एएससीआई ने प्रतिबंधित श्रेणियों के ब्रांड एक्सटेंशन की योग्यता के लिए दिशानिर्देशों को और किया मजबूत

शब्दवाणी समाचार, शुक्रवार 15 दिसंबर 2023, संपादकीय व्हाट्सएप 08803818844, मुंबई। भारतीय  मानक परिषद (एएससीआई) ने ‘ब्रांड एक्सटेंशन उत्पादों और सेवाओं की योग्यता’ को लेकर अपने दिशानिर्देशों को अपडेट किया है। एएससीआई ने कानून के तहत प्रतिबंधित श्रेणी के तहत इन दिशानिर्देशों को संशोधित किया है। इन संशोधनों के बारे में एएससीआई कोड के  अध्याय III खंड 3.6 (ए) में  विस्तार से जानकारी दी गई है, जिसमें विशेष रूप से शराब और तंबाकू जैसी प्रतिबंधित श्रेणियों से जुड़े ब्रांड एक्सटेंशन को लक्षित किया गया है।

ब्रांड एक्सटेंशन के लिए एएससीआई के पास पहले से ही विशिष्ट दिशानिर्देश थे, जिसे कुछ महीनों पहले ही संशोधित किया गया है। भारत में हाई-प्रोफाइल खेल आयोजनों के दौरान मेगा-बजट सेलिब्रिटी अभियानों को देखते हुए इन्हें और अधिक मजबूत करने की आवश्यकता महसूस की जा रही थी।

एएससीआई के वर्तमान दिशानिर्देश ब्रांड एक्सटेंशन को कारोबार, निवेश या वितरण मानदंडों की कुछ सीमाओं से बाहर जाने की अनुमति देते हैं, ताकि उन्हें वास्तविक तौर पर एक्सटेंशन माना जा सके। एएससीआई ने अब उस एक्सटेंशन के कारोबार के संबंध में विज्ञापन खर्च के लिए विशिष्ट प्रावधानों को जोड़ दिया है।

ब्रांड एक्सटेंशन के लिए जारी नए संहिता की मुख्य विशेषताएं :

1. विज्ञापन खर्च एक्सटेंशन की बिक्री कारोबार के अनुपात में होना चाहिए: एएससीआई ने प्रतिबंधित मास्टर ब्रांड्स के वास्तविक ब्रांड एक्सटेंशन के लिए विज्ञापन बजट एक्सटेंशन की बिक्री कारोबार के अनुपात में होना अनिवार्य कर दिया है। एक्सटेंशन के लॉन्च के पहले दो वर्षों में विज्ञापन बजट के अनुपात को राजस्व के मुकाबले 200 प्रतिशत (यानी 200 प्रतिशत से अधिक नहीं) पर सीमित कर दिया गया है। इसके बाद की सीमा राजस्व का 100 प्रतिशत (यानी 100 प्रतिशत से अधिक नहीं) तय किया गया है। इसके बाद तीसरे और चौथे वर्ष में 50 प्रतिशत और 30 प्रतिशत की सीमा निर्धारित की गई है। विज्ञापन बजट में पिछले 12 महीनों में मीडिया के सभी रूपों में मीडिया खर्च, वार्षिक आधार पर ब्रांड समर्थन के लिए मशहूर हस्तियों को भुगतान और पिछले तीन वर्षों में ब्रांड एक्सटेंशन के लिए विज्ञापन उत्पादन पर खर्च की गई वार्षिक औसत धनराशि शामिल है।

ये प्रावधान समय के साथ एक्सटेंशन के बिक्री प्रदर्शन के अनुरूप विज्ञापन निवेश के लिए एक संतुलित दृष्टिकोण को सुनिश्ति करेगा।

2. ब्रांड एक्सटेंशन के तहत वैरिएंट का वर्गीकरण: स्पष्टता के लिए, ब्रांड एक्सटेंशन के तहत लॉन्च किए गए किसी भी वैरिएंट को नया एक्सटेंशन नहीं माना जाएगा और पहले ब्रांड एक्सटेंशन की मूल तिथि ही मान्य होगी।

3. प्रतिष्ठित सीए फर्म्‍स द्वारा सर्टिफिकेशन या प्रमाणन: वाजिब अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए, विज्ञापन के लिए ब्रांड एक्सटेंशन की योग्यता का समर्थन करने वाले सभी साक्ष्य एक प्रतिष्ठित और स्वतंत्र सीए फर्म द्वारा प्रमाणित होने चाहिए।

4. यदि प्रतिबंधित श्रेणियों में से किसी एक के अंतर्गत आने वाले मूल ब्रांड का ब्रांड एक्सटेंशन नए प्रावधानों की शर्तों को पूरा नहीं करता है, तो एएससीआई इसे वास्तविक एक्सटेंशन नहीं मानेगा, बल्कि इसे प्रतिबंधित श्रेणी का विज्ञापन करने के लिए बनाया गया सरोगेट मानेगा। एएससीआई के अपडेट भारत में विज्ञापन की पवित्रता, नैतिक मानकों को बनाए रखने और उपभोक्ताओं को भ्रामक प्रथाओं से बचाने में योगदान देंगे।

ब्रांड एक्सटेंशन दिशानिर्देशों में नए बदलावों में संशोधन के बारे में बताते हुए एएससीआई की सीईओ और महासचिव मनीषा कपूर ने कहा, "हमने उपभोक्ता संरक्षण और नैतिकतापूर्ण विज्ञापन को लेकर अपनी प्रतिबद्धता को बरकरार रखा है और इसके लिए की जा रही कोशिशों के तहत एएससीआई ने ब्रांड एक्सटेंशन दिशानिर्देशों में इन नए संशोधनों को पेश किया है। ये संशोधन प्रतिबंधित श्रेणियों में विज्ञापन के लिए सरोगेट के रूप में ब्रांड एक्सटेंशन के दुरुपयोग को रोकने के लिए जरूरी हैं। हमारा मानना है कि ये दिशानिर्देश उद्योग में विज्ञापन की अखंडता को मजबूत करेंगे।

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