14 से 27 नवंबर तक चलने वाले सरस आजीविका मेला का हुआ आगाज
◆ प्रगति मैदान के हॉल नंबर–7 (ए, बी, सी) में देश भर के हस्तकरघा एवं हस्तशिल्प के उत्कृष्ट सामानों की बिक्री एवं सह प्रदर्शनी का किया जा रहा है आयोजन
शब्दवाणी समाचार, नवम्बर 15 नवम्बर 2023, सम्पादकीय व्हाट्सप्प 8803818844, नई दिल्ली। दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित 42वें विश्व व्यापार मेले में एक बार फिर परंपरा, क्राफ्ट, कला एवं संस्कृति से सराबोर “वोकल फॉर लोकल, लोकल टू ग्लोबल” थीम के साथ, 14 नवंबर से 27 नवंबर तक प्रसिद्ध सरस आजीविका मेला 2023 का आयोजन किया जा रहा है। प्रगति मैदान के हॉल नंबर–7 (ए, बी, सी) में 14 से 27 नवंबर तक चलने वाले इस मेले में देश भर के हस्तकरघा एवं हस्तशिल्प के उत्कृष्ट सामानों की बिक्री एवं सह प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय और राष्ट्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज संस्थान (एनआईआरडीपीआर) द्वारा आयोजित इस सरस आजीविका मेला 2023 में ग्रामीण भारत की शिल्पकलाओं का मुख्य रूप से प्रदर्शन किया जा रहा है। 14 नवंबर से 27 नवंबर तक चलने वाले इस उत्सव में 300 के करीब महिला शिल्प कलाकार, 160 स्टॉलों पर अपनी अपनी उत्कृष्ट प्रदर्शनी का प्रदर्शन कर रहे हैं।
ज्ञात हो कि ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार और राष्ट्रीय ग्रामीण विकास व पंचायती राज संस्थान पिछले 25 वर्षों से सरस मेलों का आयोजन कर रहे है जिससे लाखों ग्रामीण महिलाओं को रोज़गार के साधन मुहैया हुए है और लाखों महिलाओं ने मार्केटिंग के गुर सीखे हैं। इस वर्ष सरस मेलों की रजत जयंती है। इस वर्ष क़रीब 160 स्टाल लगी है जिसमें 28 राज्यों की स्वयं सहायता समूहों की 300 से ज़्यादा ग्रामीण महिलाएँ भाग ले रही हैं। ग्रामीण विकास मंत्रालय दीन दयाल अन्त्योदय योजना राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत एन.आई. आर.डी.पी.आर के सहयोग से ग्रामीण महिला स्वयं सहायता समूहों को अपने उत्पाद बेचने के लिए सरस मेलों के माध्यम से मार्केटिंग का प्लेटफ़ॉर्म उपलब्ध करवा रहा है। सरस मेलों के माध्यम से ग्रामीण महिला स्वयं सहायता समूहों की सदस्यों को शहरी ग्राहकों से सीधे संवाद करने व बाज़ार की रूचि जानने व उसी के अनुसार अपने उत्पादों की पैकेजिग सुधार करके उत्पादों का मूल्य निर्धारण करने का अवसर मिलता है। हाल ही में गुरुग्राम में हुए सरस आजीविका मेले में क़रीब 12 करोड़ की बिक्री का रिकॉर्ड हुआ है। सरस मेलों में निरंतर निखार आ रहा है और अब धीरे-धीरे डिजिटल पेमेंट की तरफ़ बढ़ रहे हैं। कुछ सालो में सरस मेलों को कैशलेस करने की योजना है। इस बार भी प्रगति मैदान में लखपति दीदी का पवेलियन बना है। ताकि अन्य दीदियों को प्रेरणा मिले और वो भी अपने व्यवसाय को कारगर तरीक़े से करे।
स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं में व्यवसायिक दृष्टिकोण पैदा करने और उनके कौशल को और अधिक व्यवसायिक करने के लिए इस बार क़रीब 4 कार्यशालाओं का आयोजन किया जा रहा है जिसमें देश के प्रतिष्ठित संस्थानों के विशेषज्ञों को बुला कर मार्केटिंग से जुड़े विषयों पर दीदियों को पारंगत किया जायेगा। 14 नंबर से 27 नवंबर 2023 तक चलने वाले इस मेले में विभिन्न राज्यों के उत्पाद जैसे टसर की साड़ियाँ, बाघ प्रिंट, गुजरात की पटोला साड़ियाँ, काँथा की साड़ियाँ, चंदेरी साड़ियाँ, उत्तराखंड व हिमाचल के ऊनी उत्पाद, प्राकृतिक खाद्य उत्पाद , कर्नाटक व तेलंगाना के वूडन उत्पाद, झारखंड के पलाश उत्पाद व प्राकृतिक खाद्य उत्पाद उपलब्ध रहेंगे। प्रगति मैदान के इस अंतराष्ट्रीय व्यापार मेले में सरस आजीविका में पूरे ग्रामीण भारत की झलक देखने को मिलेगी।
सरस आजीविका मेला 2023 में कुछ उत्कृष्ट प्रदर्शन जो विभिन्न राज्यों से हैं वो इस प्रकार हैं- झारखंड से ट्राइबल ज्वेलरी, हनी, मिक्स अचार, दाल, आम के अचार, फ्लोर, आर्गेनिक वेजीटेबल और मशाले, चावल, दाल, साबुन के साथ ही स्नैक्स में हाथ के बनाए हुए चॉकलेट मशहूर । कर्नाटका से वुडेन खिलौने, पेपर, कॉफी पाउडर, कार्डामॉम क्लाउथ मेटेरियल, हनी,मिक्सड पीकल, जैगरी, पेंटिंग, वुडेन हेंडीक्राफ्ट. साथ ही केरला से कोकोनट ऑयल, कार्डामॉम,पेपर, मिस्लेनियस हेंडलुम आइटम, बनाना चिप्स, स्नैक्स, हेडमेड चॉकलेट, मशाले, क्ले डेकोरेटिव आइटम। लद्दाख से ड्राई फ्रूट्स, हेंड एमब्रोडरी वर्क, कार्पेट, लेदर पर्स और तेल। मध्य प्रदेश से मिस्लेनियस हेंडलुम आइटम, चंधेरी साड़ी, जैगरी, बैंबू प्रोडक्ट, दुपट्टा, गोंद, डेकोरेटिव आइटम। महाराष्ट्र से एमब्रोडरी ड्रेस, वुडेन खिलौने, लेमन पिकल। मणीपुर से वाटर हायसिन्थ प्रोडक्ट, मिजोरम से कड़ी पाउडर, ब्लैक पेपड़, नागालैंड से बासकेट, सैंडल, ट्राइबल ज्वेलरी, ओडिशा से सबाई हेंडीक्राफ्ट, काश ग्रास, तासर साड़ी, पंजाब से जूट बैग, कुशा मैट्स, कुची हेंडीक्राफ्ट, वुलेन जैकट। पुडुचेड़ी से बेड्स ज्वेलड़ी, इमीटेशन ज्वेलड़ी।
राजस्थान से ब्लॉक प्रिंटेड बेडसीट, आर्टीफैक्ट्स और आयरन टुल्स प्रोडक्ट, तमिलनाडु के पारंपरिक कपड़े और स्पेशल साड़ी आदि। तेलंगाना से स्पेशल साड़ी, त्रिपुड़ा के पारंपरिक कपड़े। उत्तराखंड के आर्गेनिक दालें, ग्रास बॉक्स, टेराकोटा आइटम, ब्लॉक प्रिंटेड बेडशीट, आयरन टुल्स प्रोडक्ट। उत्तर प्रदेश से हेंड एमब्रोडरी वर्क, पॉटरी वर्क, स्टोल, डिजायनर बेडशीट, शिल्क साड़ी, मेटल डेकोरेटिव आयटम। वेस्ट बंगाल से होम डेकोर प्रोडक्ट, बैंगल, ज्वेलड़ी, कांथा स्टीच आदि। अंडमान एंड निकोबार से बैंबू प्रोडक्ट, अरुणाचल प्रदेश से पारंपरिक कपड़े, बैंबू प्रोडक्ट्स, आसाम से असामीज कपड़े के मेटेरियल, वाटर हायसिन्थ प्रोडक्ट्स, केन एंड बैंबू प्रोडक्ट्स, आंध्रप्रदेश से साउथ इंडियन पिकल, तेल, हर्बल हनी, वुडेन हेंडीक्राफ्ट, साड़ी और सॉफ्ट खिलौने आदि। बिहार से मधुबनी पेंटिंग, सिल्क साड़ी, सोलर टार्च, लाह की चूड़ियां और प्राकृतिक शहद। छत्तीसगढ़ से कॉटन सूट, फुलकारी सूट, सिल्क साड़ी, मेटल आर्ट, बेल मेटल, ड्राई फ्रूट्स और स्नैक्स, पापड़, आम के अचार और हल्दी पाउडर वहीं, गुजरात से मिस्लेनियस हेंडलूम आइटम, सिल्क साड़ी, दुपट्टा, बेल मेटल, गारलेंड्स, वुडेन हेंडीक्राफ्ट, पैटचित्रा के साथ साथ बेड डेकोरेटिव आइटम। जबकि गोवा से कुची हेंडीक्राफ्ट्स और स्नैक्स आदि। हरियाणा से कॉटन सूट, साड़ी, दुपट्टा, टेराकोटा आइटम, क्लाउथ मेटेरियल, ड्रेस मेटेरियल, ज्वेलड़ी, स्नैक्स में मशहूर महुआ लड्डू। हिमाचल प्रदेश से मिस्लेनियस हेंडलुम आइटम, साक्स, हेंडबैग, साबुन वहीं, जम्मु कश्मीर से गोल्डन ग्रास प्रोडक्ट, कुची हेंडीक्राफ्ट, क्लाउथ मेटेरियल आदि।
इसके साथ ही प्राकृतिक खाद्य पदार्थ भी फूड स्टाल पर मौजूद हैं, प्राकृतिक खाद्य पदार्थों के रूप में अदरक, चाय, दाल, कॉफी, पापड़, एपल जैम और अचार आदि उपलब्ध हैं। वहीं, शाम को यहां सांस्कृतिक संध्या का भी आयोजन किया जा रहा है। सरस आजीविका मेला के दौरान देश भर के 28 राज्यों के हजारों उत्पादों की प्रदर्शनी और बिक्री की जा रही है। ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा यह एक मुहिम की शुरुआत की गई है जिससे कि हमारे देश के हस्तशिल्पियों और हस्तकारों को कोरोना के बाद एक बार फिर से अपनी रोजगार शुरु करने का मौका मिल सके। सके साथ ही इससे केंद्र सरकार की योजना आत्मनिर्भर भारत का संकल्प “वोकल फॉर लोकल, लोकल टू ग्लोबल” अभियान को बढ़ावा मिल सके।
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