नार्थ-ईस्ट राज्यों के सामानों की सरस में हो रही जमकर खरीदारी

त्रिपुरा का बांस से बनी 3डी सीनरी, फूल दान व अन्य सामान लोगों को कर रहा आकर्षित

शब्दवाणी समाचार, रविवार 26 नवंबर 2023, संपादकीय व्हाट्सएप 08803818844 नई दिल्ली।जैसे जैसे सरस आजीविका मेला 2023 अपने समापन की ओर बढ़ रहा है वैसे वैसे लोगों की भीड़ भी देखने को यहां मिल रहा है। विकेंड व छुट्टी के दिन होने से सरस में लोगों की भीड़ लगी रही औऱ साथ ही लोगों ने यहां जमकर खरीदारी भी किया। सरस पवेलियन हॉल नंबर 7 (ए बी सी) में मिलने वाले दस पर्सेंट की छूट के कारण भी लोगों ने सरस में बढ़ चढ़ कर खरीदारी की। वहीं, शाम को अपनी थकान मिटाने के लिए सांस्कृतिक संध्या का भी आनंद लिया। सरस में देश भर के 29 राज्यों की कोने-कोने से महिलाएं अपनी कला कारी ले कर मौजूद हैं। त्रिपुरा से आई हुईं उजेबोंग महिला स्वयं सहायता समूह की तानिया चक्मा ने‌ बताया कि मैं अपने स्टॉल नंबर 154 पर विभिन्न प्रकार के बांस से बनी 3डी सीनरी, फूल दान, बांस की मूर्तियां, खुबसूरत बेम्बू वॉल हैंगिंग्स, बेम्बू बोटल  समेत ऊनी ऐडलूमस, जूट के हैंड बैग, कैरी बैग्स, लेडीज़ पर्स, उपलब्ध है। यहां आप 50 रुपय से लेकर 8 हज़ार तक के सामान की खरीदारी कर सकते हैं। वहीं, स्टॉल नंबर 105 पर अरूणाचल प्रदेश की इंदू मनो अपने साथ बांस की बनी हुई किंग चिल्ली अचार, एलिफेंट एप्पल अचार, चिकन अचार, अरुणाचल प्रदेश की मशहूर स्मोकी ग्रीन टी, अरूणाचली मेखला समेत सूत बैग्स, अगरबत्ती, अरूणाचली स्कार्फ आदि यहां पर लेकर आई हुई हैं जो कि लोगों को आकर्षित कर रहा है। 

ज्ञात हो कि दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित 42वें विश्व व्यापार मेले में एक बार फिर परंपरा, क्राफ्ट, कला एवं संस्कृति  से सराबोर  14 नवंबर से 27 नवंबर  तक  प्रसिद्ध सरस आजीविका मेला 2023 का आयोजन प्रगति मैदान स्थित हॉल नंबर 7 (ए, बी, सी) में किया जा रहा है। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय और राष्ट्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज संस्थान (एनआईआरडीपीआर) द्वारा आयोजित इस सरस आजीविका मेला 2023 में ग्रामीण भारत की शिल्पकलाओं का मुख्य रूप से प्रदर्शन किया जा रहा है। 14 नवंबर से 27 नवंबर तक चलने वाले इस उत्सव में 300 से अधिक महिला शिल्प कलाकार, 165 के करीब स्टॉलों पर अपनी अपनी उत्कृष्ट प्रदर्शनी का प्रदर्शन कर रहे हैं।

सरस आजीविका मेला के दौरान देश भर के 29 राज्यों के हजारों उत्पादों की प्रदर्शनी और बिक्री हो रही है। ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा यह एक मुहिम की शुरुआत की गई है जिससे कि हमारे देश के हस्तशिल्पियों और हस्तकारों को अपनी रोजगार शुरू करने का मौका मिल सके। 

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