फिल्म समीक्षा : दशमी (आओ कलयुग की दशमी में कलयुगी रावण को मिलाकर जलाते हैं)
शब्दवाणी समाचार, वीरवार 15 फरवरी 2024, (फिल्म समीक्षक : रेहाना परवीन) सम्पादकीय व्हाट्सप्प 8803818844, नई दिल्ली। फिल्म दशमी 16 फरवरी 2024 को सिनेमाघरों में प्रदर्शित होने वाली फिल्म है। फिल्म दशमी का सोमवार को डिलाइट सिनेमा, दिल्ली में प्रेस शो हुआ जिसमें इस फिल्म को देखने का मुझे अवसर मिला। फिल्म दशमी सस्पेंस, मनोरंजक और समाज को बेहद सुन्दर सन्देश देती फिल्म है। फिल्म का निर्देशन शांतनु अनंत ताम्बे द्वारा किया गया है। फिल्म के मुख्य कलाकार आदिल खान, वर्धन पुरी, गौरव सरीन, मोनिका चौधरी, खुशी हजारे, दलजीत कौर, संजय पांडे, स्वाति सेमवाल, शिवम, इत्यादि हैं। फिल्म को सेंसर बोर्ड ने यू ए प्रमाण पत्र दिया है। फिल्म की अवधि 2 घंटा 6 मिनट की है। फिल्म दशमी रामलीला के बैकग्राउंड में एक ऐसा शक्तिशाली मैसेज दिया गया है। जो आज के समाज और माहौल पर पूरी तरह से सार्थक होती है। इस फिल्म की सबसे बड़ी खूबी यह है कि फिल्म की शुरुआत से अंत तक सीट से बांधकर रखती है। फिल्म की कहानी जिस समाज में महिलाओं की इज्जत माँ, बहन, बेटी के रूप होती है उस समाज में सभी धर्म के ठेकेदार व् समाज के उच्च वर्ग के द्वारा उसी माँ, बहन, बेटी से बलात्कार करते हैं। पर कानून के लम्बी प्रकिर्या के कारण वो आराम से आज़ाद रहते हैं ऐसे लोगों को फिल्म में कलयुग का रावण मानकर दसमी के दिन हर वर्ष रामलीला सम्पूर्ण होने पर जब सीता का अपमान करने वाले रावण का दहन करते हैं उसी समय कलयुग में महिला के बलात्कारी को रावण की भाँति दहन करें। फिल्म दशमी में समाज में कोई भी कुरुति समाज के द्वारा ही शुरू होती है और उसे खत्म भी समाज के द्वारा किया जाता है इसलिए बलात्कार जैसी समाजिक कुरुति को भी कानूनी नहीं अब समाज के द्वारा ख़त्म करने का संदेश देती है। इस फिल्म को पूरे परिवार के साथ देखा जा सकता है। समाज को बेहतर सन्देश देने के कारण इस फिल्म को नंबर से नहीं आँका जा सकता है मेरा बस चले तो में इस फिल्म को पांच में से छे से अधिक नंबर देती पर यह मेरे लिए संभव नहीं है इसलिए इस फिल्म को मैँ पांच में से पांच नंबर देती हूँ।
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