ड्यूरेक्स बर्ड्स एंड बीज़ टॉक और एनडीएमसी ने शिक्षकों के लिए आयोजित की पहली लाइफ-स्किल्स ट्रेनिंग वर्कशॉप

शब्दवाणी समाचार, वीरवार 3 नवंबर 2023, संपादकीय व्हाट्सएप 08803818844 नई दिल्ली। ड्यूरेक्स बर्ड्स एंड बीज़ टॉक (टीबीबीटी) प्रोग्राम के विस्तार की कड़ी के रूप में ग्राहक स्वास्थ्य, स्वच्छता और पोषण के क्षेत्र में विश्व में अग्रणी रेकिट ने नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) के साथ मिलकर 150 से ज्यादा शिक्षकों के लिए अपनी पहली लाइफ-स्किल्स ट्रेनिंग वर्कशॉप का आयोजन किया। टीबीबीटी प्रोग्राम किशोरों और युवाओं को लाइफ स्किल्स विकसित करने के लिए शिक्षित करने पर जोर देता है क्योंकि वे जिंदगी के कई तरह के बदलावों के अनुभवों से गुजरते हैं। इस इंडक्शन सह ट्रेनिंग प्रोग्राम का उद्देश्य शिक्षकों को युवा विद्यार्थियों की मदद करने और सहमति, समानता, समावेशन, जागरूकता और संरक्षण के बारे में जानकारी देने के लिए कुशलतापूर्वक सक्षम बनाना है।

शिक्षकों की यह वर्कशॉप आज एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर में आयोजित हुई. इसमें एनडीएमसी के अध्यक्ष अमित यादव, एनडीएमसी के डायरेक्टर (एजुकेशन) आर.पी. सती, एहलकॉन ग्रुप ऑफ स्कूल्स की स्कूल शिक्षा पर एसोचैम टास्कफोर्स के अध्यक्ष तथा अध्यक्ष के सलाहकार (एसडीपीईएस) डॉ. अशोक पांडे, एसोचैम राष्ट्रीय सीएसआर और अधिकारिता परिषद के सह-अध्यक्ष तथा रेकिट के डायरेक्टर (विदेश मामले और भागीदारी, दक्षिण एशिया) रवि भटनागर और पार्टी-प्लान इंडिया के प्रमुख तथा कार्यक्रम विशेषज्ञ डॉ. कोमल गोस्वामी प्रमुख रूप से उपस्थित थे. वर्कशॉप के सत्रों का संचालन शिक्षा, किशोर मनोविज्ञान और साइबर सुरक्षा के प्रमुख डोमेन विशेषज्ञों द्वारा किया गया. इनमें किशोरावस्था विशेषज्ञ डॉ. लतिका भल्ला, एम्स के क्लिनिकल साइकोलॉजी विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. रचना भार्गवा, साइबर विशेषज्ञ मनीष तोमर और शिक्षाविद्, राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार विजेता-2023 तथा ग्लोबल टीचर्स अवार्ड-2019 की फाइनलिस्ट सुश्री आरती कानूनगो का समावेश था।

एसोचैम राष्ट्रीय सीएसआर और अधिकारिता परिषद के सह-अध्यक्ष तथा रेकिट के डायरेक्टर (विदेश मामले और भागीदारी, दक्षिण एशिया) रवि भटनागर ने कहा, “रेकिट में, हमारा मानना है कि युवाओं का दिमागी पोषण आने वाले कल को आशाजनक बना सकता है। शिक्षकों में भविष्य के नेताओं को प्रेरित करने और एक समावेशी समाज सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाने की ताकत है। ड्यूरेक्स टीबीबीटी ट्रेनिंग प्रोग्राम के माध्यम से हमारा लक्ष्य किशोरों को जरूरी ज्ञान प्रदान करने के साथ ही उन्हें सूचित, सहानुभूतिपूर्ण और आत्मविश्वासी वयस्कों के रूप में तैयार करने के लिए शिक्षकों को सही कौशल प्रदान करना है। हम किशोरों और युवाओं में लाइफ स्किल्स को बढ़ावा देने के हमारे दृष्टिकोण के साथ जुड़ने के लिए एनडीएमसी का शुक्रिया अदा करते हैं।

यह वर्कशॉप विद्यार्थियों को व्यापक जीवन कौशल पाठ्यक्रम प्रदान करने के लिए शिक्षकों को जरूरी ज्ञान और कौशल से लैस करके ज्यादा जानकार और जिम्मेदार समाज बनाने का एक व्यापक प्रयास है। पार्टनर स्कूलों के नोडल प्रतिनिधियों को टीबीबीटी बिरादरी में शामिल करने के प्राथमिक लक्ष्य के साथ ही वर्कशॉप का उद्देश्य शिक्षकों को प्रोग्राम के उद्देश्यों, तौर-तरीकों और टाइमलाइन के बारे में अवगत करना है। 

एनडीएमसी के अध्यक्ष अमित यादव ने वर्कशॉप में शिक्षण समुदाय का मार्गदर्शन किया और विद्यार्थियों के साथ-साथ शिक्षकों के लिए लर्निंग एक्टिविटीज के स्कोप के महत्व को समझाया। उन्होंने कहा, “छात्रों के जागने का 40% समय स्कूल में बीतता है और इसलिए बेहतर समाज के लिए स्कूल में शिक्षा ग्रहण करने और उचित संवाद के साथ बातचीत करना बहुत महत्वपूर्ण है। शिक्षा से बच्चे को जीवन में आगे बढ़ने के लिए बुनियादी आधार मिलता है। शिक्षक किसी भी विद्यार्थी की सीखने की भूमिका में विविधता लाने में महत्वपूर्ण किरदार अदा करते हैं। इसलिए समाज के हित में यह महत्वपूर्ण है कि उचित संवाद और शिक्षा द्वारा बातचीत को सुगम बनाया जाए।

ASSOCHAM के महासचिव और सीएसआर के लिए ASSOCHAM फाउंडेशन के ट्रस्टी दीपक सूद ने कहा, “ड्यूरेक्स टीबीबीटी प्रोग्राम की कड़ी के रूप में हम किशोरों को उनके जीवन के क्षणिक चरण में उचित जागरूकता, शिक्षा, परामर्श और मार्गदर्शन के साथ प्रेरित करने की दिशा में काम कर रहे हैं। ट्रेनिंग वकॅर्शाप के माध्यम से हमारा लक्ष्य किशोरों को स्वस्थ वयस्कों के रूप में विकसित होने में मदद करने के लिए शिक्षकों को शिक्षित करना और इसके लिए उन्हें पर्याप्त ज्ञान प्रदान करना है।

इस पहली वर्कशॉप ने प्रोजेक्ट पर काम करने वाले जिम्मेदारों को, विद्यार्थियों को उनके जीवन के एक महत्वपूर्ण और परिवर्तनकारी चरण में संभालने से जुड़ी अपनी चिंताओं को व्यक्त करने के लिए एक मंच भी प्रदान किया। इस दौरान विद्यार्थियों ने एक नाटक प्रस्तुत किया, जिसके माध्यम से प्रोग्राम, टीबीबीटी किरदारों का परिचय कराने के साथ ही लाइफ स्किल्स को बढ़ावा देने की जरूरत पर प्रकाश डाला गया।

ड्यूरेक्स टीबीबीटी प्रोग्राम के तहत जीवन कौशल पाठ्यक्रम में विषयों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है क्योंकि किशोरों को जिंदगी के अनेक बदलावों के अनुभवों से गुजरना पड़ता है, जिनके लिए परिस्थिति का मुकाबला करने के साथ ही अनुकूलन की जरूरत होती है। पाठ्यक्रम को 10 से 14 वर्ष और 15 से 19 वर्ष आयुवर्ग के दो हिस्सों में विभाजित किया गया है। इसमें बड़ा होना और भौतिक शरीर, सामाजिक संबंध, स्वयं और सुरक्षा, शारीरिक विकास, स्वयं और रिश्ते, स्वास्थ्य और शरीर, सुरक्षा और जानकारी के ट्रेनिंग मॉड्यूल्स का समावेश है। यह व्यापक पाठ्यक्रम विद्यार्थियों को कामुकता, लाइफ स्किल्स, यौन प्राथमिकताओं और सुरक्षित प्रथाओं की बारीकियों के बारे में जानकारी देने के लिए बनाया गया है ताकि उनमें गलत जानकारी या संदेह की कोई गुंजाइश न रहे। टीबीबीटी की कोशिशों का उद्देश्य युवाओं को आत्म-जागरूक, समावेशी, सहानुभूतिपूर्ण और दयालु इंसान बनाना है।

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