया था।

पालम पशु चिकित्सालय में एनिमल एंटी-रेबीज टीकाकरण शिविर (27 सितंबर, 2023)

पालम पशु चिकित्सालय में आयोजित दूसरा कार्यक्रम पशुओं के रेबीज रोधी टीकाकरण पर केंद्रित था। कुल 456 कुत्तों/बिल्लियों को रेबीज रोधी टीके लगाए गए, जिससे उन्हें इस घातक बीमारी से बचाया गया।

इस आयोजन के मुख्य बिंदू इस प्रकार है :

सामूहिक टीकाकरण: इस कार्यक्रम का उद्देश्य जानवरों से मनुष्यों/जानवरों में रेबीज ट्रांसमिशन के जोखिम को कम करने के लिए बड़ी संख्या में कुत्तों/बिल्लियों का टीकाकरण करना था।

सहयोगात्मक प्रयास: विभिन्न पशु चिकित्सा संघों और स्वास्थ्य संगठनों के बीच सहयोग ने इस महत्वपूर्ण पहल के सफल कार्यान्वयन को सुनिश्चित किया।

जागरूकता अभियान: पहले आयोजन की ही तरह टीकाकरण अभियान के बाद जागरूकता अभियान चलाया गया। इसमें कुत्तों के मालिकों और आम जनता को अपने पालतू जानवरों को रेबीज के खिलाफ टीका लगाने के महत्व के बारे में जानकारी दी गई।

ये दोनों आयोजन रेबीज जैसी ज़ूनोटिक बीमारियों से निपटने में स्वास्थ्य सेवा और पशु चिकित्सा क्षेत्रों के बीच सहयोग के महत्व को रेखांकित करती हैं। वे न केवल पशु चिकित्सकों और पैरा-पशु चिकित्सकों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को प्राथमिकता देते हैं बल्कि रेबीज ट्रांसमिशन के जोखिम को कम करके सार्वजनिक स्वास्थ्य में भी योगदान देते हैं।

भारतीय पशु चिकित्सा संघ के कोषाध्यक्ष डॉ. विजय कुमार ने कहा, "ये शिविर मनुष्यों और जानवरों दोनों को रेबीज के खतरे से बचाने के लिए स्वास्थ्य देखभाल और पशु चिकित्सा पेशेवरों की प्रतिबद्धता का उदाहरण हैं। यह आयोजन इस घातक बीमारी को खत्म करने के हमारे सामूहिक प्रयासों में आशा की किरण के रूप में काम करते हैं।

डॉ. राकेश सिंह, निदेशक पशुपालन, डॉ. सिम्मी तिवारी, एचओडी वन हेल्थ, एनसीडीसी, डॉ. जुगल किशोर, एचओडी सामुदायिक चिकित्सा विभाग, सफदरजंग अस्पताल, डॉ. संदीप इंगले (सदस्य वीसीआई), डॉ. गुरुचरण दत्ता ( सदस्य वीसीआई), डॉ. रमेश (सदस्य वीसीआई), डॉ.  नेतांत, डिप्टी डायरेक्टर, एच,

डॉ. कांथा राजू, डॉ. राजोरिया वीसीआई सदस्य, डॉ. दीपांकर सेठ (जोनल सचिव, भारतीय पशु चिकित्सा संघ), डॉ. राहुल पवार, (सचिव डीवीए), डॉ. भूपेन्द्र सिंह चहल (अध्यक्ष, स्मॉल एनिमल वेटरनरी एसोसिएशन दिल्ली), डॉ. सुनील चौधरी (वीओ, जीएनसीटीडी), डॉ. स्वप्निल जगताप (वीओ, जीएनसीटीडी), डॉ. कुलदीप अहलावत (कैनिस वेलफेयर पेट क्लब), डॉ. इंदर सिंह (पेट प्रैक्टिशनर एसोसिएशन दिल्ली) का सहयोग इस आयोजन में रहा है। 

स्वास्थ्य और पशु चिकित्सा संगठनों ने मिलकर दिल्ली में प्रीएक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस रेबीज वैक्सीन शिविर और एनिमल एंटी-रेबीज टीकाकरण शिविर आयोजित किए और यह रेबीज के खिलाफ निवारक उपायों के महत्व को मजबूती देते हैं। ये पहल न केवल जानवरों के बीच काम करने वालों के जीवन की रक्षा करती है बल्कि मनुष्यों और उनके चार पैर वाले साथियों, दोनों के लिए रेबीज-फ्री समुदाय बनाने में भी योगदान देती हैं।

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