भारत और अमेरिका के बीच अकादमिक सहयोग में शिक्षण के भविष्य को बेहतर बनाने तथा नए आयाम स्थापित करने की संभावनाएँ

 

शब्दवाणी समाचार, वीरवार 3 नवंबर 2023, संपादकीय व्हाट्सएप 08803818844 नई दिल्ली। अमेरिका के न्यूयॉर्क में स्थित पेस यूनिवर्सिटी के एक प्रतिष्ठित प्रतिनिधिमंडल ने आज ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी (JGU) का दौरा किया। संस्थान के माननीय अध्यक्ष, प्रोफेसर मार्विन क्रिसलोव की अगवाई में इस प्रतिनिधिमंडल में यूनिवर्सिटी में प्रशासनिक पदों पर कार्यरत वरिष्ठ सदस्यगण शामिल हैं। दोनों संस्थाओं को इस दौरे का बेसब्री से इंतज़ार था, जो विभिन्न शैक्षणिक विषयों में लंबे समय के सहयोग और साझेदारी को बढ़ावा देने के लिए दोनों संस्थानों के अटल इरादे को उजागर किया। पेस यूनिवर्सिटी पूरी दुनिया में प्रसिद्ध शैक्षणिक संस्थान है जिसका मुख्यालय न्यूयॉर्क में है, और इस संस्थान ने शिक्षा में अपने अग्रणी योगदान के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त की है। पेस यूनिवर्सिटी के प्रतिनिधिमंडल में प्रशासनिक पदों पर कार्यरत वरिष्ठ सदस्यों में शामिल हैं :

·    प्रोफेसर मार्विन क्रिसलोव, अध्यक्ष, पेस यूनिवर्सिटी

·    प्रोफेसर (डॉ.) जोनाथन हिल, सीडेनबर्ग स्कूल ऑफ कंप्यूटर साइंस एंड इंफॉर्मेशन सिस्टम्स, पेस यूनिवर्सिटी के डीन

·    प्रोफेसर (डॉ.) सोनिया सुचदे, प्रोफेसर एवं मनोविज्ञान विभाग की अध्यक्ष, बोर्ड ऑफ ट्रस्टी की सदस्य, पेस यूनिवर्सिटी

·    प्रोफेसर आंद्रे कॉर्डन, पेस यूनिवर्सिटी में इंटरनेशनल एडमिशन के डीन

·    प्रोफेसर (डॉ.) जॉन मेलेटियाडिस, असिस्टेंट डीन और लुबिन स्कूल ऑफ बिजनेस, पेस यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर

·    सुश्री डेबोरा ज़ेगर, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर, डेवलपमेंट ऑपरेशंस एंड एनुअल गिविंग, पेस यूनिवर्सिटी

·    प्रोफेसर (डॉ.) पी.वी. विश्वनाथ, पेस यूनिवर्सिटी के फाइनेंस एंड इकोनॉमिक्स विभाग में ग्रेजुएट प्रोग्राम के अध्यक्ष

इस अवसर पर, ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के संस्थापक उपकुलपति, प्रोफेसर (डॉ.) सी. राज कुमार ने पेस यूनिवर्सिटी, न्यूयॉर्क के वरिष्ठ प्रतिनिधिमंडल का गर्मजोशी से स्वागत किया और बताया कि इस दौरे का उद्देश्य दोनों संस्थानों के बीच के संबंधों को गहरा करना और इसके दायरे को बढ़ाना है। उन्होंने कहा, “उच्च शिक्षा को आगे बढ़ाने में अमेरिका और भारत की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि हम दुनिया के प्रमुख लोकतांत्रिक देश हैं जो बहुलवाद, विविधता और समावेशन के मूल्यों से गहराई से जुड़े हुए हैं। दोनों देशों के समाज में स्वतंत्रता को सबसे ज्यादा अहमियत दी जाती है, जिसमें बोलने और विचारों को अभिव्यक्त करने की निजी स्वतंत्रता के साथ-साथ ऐसे संस्थानों की भूमिका भी शामिल है, जो उन स्वतंत्रताओं की भूमिका की रक्षा करने और नागरिक स्वतंत्रता को आगे बढ़ाने के लिए प्रयासरत हैं। दोनों देश हमेशा से ही शिक्षा के लिए प्रतिबद्ध रहे हैं, और इस बात को माना है कि शिक्षा में समाज को प्रभावित करने और बड़े पैमाने पर बदलाव लाने की क्षमता है। शिक्षा के लिए इसी प्रतिबद्धता की वजह से अमेरिका दुनिया के कुछ बेहतरीन संस्थानों का वैश्विक केंद्र बन गया है। इसने बड़ी संख्या में हर वर्ग के लोगों को अवसर और पहुंच प्रदान करने के नज़रिये के साथ अव्वल दर्जे की शिक्षा को सभी के लिए सुलभ बनाया है। भारत ने भी पिछले 75 साल में ऐसा किया है। दोनों संस्थानों के बीच साझेदारी राज्य स्तर के राजनयिक और रणनीतिक संबंधों से कहीं बढ़कर है और वे संबंधों के भविष्य को आकार दे रहे हैं।

पेस यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष, प्रोफेसर मार्विन क्रिसलोव ने कहा, "अमेरिकी कॉलेज छात्रों के जीवन में बदलाव लाते हैं— और उनके माध्यम से परिवारों और समुदाय के स्तर पर भी बदलाव लाने में अहम भूमिका निभाते हैं। अगले दशक में हमें टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में बदलाव के लिए तैयार रहना होगा और छात्रों को इसके अनुरूप अपने कौशल को बेहतर बनाने की जरूरत होगी। बदलाव की इस ताकत को सभी के लिए सुलभ बनाना पेस का ऐतिहासिक मिशन रहा है। सच कहा जाए, तो कुछ साल पहले हार्वर्ड के एक अध्ययन में आर्थिक गतिशीलता को बढ़ावा देने के लिए पेस को नंबर-1 निजी, चार-वर्षीय कॉलेज का दर्जा दिया था। अमेरिकी कॉलेज से ग्रेजुएट होने वाले छात्रों की आमदनी, बिना कॉलेज डिग्री वाले लोगों की तुलना में कहीं अधिक होती है। अमेरिकी कॉलेज न केवल अध्ययन के क्षेत्र में महारत हासिल करना सिखाते हैं, बल्कि ऐसे कौशल भी सिखाते हैं जो लगातार बदल रही अर्थव्यवस्था में काफी मायने रखते हैं, जिनमें आलोचनात्मक सोच, अनुकूलनशीलता, लचीलापन और जीवन भर सीखने रहने की आदत शामिल हैं। अमेरिकी कॉलेज छात्रों को लोगों के संपर्क में लाते हैं, और लोगों को एक साथ मिलकर काम करने, एक-दूसरे की बात सुनने, एक-दूसरे से सीखने तथा कारगर तरीके से सहयोग करने का अवसर देते हैं। अमेरिकी कॉलेज छात्रों को बड़े पैमाने पर दुनिया के साथ उत्पादक रूप से जुड़ना, और इस विकसित दुनिया में अपने अस्तित्व को बनाए रखने का तरीका सिखाते हैं। भारत और अमेरिका की जनसांख्यिकी में एक बड़ा अंतर यह है कि भारत की आबादी का ज्यादातर हिस्सा 18 से 22 साल की आयु वर्ग के बीच है। यहाँ के छात्रों में उच्च शिक्षा और ग्रेजुएट डिग्री पाने की चाहत भी अधिक है। उच्च शिक्षा के सुलभ होने से आर्थिक लाभ भी अधिक होता है। हम अपने शैक्षिक मॉडल को पेस पाथ कहते हैं— जो अकादमिक शिक्षा के साथ-साथ व्यावहारिक तौर पर उपयोग में आने वाली शिक्षा का बेहद प्रभावशाली मिश्रण है, जो हमारे छात्रों को ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने के तुरंत बाद सफलता के लिए तैयार करता है।

जेजीयू और पेस यूनिवर्सिटी के बीच की साझेदारी में यह एक रोमांचक उपलब्धि है, तथा इससे पहले भी जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल और जिंदल ग्लोबल बिजनेस स्कूल द्वारा क्रमशः एलिजाबेथ हाउब स्कूल ऑफ लॉ और ल्यूबिन स्कूल ऑफ बिजनेस के साथ की गई साझेदारी बेहद उपयोगी साबित हुई है। मौजूदा साझेदारियाँ बेहद मजबूत हैं, जिनके तहत शुरू की गई पहलों में स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम तथा डुएल डिग्री प्रोग्राम शामिल हैं। इस यात्रा का उद्देश्य मनोविज्ञान, सामाजिक विज्ञान, वित्त एवं सार्वजनिक स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देते हुए मौजूदा साझेदारी को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाना है।

जिंदल ग्लोबल बिजनेस स्कूल (JGBS), जिंदल स्कूल ऑफ बैंकिंग एंड फाइनेंस (JSBF) तथा पेस यूनिवर्सिटी के ल्यूबिन स्कूल ऑफ बिजनेस के बीच सेमेस्टर एब्रॉड एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर इस यात्रा का एक मुख्य आकर्षण है। यह समझौता ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के छात्रों के लिए बेहद रोमांचक और बदलाव लाने वाले अनुभव की राह आसान बना देता है। विदेश में सेमेस्टर के लिए किए गए समझौते के तहत, JGBS और JSBF के छात्रों को ल्यूबिन स्कूल ऑफ बिजनेस के जबरदस्त उत्साह से भरे शैक्षणिक माहौल में सीखने का मौका मिलेगा। अंतर्राष्ट्रीय परिवेश के संपर्क में आने से छात्रों को अलग-अलग संस्कृतियों से सीखने का अनमोल और समृद्ध अनुभव प्राप्त होगा, साथ ही उनके लिए पेस यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञ प्राध्यापकों का मार्गदर्शन भी सुलभ होगा।

इसके अलावा, पेस यूनिवर्सिटी और ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के बीच अल्पकालिक अध्ययन कार्यक्रम के लिए एक समझौते पर भी हस्ताक्षर किए जाएंगे, जिसके तहत जेजीयू के छात्रों को पेस यूनिवर्सिटी में अल्पकालिक अध्ययन का अवसर मिलेगा। यह समझौता जेजीयू के छात्रों को बिजनेस एंटरप्रेन्योरशिप और फाइनेंस की बारीकियां को सिखाने के लिए खास तौर पर डिज़ाइन किए गए और कस्टमाइज्ड किए गए कोर्स में शामिल होने का सुनहरा मौका देता है। इन दोनों समझौतों का उद्देश्य छात्रों को वैश्विक दृष्टिकोण के साथ सशक्त बनाना और उन्हें जीवन भर काम आने वाले अनमोल कौशल से लैस करना है। ये समझौते सही मायने में शैक्षणिक पहलों से कहीं बढ़कर हैं, जो  ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के छात्रों के लिए उज्जवल भविष्य की राह को आसान बना देते हैं, साथ ही उम्र भर कायम रहने वाले मजबूत संबंधों के साथ भविष्य के लिए बहुमुखी प्रतिभा वाले, तथा विश्व स्तर पर जागरूक नागरिकों को तैयार करते हैं।

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