मैजिक बस इंडिया फाउंडेशन 5 साल में 65 लाख युवाओं को सिखाएगा 21वीं सदी का हुनर
• वित्तख वर्ष 2023-24 में 15 लाख किशोरों और 1.25 लाख से ज्याैदा युवाओं को जीवन एवं रोजगार कौशल सिखाकर सकारात्म3क रूप से प्रभावित किया
शब्दवाणी समाचार, रविवार 30 जून 2024, सम्पादकीय व्हाट्सप्प 8803818844, नई दिल्ली।मैजिक बस इंडिया फाउंडेशन भारत में कौशल के अभाव को दूर करने का प्रयास करते हुये युवाओं को प्रशिक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यह युवाओं को बेहतर जिंदगी और जीवकोपार्जन करने के कौशल सिखाकर उन्हें आत्ममनिर्भर बना रहा है। अपने किशोर विकास कार्यक्रम के माध्यम से इसने 2023-24 में 15 लाख किशोरों को आत्मनिर्भर बनाया है । उन्हें स्कूल, जीवन व कार्यस्थल पर बेहतर परिणामों के लिए लाइफ स्किल जीवन कौशल की ट्रेनिंग दी जा रही है। इस साल, अंतरराष्ट्रीय श्रमिक संगठन (आईएलओ) और राष्ट्रीय व्यवसायिक मानक (एनओएस) के दिशानिर्देशों के अनुरूप, आजीविका कार्यक्रम ने 1.25 लाख युवाओं को विभिन्न अवसर प्रदान किए। इनमें से 80% युवाओं को स्थायी नौकरी मिली है। इससे उनकी जिंदगी बदली है और उन्हें रोजगार कौशल सीखने का भी मौका मिल रहा है। पिछले 25 सालों में फाउंडेशन ने लगभग 34 लाख युवाओं की जिदंगी बदली और उन्हें एक स्थायी तथा सम्मानित जीवन जीने एवं गरीबी से बाहर आने में मदद की है। मैजिक बस इस संख्याड को बढ़ाकर अब 65 लाख तक पहुंचाना चाहता है।
मैजिक बस इंडिया फाउंडेशन के ग्लोबल सीईओ, जयंत रस्तोगी, का कहना है, “पिछले कुछ वर्ष में हमने दक्षता, पारदर्शिता, विश्वसनीयता और सुशासन लाने के लिए लगातार तकनीक को शामिल किया है। इससे हमें ज्यादा से ज्यादा युवाओं तक पहुंचने और उन्हें नवाचारी समाधान प्रदान करने में मदद मिल रही है। उन्हें सफल होने के लिए जिन टूल्स और सहयोग की आवश्यकता है, वह उन्हें मिल रहा है। उत्साही लोगों से भरी हमारी टीम, मजबूत प्रक्रियाएं, सुदृढ़ कार्यक्रम और मजबूत साझेदारी की वजह से हम लाखों युवाओं को भारत के विकास कार्यों का हिस्सा बना पाए। मैजिक बस को लगातार मिल रही सफलता, हमारी तेज रफ्तार तथा आगे की सोच का परिणाम है। हम अधिक युवाओं तक पहुंचने और उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए नए अवसरों की तलाश कर रहे हैं। मैजिक बस भारत में सबसे बड़े एनजीओ में से है और बड़े स्तर पर युवाओं को लाइफ स्किल की शिक्षा देने और उन्हेंज नए-नए हुनर सिखाने में अग्रणी है। मैजिक बस दो प्रमुख कार्यक्रमों: किशोर विकास कार्यक्रम और आजीविजका कार्यक्रम के माध्याम से 12-18 वर्ष के किशोरों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करता है। साथ ही 21वीं सदी में सफल होने के लिए बेहद जरूरी उच्च-स्तरीय सोच और सामाजिक-भावनात्मक शिक्षा देने का काम कर रहा है। इन कार्यक्रमों को दो तरीकों से लागू किया जाता है: प्रत्यक्ष रूप से संस्था के कर्मचारियों द्वारा नेतृत्व कार्यक्रम और सरकारी साझेदारी कार्यक्रम।
प्रत्यक्ष कार्यक्रम में मैजिक बस के योग्य व अनुभवी जीवन कौशल एवं अकादमिक प्रशिक्षण, किशोरों को स्कूलों व कम्युनिटी लर्निंग सेंटर्स (सीएलसी) में अनुभावनात्मक, गतिविधि आधारित जीवन कौशल एवं बुनियादी साक्षरता एवं संख्यात्मक ज्ञान का कौशल प्रदान किया जाता है। इस कार्यक्रम के पूरे पाठ्यक्रम में किशोरों को ऐसी जानकारियां दी जाती हैं, जो उन्हें अपनी ग्रेड के अनुसार सीखने में मदद कर पाएं। साथ ही उन्हें जिंदगी के ऐसे कौशल सिखाए जाते हैं, जो उन्हें एजेंसी के लिए तैयार करते हैं। उन्हें जीवन से जुड़े फैसले लेने में मदद करते हैं और लैंगिकता को लेकर संवेदनशील नजरिया देते हैं। यह कार्यक्रम किशोरों का स्कूली शिक्षा से जीविकोपार्जन की दिशा में आगे बढ़ना आसान बनाता है। पिछले कई वर्ष में यह कार्यक्रम 3.31 लाख किशोरों तक पहुंचा है। साथ ही 23 राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेशों के 2,155 स्कूल तथा 335 केएलसी इससे जुड़े हैं।
सरकारी साझेदारी कार्यक्रम के माध्यम से मैजिक बस बड़े पैमाने पर संचालन करता है और जीवनयापन की सीख देने के लिए आठ राज्यों की सरकारों से साझेदारी की है। राज्य सरकारों के साथ साझेदारी, व्यवस्था में बदलाव पर केंद्रित है। मैजिक बस फाउंडेशन, स्कूल शिक्षा विभाग के एक तकनीकी अंग के रूप में काम करता है, इससे शिक्षा व्यवस्था में लाइफ स्किल को शामिल करने में मदद मिलती है। इसके तहत शिक्षा विभाग के विभिन्न अंगों, जैसे स्टेट कौंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एससीईआरटी), डिस्ट्रिक्ट इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशनल ट्रेनिंग (डीआईईटी) के साथ-साथ युवा मामले एवं खेल विभाग, जनजातीय कार्य विभाग जैसे विभागों के साथ साझेदारी शामिल है। मैजिक बस के साथ साझेदारी के क्रम में शिक्षा विभाग उस राज्य के हिसाब से जीवनयापन से जुड़ी योग्याताओं का पाठ्यक्रम तैयार कर रहे हैं। ये विभाग, स्कूली शिक्षकों को ट्रेनिंग देने योग्य, मास्टर ट्रेनर दल (डीआईईटी, ब्लॉक तथा क्लस्टर संसाधन व अनुभवी शिक्षक) की पहचान कर उन्हें प्रशिक्षित कर रहे हैं। इस अभियान के तहत, जिंदगी जीने के तरीके सिखाने के लिए 24,759 सरकारी स्कूल शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। इसकी वजह से इस कार्यक्रम की पहुंच व प्रभाव का विस्तार हुआ है।
आजीविका कार्यक्रम, 18-25 वर्ष के युवाओं को सर्विस सेक्टर में स्थायी नौकरी पाने में सहायता के लिए कौशल विकास का एक वैकल्पिक तरीका लेकर आया हैं। ये जिंदगी में बदलाव लाने और नौकरी पाने के कौशल पर केंद्रित है। यह कार्यक्रम काम के अनुसार कौशल का विकास कर उन युवाओ को तैयार करता है जो जॉब मार्केट में पहली बार कार्य करने जा रहे है । इस तरह के सहयोग से उन्हें अपने कॅरियर में सफल होने और अपनी व्यक्तिगत रूप से तैयार करने में मदद मिलती है। इससे वे आर्थिक योगदान देकर परिवार की वार्षिक आय को दोगुना करने में अपनी भूमिका निभा पा रहे हैं। 17 राज्यों में बनाए गए 117 आजीविका केंद्रों के साथ-साथ 1,052 कॉलेजों का इससे जुड़ना, कम्युनिटी तथा शैक्षिणक संस्थानों के साथ सफल साझेदारी का प्रमाण है। मैजिक बस, अपने फ्लैगशिप कार्यक्रमों, रूढ़ियों को तोड़ने और महिलाओं एवं पुरुषों को सशक्त बनाकर समानता लाने पर जोर देता है।
किशोर कार्यक्रम के प्रतिभागियों में 52% लड़कियां हैं जो कि लाइफ स्किल k के माध्यम से सशक्तै हुई हैं इससे उनकी आत्मनिर्भरता, स्कूल में नियमितता और आत्मविश्वास में बढ़ोतरी हुई है। वे अपनी पढ़ाई पूरी करने और एक जागरूक निर्णय लेने में सक्षम हो रही हैं। लैंगिक समानता का माहौल तैयार करके, इस कार्यक्रम ने किशोरों को पारंपरिक लैंगिक भूमिकाओं पर सवाल खड़े करने में मदद की है। यह कार्यक्रम एक ऐसा सहयोगी समुदाय तैयार करने में मदद कर रहा है जो कि समान अवसरों को प्रोत्साहित करता है। लड़कियों के कौशल को निखारने के लिए 17 कन्या केंद्रों के साथ इस आजीविका कार्यक्रम के प्रतिभागियों में 60% संख्या लड़कियों की है। ये कार्यक्रम युवा लड़कियों को अपने कॅरियर और जीवन के बारे में जागरूक निर्णय लेने में सक्षम बनाती हैं। वे अपने परिवार को सम्मान के साथ जीवन जीने में सहयोग दे पा रही हैं। इस तरह के साझा प्रयास, मैजिक बस की लैंगिक समानता के संकल्प को दर्शाता है। इससे भारत के चहुमुखी विकास में महिलाओं तथा पुरुषों की भागीदारी सुनिश्चित होती है और वे अपने समुदायों के भीतर बदलाव लाने वाले सहभागी के रूप में नजर आते हैं।
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