विमानन क्षेत्र में मैचिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और सपोर्ट सेवाओं के साथ साथ उचित लाभ वाले निवेश पर जोर

◆ फाउंडेशन फॉर एविएशन एंड सस्टेनेबल टूरिज्म (फास्ट) के सेमिनार में हुई चर्चा 

शब्दवाणी समाचार, शनिवार 6 जनवरी 2024, सम्पादकीय व्हाट्सप्प 8803818844, नई दिल्ली। फाउंडेशन फॉर एविएशन एंड सस्टेनेबल टूरिज्म (फास्ट) ने विमानन क्छेत्र  में उभरते परिदृश्य पर भारत को मैचिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और सपोर्ट सेवाओं की आवश्यकता विषय के सन्दर्भ में गत 28 दिसंबर 2023 को इंडिया इंटरनेशनल सेंटर, नई दिल्ली में एक सेमिनार का आयोजन किया गया। भारत को बुनियादी ढांचे और सहायक सेवाओं की आवश्यकता है शीर्षक वाले सेमिनार का उद्घाटन त्रिपुरा और छत्तीसगढ़ के पूर्व राज्यपाल और फ़ास्ट के प्रेसिडेंट लेफ्टिनेंट जनरल के ऍम सेठ, पीवीएसएम, एवीएसएम (सेवानिवृत्त) द्वारा स्वागत भाषण के साथ किया गया।  इस अवसर पर  श्री संजीव राजदान, सीएमडी, पवन हंस, श्री कपिल कौल, सीईओ, एशिया प्रशांत क्षेत्र, सीएपीए, श्री इंद्रजीत सिंह, पूर्व हवाई अड्डा निदेशक, दिल्ली हवाई अड्डा और एयर पोर्ट अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया के फॉर्मर चेयरमैन और उपाध्यक्ष, फास्ट श्री वी पी अग्रवाल उपस्थित थे। 

दो व्यावसायिक सत्रों के लिए प्रीस्ट भूमि तैयार करते हुए फास्ट के अध्यक्ष जनरल सेठ ने सार्वजनिक निजी भागीदारी, निर्बाध यात्री अनुभव के लिए तकनीकी नवाचार, विमानन में नौकरियों की संभावना और कार्गो, एमआरओ और ग्राउंड हैंडलिंग जैसी अन्य संबंधित गतिविधियों की आवश्यकता और जोर पर प्रकाश डाला। सेमिनार में  एविएशन सेक्टर से जुड़े हुए सदश्यो और एक्सपर्ट्स की अच्छी उपस्थिति रही जो  विमानन क्षेत्र में जनता की रुचि को प्रदर्शित कर रही थी। सेमिनार में विसेषज्ञो इस बात पर जोर दिया कि भारतीय यात्रा रुचि घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों क्षेत्रों के लिए दीर्घकालिक है। इन सकारात्मक नोट्स के साथ डीजीसीए, सीएनएस, बीसीएएस जैसे संस्थानों को सक्षम  हुए प्रभावी बनाने के लिए आने वाले समय में प्रशिक्षण, सुरक्षा, संरक्षा आदि को और भी प्रभावी तरीके से अपनाया जाए। साथ ही कर संरचना पर भी चर्चा की गई और इस बात पर जोर दिया गया कि वृद्धिशील या परिवर्तनकारी परिवर्तन के बीच चयन करना हमारे हाथ में है और समय की मांग है कि हम टीसी (परिवर्तनकारी परिवर्तन) को अपनाएं, लेकिन इसके लिए बहुत अधिक जिम्मेदारी, समर्पण के साथ एक उपयुक्त नेतृत्व की आवश्यकता है।

वक्ताओं ने तकनीकी और राजकोषीय पक्ष पर चुनौतियों को सूचीबद्ध करते समय दर्शकों को VUCA वर्ल्ड (अस्थिरता, अनिश्चितता, जटिलता और अस्पष्टता) की याद दिलाई गई, जिसमें उपभोक्ता संरक्षण नियमितता प्रावधानों को और मजबूत करने की आवश्यकता है। परिवर्तनकारी परिवर्तन की योजना तुरंत शुरू होनी चाहिए और यह उन लोगों के हाथों में होगी जिनके पास तेजी से बदलती दुनिया की दृष्टि है, इसे उचित निष्पादन क्षमताओं के साथ जोड़ा जाना जरुरी है। अन्य वक्ताओं ने अपनी-अपनी प्रस्तुति दी। विचार-विमर्श के दौराँन    व्यापक अर्थों में बुनियादी ढांचे की बारीकियों और महत्व को उजागर करना और इसे विमानन और राष्ट्र निर्माण के प्रयासों से जोड़ने, एयर इंडिया के निजीकरण के साथ, ऑपरेटरों के समूह को साहसिक निर्णय लेने की शक्ति देने के संदर्भ में पूरे आयाम को फिर से परिभाषित करने का भी उल्लेख किया गया  । विसेषज्ञो का यह मत था कि कोविड-19 के बाद भारत का हवाई अड्डा क्षेत्र वस्तुत मांग से आगे है और नए हवाई अड्डों के निर्माण और मौजूदा हवाई अड्डों की क्षमता बढ़ाने में एएआई के निरंतर जोर के साथ एयरलाइंस और अन्य व्यावसायिक भागीदारों के लिए प्रेरणादायक है और देश को इसका लाभ उठाना चाहिए। उद्घाटन सत्र के बाद दो व्यावसायिक सत्र में संचालन एयर पोर्ट अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया के फॉर्मर चेयरमैन और उपाध्यक्ष, फास्ट श्री वी पी अग्रवाल, पूर्व अध्यक्ष,और  एच ए एल के  पूर्व चेयरमैन डॉ.आरके त्यागी, द्वारा किया गया; क्रमश। उद्घाटन सत्र  एफसीए, अध्यक्ष ईबीजी फेडरेशन, भारत और लाइफ ट्रस्टी फास्ट श्री रमन सिद्धू, के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ  सेमिनार का समापन हुआ।

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